न्यूयॉर्क में मारे गए बांग्लादेशी मूल के इमाम के हत्यारे का पता बताने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम दिए जाने की घोषणा हुई है. अब तक हत्यारे का कोई पता नहीं चला है.
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न्यूयॉर्क की एक मस्जिद के इमाम और उनके सहयोगी की हत्या से परिवारजन और पूरा बांग्लादेशी समुदाय सदमे में हैं. एक ओर अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही है तो दूसरी ओर 55 साल के इमाम मौलाना अलाउद्दीन अकोन्जी और 64 वर्षीय थाराउद्दीन को दिन दहाड़े मार डालने वाले हत्यारे का सुराग ढूंढने की जुगत. क्वीन्स के ओजोन पार्क इलाके में शनिवार दोपहर की नमाज के बाद लौटते समय इन दोनों व्यक्तियों की हत्या कर दी गई थी.
इमाम अकोन्जी का 21 साल का बेटा आंसुओं को संभालते हुए सवाल करता है, "वो तो हमेशा शांति चाहते थे... उन्होंने मेरे पिता को क्यों मारा?" वहीं दूसरे मृतक के बेटे फोएजउद्दीन ने बांग्लादेश से बातचीत में बताया कि उसके माता पिता इसी 31 अगस्त को उसकी दादी को देखने बांग्लादेश आने वाले थे. सोमवार को ब्रुक्लिन में इकट्ठे होकर मुस्लिम समुदाय के सदस्य और मृतकों के परिवारजन इस्लामिक विधि से दोनों मृतकों का अंतिम संस्कार करेंगे.
एक मुस्लिम एडवोकेसी समूह 'काउंसिल ऑफ अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस' (CAIR) ने सोमवार को हत्यारे के बारे में सूचना देने वाले को 10,000 डॉलर का इनाम दिए जाने की घोषणा की. हत्या की जांच में लगी न्यूयॉर्क पुलिस को अब तक हत्यारे की मंशा का भी पता नहीं लग पाया है. उस मस्जिद से जुड़े बांग्लादेशी मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को आशंका है कि यह एक घृणा अपराध था.
इन दोनों मृतकों के साथ मस्जिद में रोजाना काम करने वाले मोनीर चौधरी ने बताया कि हाल के महीनों में कई बार लोगों ने उन्हें मुस्लिम विरोधी बातें सुनाई हैं. इसी कारण वे कहीं और से इस इलाके में बसी बड़ी बांग्लादेशी आबादी के पास रहने आ गए थे. ऐसे ही एक दिन जब वे अपने 3 साल के बेटे के साथ मस्जिद जा रहे थे तो एक स्थानीय अमेरिकी व्यक्ति ने उन्हें "ओसामा" कह कर बुलाया था. इस बीच चौधरी रोजाना मस्जिद तक पैदल जाने में असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और इसलिए गाड़ी से ही जाते हैं. चौधरी ने कहा, "लोग हमसे नफरत करते हैं."
इस साल रमजान के पवित्र महीने के दौरान दुनिया भर में 8 देशों में हुए आतंकी हमलों में करीब 350 लोग मारे गए.
इस रमजान हुए इन 8 देशों में हमले
रमजान के पवित्र महीने के दौरान दुनिया भर में 8 देशों में हुए आतंकी हमलों में करीब 350 लोग मारे गए हैं. इनमें से ज्यादातर हमलों के तार कट्टरपंथी संगठन आईएस के साथ जुड़े हैं.
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अमेरिका
12 जून को एक बंदूकधारी ने फ्लोरिडा के ऑरलैंडों में एक व्यस्त समलैंगिक क्लब में अंधाधुंध गोलियां चलाकर 49 लोगों की जान ले ली. पुलिस का कहना है कि हत्यारे ने आईएस के साथ होने का दावा किया था, जिसने उसे खिलाफत का सिपाही बताया था. लेकिन इस बात के सबूत नहीं हैं कि वह हमले से पहले आईएस के संपर्क में था.
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जॉर्डन
21 जून को सीरिया से लगी जॉर्डन की सीमा पर एक सैनिक पोस्ट पर कार बम से हमला किया गया. इसमें सात सैनिक मारे गए. यह पिछले कई सालों में सल्तनत का सबसे खूनी आतंकी हमला था. इस हमले की जिम्मेदारी भी आईएस ने ली.
