सत्याग्रह का मतलब है सत्य का आग्रह करना या सत्य पर अटल रहना. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ अपने अभियान के लिए गांधीजी एक नया शब्द चाहते थे. उन्होंने इसके लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जिससे फिर सत्याग्रह शब्द निकला. गांधी के लिए सत्याग्रह अहिंसा या निष्क्रिय प्रतिरोध से कहीं ज्यादा था.
उनका मानना था कि सत्य का अर्थ प्रेम है और आग्रह वह ताकत है जो इस सत्य और प्रेम यानी अहिंसा से पैदा होता है. गांधी ने फिर निष्क्रिय प्रतिरोध का इस्तेमाल खत्म कर दिया. इसके बाद से अंग्रेजी में भी सत्याग्रह शब्द का ही इस्तेमाल होने लगा.
सत्याग्रह का अहम हिस्सा है अहिंसा, क्योंकि सिर्फ अहिंसा से ही सत्य तक पहुंचा जा सकता है. सत्याग्रह का मतलब है अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना, बिना अपराधी पर हाथ उठाए. सत्याग्रह में आप खुद मुश्किलों का सामना करते हैं और इसलिए सत्याग्रही उपवास करता है. किसी भी सत्याग्रही का मकसद है कि वह उसे दुख पहुंचाने वाले को अहिंसा से बदले, न कि उसे जबरन अपनी सोच बदलने पर मजबूर करे.
इंग्लैंड जाकर कानून की पढ़ाई करने वाले मोहनदास करमचंद गांधी के जीवन के वो पड़ाव जिन्होंने उन्हें महात्मा बना दिया.
तस्वीर: APअपने सबसे छोटे बेटे देवदास के साथ बापू. यह तस्वीर 1931 में लंदन में ली गई. महात्मा गांधी ने अपने परिवार पर वही अनुशासन लागू किया जो बाकी दुनिया से चाहा.
तस्वीर: APयह तस्वीर 1915 में ली गई जब मोहनदास करमचंद गांधी अपनी पत्नी कस्तूरबा के साथ दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे. भारत आने के बाद उन्हें रवींद्र नाथ टैगोर ने पहली बार महात्मा कह कर पुकारा. इसके बाद ही उन्हें महात्मा गांधी के नाम से जाना जाने लगा.
तस्वीर: AP1944 में ब्रिटिश अधिकारियों से बातचीत करने जब बापू मुंबई आए तो रेलवे स्टेशन पर उनका जोरदार स्वागत हुआ. हजारों लोग सिर्फ उनकी एक झलक पाने के लिए मीलों पैदल चलकर आए थे.
तस्वीर: APमैं जितनी बार चरखे से सूत निकालता हूं उतनी ही बार भारत के गरीबों का विचार करता हूं: गांधी
तस्वीर: APआजादी से पहले भारत में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ गया. जगह जगह हिंदू मुस्लिम दंगे होने लगे. इन परिस्थितियों में 1944 में गांधी जी मुस्लिम लीग के प्रमुख मोहम्मद अली जिन्ना के पास गए. जिन्ना ने बेहद आदर के साथ गांधी की एक एक बात सुनी.
तस्वीर: AP"सत्य से ऊपर कोई भगवान नहीं है. ताकत शारीरिक क्षमता से नहीं आती है. ताकत अदम्य इच्छाशक्ति से आती है." गांधी ने जो कहा, उसे पहले कर के दिखाया. फिल्म 'गांधी' में बेन किंग्सले.
तस्वीर: picture-alliance/Mary Evans Pi''यदि भारत ने हिंसा को अपना धर्म स्वीकार कर लिया और यदि उस समय मैं जीवित रहा, तो मैं भारत में नहीं रहना चाहूंगा. तब वह मेरे मन में गर्व की भावना उत्पन्न नहीं करेगा.'' इतनी बड़ी बात कहने वाला आदमी ही जाति, धर्म और देश की सीमाओं से परे जन जन के मन पर राज कर सकता है. जोहानिसबर्ग में बापू की मूर्ति.
तस्वीर: picture-alliance/dpa''संस्था जितनी बड़ी होगी, उसके दुरुपयोग की संभावनाएं भी उतनी ही बड़ी होंगी. लोकतंत्र एक बड़ी संस्था है, इसलिए उसका दुरुपयोग भी बहुत हो सकता है.लेकिन उसका इलाज लोकतंत्र से बचना नहीं, बल्कि दुरुपयोग की संभावना को कम से कम करना है.'' आज गांधी कहां हैं?
तस्वीर: Thomas Weißenfels/Fotolia''विदेशी भाषा के माध्यम ने बच्चों के दिमाग को शिथिल कर दिया है, उनके स्नायुओं पर अनावश्यक जोर डाला है, उन्हें रट्टू और नकलची बना दिया है तथा मौलिक कार्यों और विचारों के लिए सर्वथा अयोग्य बना दिया है. इसकी वजह से वे अपनी शिक्षा का सार अपने परिवार के लोगों तथा आम जनता तक पहुंचाने में असमर्थ हो गए हैं.''
तस्वीर: APभारत पाकिस्तान विभाजन के वक्त हुए दंगों से गांधी जी इतने दुखी हुए कि वह आमरण अनशन पर बैठ गए. छह दिन बाद 18 जनवरी 1948 को जब हिंदू, मुस्लिम और सिख नेताओं ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह शांति बहाल कराएंगे तो बापू के पेट में अन्न का दाना गया.
तस्वीर: AP30 जनवरी 1948, हिंदू कट्टरपंथियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की गोली मार कर हत्या कर दी. कट्टरपंथी गांधी जी के धार्मिक सहिष्णुता के सिद्धांत के विरोधी थे. दुनिया को अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले साबरमती के संत को अपने ही देश के कुछ लोग नहीं समझ पाए.
तस्वीर: AP''सच्चा स्वराज्य थोड़े लोगों के द्वारा सत्ता प्राप्त कर लेने से नहीं बल्कि जब सत्ता का दुरुपयोग होता हो तब सब लोगों के द्वारा उसका प्रतिकार करने की क्षमता प्राप्त करके हासिल किया जा सकता है.आजादी नीचे से शुरू होनी चाहिए.''
तस्वीर: APगांधी जी की हत्या के आरोपियों पर चले मुकदमे की सुनवाई लाल किले में हुई. नाथूराम गोडसे और नारायण आप्टे को फांसी की सजा हुई. गोपाल गोडसे को उम्रकैद हुई. कुछ आलोचक कहते हैं कि हत्यारों को फांसी देने का फैसला करते ही भारत ने बापू के अहिंसा के विचारों को तिलाजंलि दे दी.
तस्वीर: picture-alliance/ZBमहात्मा गांधी अब विचारों, तस्वीरों और मूर्तियों में हैं. दुनिया के 20 से ज्यादा देशों के किसी एक प्रमुख शहर में गांधी जी की प्रतिमा दिखाई पड़ती है. लेकिन भारत में गांधी कहां बचे हैं? आप पूछते हैं खुद से यह सवाल?
तस्वीर: picture-alliance/Soeren Stache