इतिहास में आज: 19 फरवरी
१८ फ़रवरी २०१४चीन में उन्हें महान राजनेता के तौर पर याद किया जाता है जिसने सामाजिक और आर्थिक सुधारों को दिशा दी. हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उनका नाम 1989 में तियानआनमेन स्क्वेयर पर लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों को दबाने के लिए सैन्य बल के इस्तेमाल से जोड़ कर याद किया जाता है. इस घटना के बाद दुनिया भर में उनकी निंदा हुई. उन्हें विरोधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए जाना जाता है.
डेंग शियाओ पिंग का जन्म 22 अगस्त 1904 को हुआ था. उन्होंने फ्रांस में पढ़ाई की और फिर 1920 में वहीं नौकरी कर ली. वह 1923 में चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी में शामिल हुए. डेंग मार्क्सवाद और लेनिनवाद से खासे प्रेरित थे और उन्होंने माओ झे डोंग के नेतृत्व में 1934 के लॉन्ग मार्च में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.
1960 में उनके प्रयासों से चीनी अर्थव्यवस्था ने उठान पकड़ी. हालांकि तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष माओ की राजनीतिक नीतियों के रहते यह आसान नहीं था. चीन में सांस्कृतिक क्रांति के दौरान उन्हें दरकिनार कर दिया गया. माओ के निधन के बाद वे फिर से सत्ता के केंद्र में वापस लौटे और 1978 में माओ के वारिस हुआ गुओफेंग को मात देकर पार्टी के सर्वोच्च नेता बने.
उन्होंने चीनी बाजार को विदेशी निवेश और निजी कंपनियों के बीच मुकाबले के लिए खोल दिया. दुनिया में तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओं में चीन को शुमार करने और चीन में लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का श्रेय उन्हीं को जाता है. हालांकि चीन में आज भी पर्याप्त राजनीतिक स्वतंत्रता न होने के लिए उनकी आलोचना भी होती है.
डेंग की मृत्यु लंबी बीमारी के बाद हुई. उन्हें पारकिंसन रोग था. वह इलाज के लिए काफी समय तक अस्पताल में रहे. उन्हें फेफड़े का संक्रमण हो गया. तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं लाया जा सका. 92 साल की उम्र में 19 फरवरी 1997 को उनका देहांत हो गया.