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इतिहास में आजः 26 जनवरी

२५ जनवरी २०१४

2001 में भारत में 26 जनवरी गुजरात के लिए तबाही लेकर आया. विनाशकारी भूकंप ने करीब कई हजार लोगों को लील लिया, जबकि चार लाख घरों को नेस्तनाबूद कर दिया.

Erdbeben Indien 2001
तस्वीर: SEBASTIAN D'SOUZA/AFP/Getty Images

रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 7.6 और 7.7 के बीच आंकी गई, जो बेहद खतरनाक श्रेणी का होता है. करीब 700 किलोमीटर दूर तक झटके महसूस किए गए. गुजरात के 21 जिले जलजले से हिल गए और छह लाख लोगों को बेघर होना पड़ा.

भारत जिस वक्त 52वां गणतंत्र दिवस मना रहा था, सुबह पौने नौ बजे गुजरात का भुज भूकंप से हिल उठा. आखिरी आंकड़ों के मुताबिक कच्छ और भुज में 12,000 से ज्यादा लोगों की जान गई. भुज भूकंप के केंद्र से सिर्फ 12 किलोमीटर दूर बसा शहर है. भचाऊ और अंजार भी बुरी तरह प्रभावित हुए. गांव के गांव मिट्टी में मिल गए, ऐतिहासिक इमारतें जमींदोज हो गईं. भुज में 40 फीसदी घर, आठ स्कूल, दो अस्पताल और चार किलोमीटर सड़क स्वाहा हो गए.

ढहे हुए ऐतिहासिक स्थल से गुजरता शख्सतस्वीर: JARKO DATTA/AFP/Getty Images

अमेरिकी अखबार लॉस एंजेलिस टाइम्स ने अगले दिन साइमन केसी ली और जॉन थोर दालब्रुग की रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें लिखा था, "भूकंप के बाद की रात अहमदाबाद की सड़कों के किनारे लोग तंबू लगाने लगे, किसी तरह अलाव जला कर गर्मी हासिल करने की कोशिश करने लगे. राहतकर्मी नंगे हाथों में सर्चलाइट पकड़ कर बचे हुए लोगों को निकालने का प्रयास करने लगे."

रिपोर्ट में लिखा गया, "भूकंप पीड़ित लोगों के खून से सने शरीर को राहतकर्मी अपने हाथों से निकाल रहे हैं. कपास उत्पादन की वजह से इस शहर को 'मैनचेस्टर ऑफ ईस्ट' कहते हैं, जहां मलबों में ड्रिलिंग करके जिंदगी की तलाश हो रही है. जैसे ही एक बुलडोजर मलबा साफ करने पहुंचा, पास खड़े लोग स्तब्ध होकर देखने लगे."

भूकंप का असर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर भी पड़ा. भुज और पास के अहमदाबाद शहरों में तेजी से राहकर्मियों को भेजा गया, लेकिन मलबों से जीवन निकालने का काम आसान नहीं था. इसमें भारतीय सेना की भी मदद ली गई, जबकि कई स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य भी गुजरात पहुंचे. गणतंत्र दिवस और छुट्टी का दिन होने की वजह से लोग घरों पर थे और आम तौर पर टीवी पर गणतंत्र दिवस की झांकियां देख रहे थे.

उस वक्त के भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने "युद्ध स्तर पर" राहत की अपील की और पूरे देशवासियों से कहा, "आपको एक साथ मिल कर इस आपदा से लड़ना चाहिए."

एजेए/एजेए

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