रूस के दूसरे सबसे बड़े शहर को कभी सेंट पीटर्सबर्ग, कभी पेत्रोग्राद तो कभी लेनिनग्राद बुलाया गया. जानते हैं क्यों और कैसे बदलते रहे इस शहर के नाम?
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रूस के पश्चिमी तटवर्ती इलाके में बसा यह शहर देश के सबसे बड़े बंदरगाह और खूबसूरत वास्तु के लिए मशहूर है. सेंट पीटर्सबर्ग के नाम से विख्यात यह शहर 1991 तक लेनिनग्राद के नाम से जाना जाता था. समय समय पर इस शहर का नाम बदलना रूस के इतिहास की उथल पुथल की तरफ भी इशारा करता है. आज ही के दिन 1991 में शहर को अपना पुराना नाम सेंट पीटर्सबर्ग वापस मिला था.
स्लावियांस्क की जंग
पूर्वी यूक्रेन के स्लावियांस्क शहर में यूक्रेनी सेना ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं शुक्रवार को ओडेसा में रूस समर्थकों द्वारा कब्जे में ली गई इमारत में आग लगने से 31 लोगों की मौत हो गई.
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सेना की बढ़त
शुक्रवार तड़के यूक्रेन की सेना ने देश के पूर्वी भाग स्लावियांस्क में आक्रामक कार्रवाई शुरू की. सेना और रूस समर्थकों के बीच यहां झड़प की खबर है. स्लावियांस्क के पास बने एक चेक प्वाइंट पर यूक्रेन के टैंकों को पार होते हुए देखती रूढ़िवादी महिला.
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आगजनी में मरे
यूक्रेन के दक्षिणी पश्चिमी शहर ओडेसा में सरकारी दफ्तर में आग लगने से 31 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. ट्रेड यूनियन की इमारत में यूक्रेन सरकार विरोधी कब्जा किए हुए थे और बाहर यूक्रेन समर्थक थे. बताया जा रहा है कि दोनों गुटों की झड़प के दौरान इमारत में आग लग गई.
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पीछे हटने का संकेत नहीं
स्लावियांस्क में रूस समर्थक अलगाववादियों का पीछे हटने का कोई इरादा नजर नहीं आ रहा है. एक फैक्ट्री के पास बने चेक प्वाइंट की यह तस्वीर रूसी समाचार एजेंसी ITAR-TASS ने जारी की है.
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क्या है आम नागरिकों की राय?
स्लावियांस्क के पास बने चेक प्वाइंट पर यूक्रेन सेना के जवानों से हाथ मिलाता स्थानीय नागरिक. अब तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यूक्रेनी सेना का यह ऑपरेशन सफल हो पाता है या फिर पहले की तरह चलाए गए "आतंकवाद विरोधी" अभियान जैसा असफल होता है.
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हेलीकॉप्टर तैनात
स्लावियांस्क के बाहरी इलाके में यूक्रेन सेना का हेलिकॉप्टर उतरता हुआ. ऐसी खबरें हैं कि यूक्रेन सेना की कार्रवाई के दौरान रूसी समर्थकों ने ऐसे दो हेलीकॉप्टरों को मार गिराया है.
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सेंट पीटर्सबर्ग की खोज 1703 में यूरोपीय शासक पीटर प्रथम ने की थी. पहली बार शहर का जर्मन नाम सेंट पीटर्सबर्ग रखने वाले खुद पीटर थे. 1712 से 1918 तक जार शासन काल में सेंट पीटर्सबर्ग ही रूस की राजधानी था. सेंट पीटर्सबर्ग का अर्थ होता है सेंट पीटर का किला. क्योंकि यह शहर रूस की राजधानी था इसलिए इसके लिए जरूरी था कि नाम जर्मन से ज्यादा रूसी लगे. पीटर का सम्मान भी जरूरी था, इसलिए 31 अगस्त 1914 को शहर का नाम बदल कर पेत्रोग्राद कर दिया गया जिसका मतलब है पीटर का शहर.
टॉप 10 पर्यटक स्थल
ट्रैवल गाइड लोनली प्लैनेट ने दुनिया के पांच सौ बेहतरीन पर्यटक स्थलों की सूची तैयार की है. इसमें भारत को भी जगह मिली है, चलिए देखते हैं इनमें चोटी की 10 जगहों को.
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10. हाजिया सोफिया, तुर्की
करीब 1,500 साल पहले बाइजेनटाइन साम्राज्य के आदेश पर हाजिया सोफिया इमारत बनाई गई. तब यह चर्च थी, फिर मस्जिद और अब यह म्यूजियम है. इसे इंस्ताबुल की पहचान भी कहा जाता है. विशाल गुंबद इसे खास बनाता है. 1,000 साल तक यह दुनिया का सबसे बड़ा कैथीड्रल रहा.
