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इतिहास में आज: 29 फरवरी

ओएसजे/आईबी२६ फ़रवरी २०१६

ऑस्कर पुरस्कारों में नस्लभेद की चर्चाएं आज भी होती हैं. लेकिन 1940 में पहली बार इस दीवार को तोड़ा गया. यह साबित हुआ कि इंसान के रंग का अभिनय की प्रतिभा से कोई लेना देना नहीं है.

तस्वीर: picture alliance/AP/Invision/D. Moloshok

29 फरवरी 1940 से पहले यह माना जाता था कि ऑस्कर पुरस्कार अश्वेत अभिनेताओं के लिए नहीं बने हैं. लेकिन हैटी मैकडैनियल के जोरदार अभिनय ने इस परंपरा को तोड़ दिया. "गॉन विद द विंड" फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सह अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया. यही हैटी मैकडैनियल अभिनय के साथ साथ कॉमेडी शो और गाने लिखा व गाया भी करती थीं.

उनकी जीत ने अफ्रीकी मूल के अमेरिकियों में नया आत्मविश्वास भरा. हॉलीवुड में काम कर रहे कई अश्वेत कलाकारों को पहली बार लगा कि उनकी मेहनत को भी पहचान मिल सकती है.

हैटी मैकडैनियलतस्वीर: AP

1929 की विश्वव्यापी मंदी के वक्त हैटी एक क्लब में सफाई कर्मचारी का काम करती थीं. यहीं एक दिन मालिक के इनकार के बावजूद हैटी ने मंच पर जाकर गाना गाया. उनकी प्रतिभा ने सबको मुग्ध कर दिया. फिर वह रोज गाने लगी और इसी के चलते उन्हें रेडियो कार्यक्रम में शिरकत का मौका मिला. धीरे धीरे यहीं से सिनेमा का रास्ता निकला.

हालांकि हैटी बहुत ज्यादा फिल्में नहीं कर सकीं. 57 साल की उम्र में उनका निधन हो गया. लेकिन उनके छोटे से जीवन ने सिनेमा जगत में बड़े बदलाव किए. 2006 में हैटी मैकडैनियल की याद में अमेरिका में डाक टिकट भी जारी किया गया.

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