इतिहास में आज: 18 फरवरी
१७ फ़रवरी २०१४अमेरिका में एरिजोना की लोवेल ऑब्जरवेटरी में खगोलशास्त्री क्लाइड डब्ल्यू टॉमबॉ ने की थी. हालांकि प्लूटो के होने की संभावना सबसे पहले वैज्ञानिक पर्सियल लोवेल ने जताई थी. उनका कहना था कि सौरमंडल में यूरेनस और नेप्च्यून के बीच डगमगाहट एक अज्ञात ग्रह के गुरुत्वाकर्षण से है. उन्होंने इस सिलसिले में एक दशक से ज्यादा रिसर्च की, लेकिन कामयाब नहीं हुए.
1929 में उनके आकड़ों की मदद से इस ग्रह की स्थिति का अनुमान लगाया गया. अमेरिका में एरिजोना की लोवेल ऑब्जरवेटरी में 18 फरवरी 1930 को टॉमबॉ ने फोटोग्राफिक प्लेटों और ब्लिंक माइक्रोस्कोप की मदद से दूर स्थित छोटे से ग्रह की खोज की. उनकी इस खोज की कई अन्य वैज्ञानिकों ने पुष्टि भी की. 13 मार्च 1930 को ही लोवेल की जन्मतिथि और यूरेनस की खोज वाली तारीख को प्लूटो की खोज का भी एलान हुआ.
हालांकि 2006 में इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन ने प्लूटो से ग्रह का दर्जा छीन लिया. इसकी वजह एक नया नियम था, "किसी भी ग्रह की कक्षा दूसरे ग्रह की कक्षा से होकर नहीं गुजरनी चाहिए." प्लूटो की कक्षा नेप्च्यून की कक्षा को काट रही थी.