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9. अल्हम्ब्रा, स्पेन
अल्हम्ब्रा पर्यटकों के बीच यूरोप के सबसे ज्यादा लोकप्रिय जगहों में शामिल है. ग्रैनेडा शहर का यह किला मूरिश सभ्यता के आर्किटेक्चर की मिसाल माना जाता है. इसे 13वीं शताब्दी में दक्षिणी स्पेन के मुस्लिम शासकों के समय बनाया गया.
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8. इवाजु प्रपात, ब्राजील/अर्जेंटीना
स्थानीय मूल निवासी गुआरानी-इंडियनों की भाषा में इवाजु का मतलब होता है, "अथाह पानी." इवाजु नदी इस जगह पर 269 फुट (82 मीटर) नीचे गिरती है. इस झरने की चौड़ाई 2.7 किलोमीटर है. प्राकृतिक नजारे के लिहाज से यह धरती की अद्भुत जगह है.
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7. कोलोसियम, इटली
इस रोमन सर्कस में ग्लेडियेटर मुकाबला होता था. मृत्युदंड की सजा पाने वालों को यहां राजा हजारों लोगों की उपस्थिति में शेरों के सामने डाल देते थे. इस इमारत का इस्तेमाल स्टेडियम के तौर पर भी होता था. यहां 50,000 लोग बैठ सकते थे.
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6. ग्रैंड कैनियन, अमेरिका
ग्रैंड कैनियन पहुंचते ही धरती की अरबों साल की भौगोलिक यात्रा दिखाई पड़ती है. ग्रैंड कैनियन 450 किलोमीटर लंबी है और इसकी खड़ी गहराई 1,800 मीटर से भी ज्यादा है. असल में कोलोरैडो नदी ने बीते अरबों सालों में दुश्वार चट्टानों को घिस घिसकर यह खाई बनाई है.
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5. ताज महल, भारत
सफेद संगमरमर से बना ताज महल पर्यटकों का लोकप्रिय ठिकाना है. 1632 में मुगल सम्राट शाहजहां ने अपनी चहेती बेगम मुमताज महल की याद में आगरा में यह इमारत बनवाई. ताज महल ईरानी और मुगल वास्तुकला का संगम है. इसे बनाने में 17 साल लगे.
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4. चीन की महान दीवार
उत्तर के कबीलाई हमलावरों से खुद को बचाने के लिए 7वीं शताब्दी में चीनी शासकों ने दीवार बनानी शुरू की. हजारों किलोमीटर लंबी यह दीवार दुनिया में इंसान द्वारा किया गया सबसे बड़ा निर्माण कार्य है. कई दावों को बावजूद इसे अंतरिक्ष से नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता.
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3. माचु पिचू, पेरु
एंडीज के पहाड़ों में यह इंका सभ्यता की निशानी है. यह 500 साल से ज्यादा पुराने अवशेष है. इंका सभ्यता का अचानक गायब होना आज भी रहस्य बना हुआ है. माचु पिचू में पत्थर की बनी 216 इमारतें हैं जो सीढ़ियों से जुड़ी हैं. 2,360 मीटर की ऊंचाई पर ये सब बनाना निश्चित तौर पर चुनौती भरा रहा होगा.
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ग्रेट बैरियर रीफ, ऑस्ट्रेलिया
पूर्वोत्तर ऑस्ट्रेलिया के तट पर दुनिया की सबसे बड़ी मूंगे की चट्टानें हैं. यह 3,47,800 वर्गमीटर में फैली हैं. कोरल रीफ के इस इलाके में मछलियों और समुद्री जीवों की 1,500 से ज्यादा प्रजातियां रहती हैं. समुद्र प्रेमियों और गोताखोरी के शौकीनों के लिए यह दुनिया की सबसे पसंदीदा जगह है.
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अंकोरवाट, कंबोडिया
अंकोरवाट के मंदिर लोनली प्लैनट की लिस्ट में टॉप पर हैं. इनके लिए सबसे ज्यादा लोगों ने वोट किया. ख्मेर साम्राज्य के राष्ट्रीय प्रतीक के ये अवशेष आज भी वास्तुकला के लिहाज से वैज्ञानिकों, इतिहासकारों और पर्यटकों को हैरान करते हैं.
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1917 में फरवरी से अक्टूबर के बीच पेत्रोग्राद रूसी क्रांति का गढ़ रहा. 1918 में मॉस्को को रूस की राजधानी बना दिया गया. 1924 में रूस के क्रांतिकारी नेता लेनिन की मृत्यु पर उनके सम्मान में शहर नाम बदल कर लेनिनग्राद कर दिया गया. हालांकि रूस में कई लोग शहर के कम्युनिस्ट नाम से सहमत नहीं थे. यही वजह थी कि 6 सितंबर 1991 को इसे दोबारा बदल कर सेंट पीटर्सबर्ग कर दिया गया.