वैसे तो कान महोत्सव को शुरू करने की बात 1939 में हुई थी, पतझड़ के मौसम में. फ्रांस में कला जगत के दिग्गज चाहते थे कि वेनिस फिल्म महोत्सव को फ्रांस की तरफ से एक कड़ी टक्कर दी जाए. 1938 में इतालवियों ने तानाशाह मुसोलिनी के बेटे वितोरियो की एक फिल्म और नाजी सोच का समर्थन करने वाली अदाकार लेनी रीफनश्टाल की फिल्म ओलंपिया दिखाई थी.
कान महोत्सव के संस्थापक फिलीप एरलांगर चाहते थे कि कान में ऐसा महोत्सव बने जो यूरोप में तानाशाही के विकल्प के रूप में सामने आए. उनके मुताबिक नाजी विचारधारा की वकालत करने वाले और हिटलर के करीबी योसेफ गोएबेल्स तय करना चाहते थे कि वेनिस में किस फिल्म को इनाम मिले.
आखिरकार 20 सितंबर 1946 में कान फिल्म महोत्सव का उद्घाटन किया गया. 1952 से महोत्सव को मई में कराने का फैसला लिया गया. आज भी कान में फिल्म महोत्सव फेस्टिवल पेलेस से जोड़ा जाता है. वहां आने वाले सितारे फिल्मों के प्रमोशन के साथ साथ नए डिजाइनरों के कपड़े भी दिखाते हैं, फिल्म कंपनियां अपना प्रचार करती हैं और फ्रांस को भी अपनी संस्कृति को पेश करने और बेचने का मौका मिलता है.
फ्रांस के कान फिल्म महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है. दुनिया भर से 4,580 पत्रकार यहां पहुंचे हैं. प्रतियोगिता के लिए 1700 फिल्मों में से अंतिम चुनाव किया गया है. इनमें से एक को 'पाल्मा दे ओर' से नवाजा जाएगा.
तस्वीर: Getty Imagesलॉरियल से जुड़े होने के कारण सोनम कपूर को भी कान आने का मौका मिला. वे काले लिबास में रेड कार्पेट पर नजर आईं. उनके गाउन की हर कहीं तारीफ हुई.
तस्वीर: Getty Imagesमल्लिका शेरावत को फेस्टिवल की शुरुआत में ही रेड कार्पेट पर आने का मौका मिला. हालांकि इतनी सारी मशहूर हस्तियों के बीच वे गुम सी गयीं.
तस्वीर: Getty Images1952 से चला आ रहा कान फिल्म महोत्सव हर साल मई के महीने में फ्रांस में शुरू होता है. इस बार यहां 60 फिल्में दिखाई जा रही हैं.
कान के मशहूर रेड कार्पेट पर चलने का ख्वाब हर फिल्मी सितारे का होता है. यह कार्पेट 60 मीटर लंबा है. मंगलवार को ऐश्वर्या राय बच्चन यहां होंगी.
तस्वीर: FDC/ L. Fauquembergueनिकोल पिछले साल जज की भूमिका में कान पहुंची थीं. इस बार वह ग्रेस केली के बारे में विवादों में घिरी फिल्म 'ग्रेस ऑफ मोनाको' के साथ यहां आईं.
तस्वीर: Reutersफिल्म में टिम रॉथ मोनाको के राजकुमार राइनर तृतीय का किरदार निभा रहे हैं. 'ग्रेस ऑफ मोनाको' को ले कर समीक्षकों की मिली जुली प्रतिक्रिया है.
तस्वीर: Reutersकान में सर्वश्रेष्ठ फिल्म को दिए जाने वाले पुरस्कार 'पाल्मा दे ओर' में 19 पत्तियां हैं, जो 18 कैरट सोने की बनी हैं.
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