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यमन
27 जून को आईएस से जुड़े एक गुट ने देश के दक्षिणी शहर मुकाला में कई हमले किए जिसमें 43 लोग मारे गए. ज्यादातर लोग खुफिया एजेंसियों और सुरक्षा बलों के सदस्य थे. एक हमले में बम रोजा खोलने के लिए सैनिकों के लिए भेजे गए खाने में रखा गया था. 6 जुलाई को अदन हवाई अड्डे के पास सैनिकों पर हुए कार बम हमले में 10 लोग मारे गए.
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लेबनान
27 जून को सीरिया की सीमा से लगे लेबनान के एक छोटे से ईसाई गांव में 8 आत्मघाती हमलावरों ने दो चरणों में हमला किया. इन हमलों में 5 लोगों की जान ले ली गई. इस हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली.
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तुर्की
28 जून को राइफलों से लैस तीन आत्मघाती हमलावरों ने विश्व के व्यस्ततम हवाई अड्डों में शामिल इस्तांबुल हवाई अड्डे पर हमला किया. हमले में 44 लोग मारे गए और 150 से ज्यादा घायल हो गए. किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन तुर्की के अधिकारी इसके लिए आईएस को जिम्मेदार मानते हैं.
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मलेशिया
28 जून को कुआलालम्पुर में एक बार पर ग्रेनेड फेंका गया जब वहां लोग यूरो 2016 का फुटबॉल मैच देख रहे थे. हमले में 8 लोग घायल हो गए. मलेशिया के अधिकारियों का कहना है कि मुस्लिम बहुल देश पर यह आईएस का पहला हमला है. हमले का आदेश सीरिया में आईएस के साथ लड़ रहे एक मलेशियाई व्यक्ति ने दिया.
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बांग्लादेश
1 जुलाई को छूरों, ऑटोमैटिक राइफल और बमों से लैस हमलावरों ने ढाका में एक पॉश रेस्तरां पर हमला किया और 35 लोगों को बंधक बना लिया. पुलिस कार्रवाई में मारे जाने से पहले हमलावरों ने 20 बंधकों को मार डाला. उनमें भारतीय लड़की तारिषी भी थी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कुरान की आयतें न पढ़ पाने वालों को यातना भी दी गई. हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली.
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इराक
3 जुलाई को बगदाद में एक ट्रक की मदद से हुए आत्मघाती हमले में 175 लोग मारे गए. यह इराकी गृहयुद्ध के 13 वर्षों में सबसे भयानक हमला था. हमले की जिम्मेदारी आईएस ने ली और साथ ही कहा कि वह शिया समुदाय के लोगों को निशाना बना रहा है.
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सऊदी अरब
4 जुलाई को आत्मघाती हमलावरों ने मदीना की पवित्र मस्जिद सहित जहां पैगम्बर मोहम्मद दफ्न हैं, सऊदी अरब के तीन शहरों पर हमला किया. मदीना में हुए हमले में चार सैनिक मारे गए. एक पाकिस्तानी नागरिक ने जेद्दाह में अमेरिकी कंसुलेट के बाहर हमला किया जिसमें दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. हमलों की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली.
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इंडोनेशिया
5 जुलाई को एक आत्मघाती हमलावर ने जावा के सोलो में एक पुलिस स्टेशन के बाहर हमला किया. इसमें एक पुलिकर्मी घायल हो गया. पुलिस का कहना है कि हमलावर सीरिया में आईएस के साथ लड़ रहे एक प्रमुख इंडोनेशियाई नागरिक के साथ जुड़ा हुआ है.
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हत्यारे का अब तक कोई पता नहीं चला है. रविवार को पुलिस ने हत्यारे का स्केच जारी किया. वारदात के इलाके में लगे एक निगरानी कैमरे में कैद हुई एइस हत्यारे की तस्वीर के आधार पर उसके चेहरे मोहरे का नक्शा बनाया गया है. वीडियो में एक व्यक्ति इमाम और उनके सहयोगी का पीछा करता, गोली मारता और फिर टहलता हुआ जाता दिखाई दिया है. पुलिस वीडियो की गहराई से जांच कर रही है.
