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इतिहास में आज: नौ फरवरी

८ फ़रवरी २०१४

कार उद्योग के अग्रणी रहे और लग्जरी कार ब्रांड मायबाख की शुरुआत करने वाले जर्मन इंजीनियर विलहेम मायबाख का आज ही दिन जन्म हुआ था.

Wilhelm Maybach
तस्वीर: picture-alliance/KPA/HIP/National Motor Museum

विलहेल्म मायबाख का जन्म 9 फरवरी 1846 को जर्मनी के हाइलब्रोन में हुआ था. 1885 में मायबाख और उनके गुरू जर्मन इंजीनियर गोटलिब डाइमलर ने एक हाईस्पीड, फोर स्ट्रोक इंटरनल कम्बशन इंजन तैयार किया था. मायबाख और डाइमलर ने इस इंजन को एक साइकिल पर लगाया जो दुनिया की पहली मोटरसाइकिल के तौर पर भी जानी जाती है. इसके बाद दोनों ने उस इंजन को एक गाड़ी के साथ जोड़ा, जिसका निर्माण मोटर चालित वाहन के तौर हुआ.

1890 में डाइमलर और अन्य साझेदारों ने मिलकर डाइमलर मोटर कंपनी बनाई. कंपनी का गठन इंजन और गाड़ी बनाने के मकसद से किया गया. विलहेल्म मायबाख ने 1900 में पहली मर्सिडीज कार विकसित की थी. 1907 में मायबाख ने डाइमलर कंपनी छोड़ने के बाद अपने इंजीनियर बेटे के साथ नए सिरे से कारोबार की शुरुआत की. 1921 में वे अपनी पहली कार मायबाख के नाम से लेकर आए.

मायबाख कार की तस्वीरतस्वीर: AP

उनकी कार मायबाख डब्ल्यू 3 को बर्लिन ऑटो शो में पेश किया गया. 1920 और 1930 के दौर में अमीरों के लिए मायबाख दमदार, तकनीकी रूप से परिष्कृत कस्टम कार बनाने वाली कंपनी के तौर पर जाने जानी लगी. 29 दिसंबर 1929 को 83 साल की उम्र में मायबाख का निधन हो गया. दूसरे विश्व युद्ध के बाद कंपनी को मरम्मत के लिए बंद किया गया लेकिन वहां दोबारा उत्पादन कभी शुरू नहीं हो पाया.

मर्सिडीज ने 1960 में मायबाख को खरीद लिया लेकिन कार का निर्माण फिर भी नहीं किया गया. 1997 में मर्सिडीज बनाने वाली डाइमलर कंपनी ने मायबाख को दोबारा दुनिया के सामने लाने का फैसला किया. आज भी बाजार में मायबाख का नाम कायम है. मायबाख अभी भी बाजार में मर्सिडीज बेंज मायबाख के नाम से ही बिकती है.

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