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इतिहास में आज: 22 अक्टूबर

वीना चड्ढा२१ अक्टूबर २०१४

साल 1797 में आज ही के दिन दुनिया में पहली बार किसी ने पैराशूट लगाकर आसमान से नीचे आने का कारनामा कर दिखाया था.

तस्वीर: Galerie Mario Mauroner Contemporary Art Salzburg-Vienna

फ्रांस के आंद्रे जाक गैर्निरे हाइड्रोजन गैस से भरे एक गुब्बारे में बैठ पेरिस से 3,200 फीट की ऊंचाई पर गए. वहां से वह अपने खुद के बनाए पैराशूट में सुरक्षित तरीके से नीचे आए. पैराशूट जैसी चीज की कल्पना तो लियोनार्डो दा विंची अपने लेखन में बहुत पहले ही कर चुके थे. इसके अलावा फ्रांसीसी भौतिकशास्त्री लुई सेबास्टियान लेनोरमाँ ने दो छातों का इस्तेमाल कर अपना एक पैराशूट बनाया और 1783 में उसे लेकर एक पेड़ से छलांग भी लगाई. मगर गैर्निरे वह पहले व्यक्ति थे जिसने ऐसा पैराशूट बनाया जो ऊंचाई से नीचे आते समय इंसान के गिरने की गति को धीमा करने में सफल था.

1797 में गैर्निरे ने अपना पहला पैराशूट बना कर तैयार किया. यह 23 फीट व्यास वाली एक छतरी जैसा था. इसके साथ बड़ी सी टोकरी जैसी संरचना जोड़ी. 22 अक्टूबर को उन्होंने अपने पैराशूट को हाइड्रोजन के गुब्बारे के साथ जोड़ा और 3,200 फीट की ऊंचाई तक गए. फिर उन्होने गुब्बारे को पैराशूट से अलग कर दिया और धीरे धीरे नीचे आने लगे. यही थी उनकी पहली सफल पैराशूट कूद.

साल 1799 में गैर्निरे की पत्नी जान जेनवियेव भी पहली महिला पैराशूटिस्ट बनी. साल 1802 में गैर्निरे ने इंग्लैंड में एक प्रदर्शनी के दौरान 8,000 फीट की ऊंचाई से शानदार कूद लगाई. एक नए पैराशूट का परीक्षण करने की तैयारियों के दौरान ही 1823 में एक गुब्बारा दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई.

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