जहां न्यूयॉर्क शहर के मेयर ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मुस्लिम समुदाय के साथ भेदभाव के बर्ताव की बात मानी है, वहीं बांग्लादेश सरकार ने हत्या की कड़ी निंदा करते हुए इसे "शांतिप्रिय लोगों के साथ हुआ कायराना कृत्य" करार दिया. बांग्लादेश में अमेरिकी दूत मार्सिया बर्निकट ने भी इस हिंसक वारदात की निंदा करते हुए अकोन्जी को "शांति का समर्थक" बताया.
विभिन्नता में एकता
दुनिया के तमाम धर्मों में भोजन और उपवास से जुड़ी अलग अलग मान्यताएं हैं. हिंदुओं का व्रत, मुसलमानों का रोजा, ईसाइयों और यहूदियों का उपवास तो बौद्ध धर्म में खाने में भी संतुलन का अभ्यास. मकसद एक - शारीरिक और मानसिक शुद्धि.
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नश्वरता की याद
एश वेडनसडे के साथ ही कार्निवाल खत्म होता है और कैथोलिक ईसाइयों के लिए उपवास के समय की शुरुआत होती है. ईस्टर तक कुल 46 दिन. राख का यह क्रॉस नश्वरता की याद दिलाता है.
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त्याग का अभ्यास
कई धर्मों में उपवास का नियम होता है. कोशिश होती है कि स्वादिष्ट खाने से मन हटा कर भगवान में लगाया जाए और उसके नजदीक जाया जाए. ईसाई धर्म में उपवास ईसा मसीह के उपवास की याद दिलाता है.
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अल्लाह का आदेश
इस्लाम में रमजान के दौरान उपवास किए जाते हैं. इस दौरान इस्लाम को मानने वाले सूरज निकलने के बाद और डूबने से पहले कुछ नहीं खा, पी सकते. यौन संबंधों पर भी रोक होती है. इस उपवास का उद्देश्य होता है अल्लाह के नजदीक पहुंचना.
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हिंदू व्रत
हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों में व्रत की लंबी परंपरा है. यह कोई वार हो सकता है, भगवान हो सकता है या फिर एकादशी या चतुर्थी. लोग अक्सर उपवास के लिए बनाए जाने वाले खास पदार्थ खाते हैं... जैसे साबुदाना, आलू की सब्जी या फिर दही... कड़े उपवास भी नवरात्री के दौरान किए जाते हैं.
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यहूदियों में उपवास
यहूदी लोग भी उपवास करते हैं. योम किपुर उत्सव के दौरान खाने, पीने और धूम्रपान पर भी रोक है. नहाना भी नहीं और शारीरिक संबंध भी नहीं. काम भी नहीं करना. इसके अलावा यहूदी इतिहास को याद दिलाने वाले उपवास के दिन भी होते हैं.
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त्याग करो
जर्मनी में उपवास अब लोग बिना धार्मिक कारण से भी करने लगे हैं. वह स्वास्थ्य, फिटनेस के लिए उपवास करते हैं. कुछ अल्कोहल छोड़ते हैं, तो कुछ मिठाई या मांसाहार. जबकि कुछ लोग मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर से परहेज करने की कोशिश करते हैं.
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मदद करें
कैथोलिक संगठन मिसेरेओर उपवास के दौरान दान का अभियान चलाता है. इस बार अभियान का टाइटल है हम भूख से तंग आ गए हैं. इसके जरिए दुनिया भर में भूखमरी से जूझ रहे 87 लाख लोगों के लिए धन इकट्ठा किया जाएगा.
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आत्मशुद्धि
स्वास्थ्य के लिए उपवास यानी कम से कम कैलोरी वाला भोजन लेना. चाहे उसमें सिर्फ जूस हो, छाछ हो या कुछ और. लेकिन इस तरह के उपवास के लिए काफी किताबें बाजार में हैं
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बिन भगवान ध्यान
उपवास के दौरान तरह तरह के ऑफर होते हैं. कुछ होटलों में खास पोषक भोजन बनाया जाता है तो कहीं योग या पेंटिंग के कोर्स होते हैं. शारीरिक शुद्धि के साथ आत्मा की शुद्धि पर भी जोर.
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संतुलित जीवन
बौद्ध धर्म में न तो भूखा रहना चाहिए और न ही बहुत खाना चाहिए. पर कम खाना ध्यान के लिए अच्छा.