विश्वविख्यात न्यूरोलॉजिस्ट सिगमंड फ्रॉयड 1939 में आज ही के दिन स्वर्गवासी हुए थे. यहूदी माता पिता की संतान फ्रॉयड पढ़ने लिखने में बेहद प्रतिभाशाली थे. वह यूनिवर्सिटी ऑफ वियना से पढ़ाई पूरी कर 1881 में डॉक्टर बन गए थे. मरीज और डॉक्टर के बीच बातचीत के जरिए मनोविश्लेषण करने और उसके जरिए इलाज के तरीके ढूंढने की शुरुआत फ्रॉयड ने ही की.
इंसान का दिमाग शुरू से ही उन्हें आकर्षित करता था और उसके रहस्यों को खोलने की जिज्ञासा उम्र भर कायम रही. चिकित्सा के साथ ही जीवन, मृत्यु, सेक्स, सपने और स्त्री पुरुष के संबंधों पर नई धारणाओं ने उन्हें एक महान वैज्ञानिक और विचारक बनाया.
फ्रॉयड के सिद्धांतों और विचारों पर बहुत विवाद भी हुए. जर्मनी में नाजी शासन के दौरान फ्रॉयड और उनके विचारों पर काफी हमले हुए. इसके अलावा फ्रॉयड के विचारों को धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं के विरुद्ध मान कर भी बड़ा विरोध हुआ और एक नई बहस शुरू हुई जिसके सिरों का विस्तार बहुत दूर तक जाता है. इन सिद्धांतों और उनसे उठे सवालों पर चर्चा उनकी मौत के सात दशक बाद भी जारी है.
क्या काम के तनाव के कारण आप पूरी नींद नहीं ले पाते? अच्छी सेहत के लिए अपने खाने पीने के साथ नींद पर भी ध्यान दें और कम से कम आठ घंटे जरूर सोयें.
तस्वीर: Fotolia© auremar #47175777टीवी, सेलफोन और लैपटॉप की कीमत में अब नींद भी जुड़ गई है. हर इंसान की जरूरत बनते जा रहे ये गैजेट लोगों से उनकी नींद छीन रहे हैं. तकनीक का विकास लोगों को उनकी दैनिक जिंदगी की जरूरी चीजों से दूर ले जा रहा है.
तस्वीर: Syda Productions - Fotolia.comकिशोरों को औसतन सवा नौ घंटे की नींद लेनी चाहिए लेकिन ज्यादातर पढ़ने वाले बच्चे सप्ताह के कामकाजी दिनों में औसतन साढ़े सात घंटे की नींद ही ले पा रहे हैं. अगर बच्चों का स्कूल में प्रदर्शन सुधारना है तो उनके कमरे से मोबाइल और कंप्युटर जैसी चीजें बाहर निकालनी होगी.
तस्वीर: picture-alliance/dpaदोपहर बाद की झपकी तो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है. इससे मूड के साथ साथ काम की गुणवत्ता सुधरती है. शोध बताते हैं कि जो लोग खाने के बाद नियमित रूप से झपकी लेते हैं उनको हार्ट अटैक का खतरा कम होता है.
तस्वीर: fotodesign-jegg.de - Fotolia.comहल्की नींद से तनाव में रहने वाले तंत्रिका तंत्र को भी आराम मिलता है. इसका मतलब ये हुआ कि दिल की धड़कन भी कम हो जाती है. नाड़ी की गति धीमी हो जाती है. ब्लड प्रेशर और शरीर का तापमान भी कम हो जाता है.' झपकी लेना तरोताजा होने का सबसे कारगर तरीका है.
तस्वीर: Fotolia/Janina Dierksकई शोध बताते हैं कि एक रात न सोने पर एक स्वस्थ इंसान के शरीर में ऊर्जा की खपत में 5 से 20 फीसदी तक की कमी आ जाती है. कई दूसरे अध्ययनों में देखा गया है कि पांच घंटे तक या उससे कम सोने वालों में वजन बढ़ने की संभावना ज्यादा होती है.
तस्वीर: PeJo - Fotolia.comएक रात न सोने पर एक स्वस्थ इंसान के शरीर में ऊर्जा की खपत में 5 से 20 फीसदी तक कमी आ जाती है. ठीक से नींद न आने पर अगली सुबह ही ब्लड शुगर, भूख नियंत्रित करने वाले हार्मोन घ्रेलीन और तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन कोर्टिजोल की मात्रा बढ़ जाती है.
तस्वीर: DW/S. al Farraलंबे समय तक नींद की गोलियों का इस्तेमाल जानलेवा साबित हो सकता है. इन दवाओं के अधिक इस्तेमाल से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने का खतरा भी बढ़ जाता है.
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