आज ही के दिन सुमात्रा के तट के पास समुद्री तूफान में यात्रियों से भरी नाव डूब गई थी. इस नाव में सवार 340 लोगों की पानी में डूबने से मौत हो गई.
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21 जनवरी 1996, यही वह दिन है जब इंडोनेशिया में भयानक नाव हादसा हुआ था. 555 टन वजनी गुरिता नाव का इस्तेमाल नौकाविहार के लिए होता था. इस नाव का इस्तेमाल इंडोनेशिया के द्वीपों तक जाने के लिए किया जाता था. 21 जनवरी को गुरिता जकार्ता से सबंग के लिए रवाना हुई थी. हालांकि नाव में कितने लोग सवार थे. इस बारे में आधिकारिक जानकारी नहीं लग पाई. लेकिन अंदाजा लगाया जाता है कि उस वक्त नाव में करीब 400 लोग सवार थे जो कि गुरिता के आधिकारिक क्षमता से कहीं अधिक थे.
नाव जब सबंग से 10 किलोमीटर दूर थी समंदर में तेज तूफान आया. तेज लहरों में जहाज हिलने लगा. लोगों में लाइफ जैकेट को लेकर मारा मारी शुरू हो गई. कई लोग उस तूफान में समंदर में कूदने को मजबूर हुए. तेज लहरों में गुरिता समंदर में डूब गई. कुछ लोगों ने जैसे तैसे अपनी जान बचाई. इस हादसे में 47 लोग बच गए. हादसे में मारे गए ज्यादातर लोगों के शव कभी मिले ही नहीं. इस बात के संकेत नहीं मिले कि नाव में सवार अधिक लोगों की वजह से नाव समंदर में डूबी या फिर कोई और कारण था.
फेरी दुर्घटनाओं का दर्दनाक सिलसिला
दुनिया के किसी ना किसी हिस्से से बड़ी फेरी दुर्घटनाओं की खबरें आती रहती हैं. आंकड़े बताते हैं कि पिछले दस साल में हर साल 500 से ज्यादा लोग इन दुर्घटनाओं में मारे गए हैं.
तस्वीर: AFP/Getty Images
चीन: जून 2015
चीन के हुबेई प्रांत में यांग्सी नदी पर करीब 450 लोगों वाली एक यात्री नाव पलट गई. 50 से 80 साल की उम्र के यात्रियों को ले जा रही यह नाव चक्रवाती तूफान की चपेट में आ गई थी. चीन सरकार ने दुर्घटना के बचाव अभियान में 3,000 से अधिक अर्द्धसैनिक बल के जवानों और 50 से ज्यादा नावों को तैनात किया है.
तस्वीर: imago/Xinhua/Xiao Yijiu
दक्षिण कोरिया: 2014
दक्षिण कोरिया के दक्षिणी द्वीप के पास यह फेरी दो घंटे तक समुद्री लहरों और हवा के भारी झोंकों से जूझते हुए अंत में डूब ही गई. हादसे के समय फेरी में स्कूली बच्चों और टीचरों समेत 477 यात्री सवार थे जो छुट्टियां मनाने जेजू रिसॉर्ट जा रहे थे.
तस्वीर: Reuters
फिलिपींस: 2013, 2008
2013 में फिलिपींस के सेबू के पास रात के अंधेरे में 200 लोगों को ले जा रही एक फेरी एक कार्गो जहाज से टकराकर डूब गई. इसमें 71 लोग नारे गए. 2008 में एमवी प्रिंसेस नाम के एक बड़े जहाज के तूफान में फंस कर डूबने से 800 जानें गईं.
तस्वीर: AFP/Getty Images
तंजानिया: 2012
बचावकर्मी 18 जुलाई, 2012 को तंजानिया मेनलैंड और जंजीबार के बीच उलट गए जहाज से लोगों के शव निकालते हुए. इस फेरी में 290 यात्री और चालक दल के लोग थे जिसमें से कम 144 लोग मृत या लापता हो गए.
तस्वीर: AFP/Getty Images
भारत: 2012
आपदा बचाव दल कर्मी पूर्वोत्तर राज्य असम के पास ब्रह्मपुत्र नदी में दुर्घटनाग्रस्त हुई एक फेरी से लोगों को बचाने की कोशिश में. अचानक आए तेज तूफान में फंसने से फेरी के दो टुकड़े हो गए और इसमें सवार 200 से भी ज्यादा लोगों की डूब कर मौत हो गई.
तस्वीर: AFP/Getty Images
तंजानिया: 2011
जंजीबार के दो द्वीपों के बीच डूब जाने से 'स्पाइसी आइलैंडर' नामकी एक फेरी में सवार 200 से भी ज्यादा लोग मारे गए. इसी फेरी से यात्रा कर रहे अन्य 600 लोगों को बचा लिया गया. बचाए गए यात्री जंजीबार के एक अस्पताल में भर्ती किए गए.
तस्वीर: AFP/Getty Images
इंडोनेशिया: 2009, 2006, 2005, 2000
यह द्वीप समूह कई फेरी दुर्घटनाओं का गवाह रहा है. जनवरी 2009 में सुलावेसी द्वीप के पास चक्रवात में फंसी एक फेरी के डूबने से 200 से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई. 2006 में जावा के तट के पास एक फेरी डूबने से 400 से भी ज्यादा मौतें हुईं.
तस्वीर: AFP/Getty Images
इंडोनेशिया: 2006
दिसंबर, 2006 में सेंट्रल जावा में हुई एक और फेरी दुर्घटना से बचा कर लायी जा रही एक महिला यात्री. काफी लंबे समय तक तूफान के थपेड़े झेलने के बाद डूबने से इस जहाज के 500 से भी ज्यादा यात्री लापता हो गए थे.
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गांबिया: 2002
सेनेगाल में बनी 'जूला' नामकी इस फेरी के डूबने से 1,800 से भी ज्यादा लोग मौत की नींद सो गए. अफ्रीका के पश्चिमी तटीय क्षेत्र से गुजर रही जूला को बेहद अशांत समुद्र ने पूरी तरह पलट दिया था.