इतिहास में आज: 18 जनवरी
१७ जनवरी २०१४1896 में आज ही के दिन पहली बार एक्स रे मशीन को दुनिया के सामने लाया गया. एक्स रे मशीन चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांतिकारी अविष्कार की तरह सामने आई. इसमें एक्स किरणों के इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरण की तकनीक का इस्तेमाल होता है. इस विकिरण की मदद से शरीर के भीतर हड्डियों की तस्वीर ली जाती है. एक्स किरणों का इस्तेमाल इस तरह की चिकित्सीय जांच के अलावा स्टेरिलाइजेशन और फ्लोरेसेंस में भी होता है.
एक्स रे की खोज ब्रिटेन के वैज्ञानिक विलियम क्रुक्स की इलेक्ट्रिकल डिसचार्ज ट्यूब की मदद से हुई. 1895 में विलहेल्म रोएंटगेन ने क्रुक्स ट्यूब पर प्रयोग के दौरान एक्स किरणों के विकिरण को देखा. पहली एक्स रे तस्वीर रोएंटगेन ने अपनी पत्नी के हाथ की निकाली. इस तस्वीर में हड्डियों के साथ अंगूठी की भी आकृति उभर कर सामने आई. इससे काफी कुछ स्पष्ट हो गया. 1896 में एचएल स्मिथ ने एक्स किरणों के विकिरण की तकनीक का इस्तेमाल कर पहली एक्स रे मशीन बनाकर 18 जनवरी को दुनिया के सामने पेश की.
1940 और 1950 के दशक में एक्स रे मशीन का इस्तेमाल जूतों की दुकानों में माप के लिए भी होता था. शीघ्र ही इसके विपरीत प्रभावों का पता चलने पर इनका इस्तेमाल बंद हो गया. सबसे पहले इसके ऐसे इस्तेमाल पर रोक अमेरिकी प्रांत पेनसिल्वेनिया में 1957 में लगी थी.