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इतिहास में आजः 22 जून

आभा मोंढे२१ जून २०१३

डॉन कभी रांग नहीं होता...इस संवाद से बहुत ज्यादा दम उस आवाज में था जिस पर टिका चेहरा नजर आते ही हॉल में सन्नाटा छा जाता. दर्शकों को डराने के लिए तो मोगेंबो का खुश होना भी काफी था.

Bollywood actor Amrish Puri looks on during the music release of Hindi film Dev in Bombay, India, May 24, 2004. Bollywood's favorite villain Amrish Puri died Wednesday, Jan. 12, 2005 in a Bombay hospital from a brain hemorrhage, a hospital official said. He was 72. (AP Photo/Rajesh Nirgude)
तस्वीर: AP

अमरीश पुरी. 22 जून 1932 को अमरीश पुरी का जन्म पंजाब के नवांशहर में हुआ. उनके बड़े भाई चमन पुरी और मदन पुरी भी फिल्म उद्योग में थे. अमरीश पुरी भी इसी काम में आना चाहते थे लेकिन वह स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए. एम्प्लॉइज स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन में काम करने के साथ उन्होंने पृथ्वी थिएटर में काम करना शुरू किया. सत्यदेव दुबे के नाटकों ने उन्हें खूब प्रसिद्धि दिलाई और 1979 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
बस इसके बाद विज्ञापनों और फिल्मों ने उनके लिए अपने दरवाजे खोल दिए. 40 की उम्र में उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू किया. हिन्दी की मिस्टर इंडिया जैसी फिल्मों से वो विलेन के तौर पर फेमस हो गए. अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में उन्होंने गांधी फिल्म में खान की भूमिका निभाई थी. इसके अलावा स्टीवन स्पीलबर्ग की इंडियाना जोन्स और टेम्पल ऑफ डूम ने भी उन्हें खूब प्रसिद्धि दिलाई. भारी आवाज और फेल्ट हैट वाले अमरीश पुरी की खलनायकी लंबे समय तक हिंदी फिल्मों में लोगों का गुस्सा और नफरत बटोरती रही हैं. 12 जनवरी 2005 को ब्रेन हेमरेज के कारण उनकी मौत हो गई.

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