साल 1797 में आज ही के दिन दुनिया में पहली बार किसी ने पैराशूट लगाकर आसमान से नीचे आने का कारनामा कर दिखाया था.
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फ्रांस के आंद्रे जाक गैर्निरे हाइड्रोजन गैस से भरे एक गुब्बारे में बैठ पेरिस से 3,200 फीट की ऊंचाई पर गए. वहां से वह अपने खुद के बनाए पैराशूट में सुरक्षित तरीके से नीचे आए. पैराशूट जैसी चीज की कल्पना तो लियोनार्डो दा विंची अपने लेखन में बहुत पहले ही कर चुके थे. इसके अलावा फ्रांसीसी भौतिकशास्त्री लुई सेबास्टियान लेनोरमाँ ने दो छातों का इस्तेमाल कर अपना एक पैराशूट बनाया और 1783 में उसे लेकर एक पेड़ से छलांग भी लगाई. मगर गैर्निरे वह पहले व्यक्ति थे जिसने ऐसा पैराशूट बनाया जो ऊंचाई से नीचे आते समय इंसान के गिरने की गति को धीमा करने में सफल था.
1797 में गैर्निरे ने अपना पहला पैराशूट बना कर तैयार किया. यह 23 फीट व्यास वाली एक छतरी जैसा था. इसके साथ बड़ी सी टोकरी जैसी संरचना जोड़ी. 22 अक्टूबर को उन्होंने अपने पैराशूट को हाइड्रोजन के गुब्बारे के साथ जोड़ा और 3,200 फीट की ऊंचाई तक गए. फिर उन्होने गुब्बारे को पैराशूट से अलग कर दिया और धीरे धीरे नीचे आने लगे. यही थी उनकी पहली सफल पैराशूट कूद.
साल 1799 में गैर्निरे की पत्नी जान जेनवियेव भी पहली महिला पैराशूटिस्ट बनी. साल 1802 में गैर्निरे ने इंग्लैंड में एक प्रदर्शनी के दौरान 8,000 फीट की ऊंचाई से शानदार कूद लगाई. एक नए पैराशूट का परीक्षण करने की तैयारियों के दौरान ही 1823 में एक गुब्बारा दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई.
जर्मनी में ट्रैकिंग
जर्मनी में पैदल घूमने के लिए करीब दो लाख किलोमीटर का रास्ता है. हमने आपके लिए ढूंढे हैं 10 ट्रैक जो बहुत ही खूबसूरत हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सुंदर रास्ता
18वीं सदी में जब लोग इस सपनीली जगह घूमने जाने लगे तो अजीबोगरीब से दिखने वाले ये पत्थर भी खूबसूरत बन गए. उस समय ड्रेसडेन के दक्षिणी हिस्से की इन चट्टानों के आसपास ट्रैकिंग की जाती. 2006 में इसे बाकायदा संरक्षित किया गया.
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यूरोप का ई5
ट्रैकिंग का मशहूर इलाका है बवेरिया के अलगॉय में आल्प्स पर्वत श्रृंखला. यहां आसान से मुश्किल हर तरह के रास्ते हैं. यहीं से शुरू होता है यूरोप का ट्रैकिंग ट्रैक ई5. यह फ्रांस के अटलांटिक तट से शुरू हो कर इटली के वेरोना में खत्म होता है.
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द वे ऑफ सेंट जेम्स
स्पेन के सांतियागो डे कंपोस्तेया में सेंट जेम्स की कब्र मध्ययुग से ही ईसाई श्रद्धालुओं में लोकप्रिय है और वहां तक जाने के लिए कई ट्रैकिंग वाले रास्ते हैं. जर्मनी में 30 ऐसे रास्ते हैं जो सेंट जेम्स वे कहलाते हैं.
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हाइड श्नुकेन वेग
उत्तर के लूनेबैर्गर हाइडे से निकला रास्ता गर्मियों के आखिर में जामुनी रंग का हो जाता है क्योंकि यहां खास जंगली फूल खिलते हैं. ताकि ये इलाका ऐसा बना ही रहे यहां हाइडेश्नुकेन भेड़ें हैं जो इन झाड़ियों को चर जाती हैं. हैम्बर्ग से सेले तक जाने वाले इस रास्ते का नाम इन्हीं भेड़ों के कारण पड़ा है.
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राइन के किनारे
राइन घाटी में प्रकृति, संस्कृति, इतिहास और मजा सब कुछ है. राइनश्टाइग नाम का 320 किलोमीटर का रास्ता बॉन से वीसबाडेन तक जाता है. रास्ते में किले, मठ, चर्च, अंगूर के खेत दिखाई देते हैं और साथ में खूबसूरत नदी का किनारा.
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जर्मन फ्रांसीसी बुर्गेनवेग
खास रास्ते वह हैं जो रोमांचक अनुभव देते हैं. ये रास्ते जर्मनी के ट्रैकिंग संघ ने तय किए हैं. पैलेटिनेट जंगल में ही 25 ऐसे खास रास्ते हैं. इनमें से एक जर्मनी के पैलेटिनेट और फ्रांस के एल्सास को जोड़ने वाला जर्मन फ्रांसीसी बुर्गेनवेग भी है.
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ब्रॉकन का रास्ता
हार्त्स की पहाड़ियां भी घूमने की बढ़िया जगह है. ब्रॉकन बहुत ही सुंदर है. 1,141 मीटर ऊंचा यह पर्वत हार्त्स की सबसे ऊंची जगह है. यहां ऐतिहासिक ब्रॉकेन रेल के जरिए भी जाया जा सकता है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती है तेज हवा.
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रेनश्टाइग
जर्मनी के पसंदीदा रास्तों में से एक यह भी है. यह 170 किलोमीटर लंबा रास्ता जर्मनी के दक्षिण पूर्वी प्रांत थ्युरिंजिया के जंगल से होता हुआ जाता है. जर्मनी के बंटवारे के दौरान यह रास्ता बंद था.
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ग्रीन बैंड
40 साल तक जर्मनी पूर्व और पश्चिम के बीच बंटा रहा. उस समय सीमा पर जंगल लगा दिया गया था. अब उस समय की 1,393 किलोमीटर लंबी सीमा के साथ साथ घूमा जा सकता है और सीमा की निगरानी करने वाली चौकियों सहित अतीत के प्रतीकों को देखा जा सकता है.
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वाडेन सी
उत्तरी तट का मजा ही कुछ और है यहां का जीवन कीचड़ और समंदर के बीच हिचकोले खाता है. पानी जब उतर जाता है तो खूब बड़ा इलाका घूमने के लिए खुल जाता है. उत्तरी तट का वाडेन सी यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल है.