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इराक को आखिरी अमेरिकी टुकड़ी का अलविदा

१८ दिसम्बर २०११

सद्दाम हुसैन का अंत, हजारों इराकियों की मौत और अपने 4,500 जवानों को खोने के बाद अमेरिकी सेना की आखिरी टुकड़ी इराक से लौट आई है. रविवार तड़के अमेरिकी सेना की आखिरी टुकड़ी इराक को अलविदा कह कुवैत पहुंच गई.

तस्वीर: dapd

करीब नौ साल तक जंग लड़ने और करीब 643 अरब डॉलर खर्च करने के बाद अमेरिकी सेना का आखिरी काफिला इराक से निकल गया. करीब 500 सैनिकों के साथ 100 बख्तरबंद गाड़ियों ने आधी रात को ही इराक का रेगिस्तानी इलाका पार किया. रविवार तड़के अमेरिकी सेना की आखिरी टुकड़ी कुवैत पहुंच गई.

अमेरिकी सेना 2003 में इराक में दाखिल हुई. युद्ध जब चरम पर था तब इराक में 1,70,000 अमेरिकी सैनिक थे. अमेरिकी सेना के 500 से ज्यादा अड्डे थे. हालांकि अमेरिकी सेना 2010 में युद्ध खत्म कर चुकी थी. बीते एक साल में अमेरिकी फौज इराकी सुरक्षा बलों प्रशिक्षण दे रही थीं.

तस्वीर: AP

इराक से विदा होने से पहले अमेरिकी सेना ने अपना झंडा उतारा और युद्ध में मारे गए अपने जवानों को इराकी धरती पर आखिरी श्रद्धाजंलि दी. इस दौरान कई जवानों की आंखें भर आईं. एक सैनिक ने कहा, “मैंने यहां अपना सबसे अच्छा दोस्त खोया है. मुझे बहुत खुशी होती अगर वह आज मेरे साथ जिंदा घर वापस जाता.“

एक अन्य जवान ने कहा, “यह जानना कि यह यहां हमारा आखिरी मिशन है, एक अच्छा अनुभव है. यह इतिहास का एक हिस्सा बन चुका है. हम वे आखिरी लोग हैं जो यहां से निकल रहे हैं.“

रात में ही अमेरिकी सेना का काफिला कुवैत पहुंच गया. जैसे ही अमेरिकी सेना ने इराक का बॉर्डर पार किया, इराक के गेट बंद हो गए. सामने खड़े कुवैत के सैन्य अफसरों ने हाथ मिलाकर अमेरिकी सैनिकों का स्वागत किया. इस दौरान काफी देर तक तस्वीरें ली गईं.

तस्वीर: dapd

इराक में अब सिर्फ अमेरिका के 157 सैनिक बचे हैं. उन्हें बगदाद में अमेरिकी दूतावास में तैनात किया गया है. ये जवान इराकी सुरक्षाकर्मियों को ट्रेनिंग देंगे और अहम कूटनीतिक मिशनों के दौरान अपने अधिकारियों की सुरक्षा करेंगे.

2003 में अमेरिकी फौज इराक में दाखिल हुई. 14 दिसंबर को अमेरिकी सेना ने इराक के तानाशाह राष्ट्रपति सद्दाम हुसैन को गिरफ्तार कर लिया. 2006 में सद्दाम का फांसी पर चढ़ा दिया गया. सद्दाम की मौत के साथ ही साफ हो गया था कि अमेरिका का इराक मिशन जल्द खत्म हो जाएगा. लेकिन इसके बाद इराक में आए दिन धमाके होने लगे.

इराक अब भी चुनौतियों का समना कर रहा है. कुर्द बहुल वाले देश के उत्तरी इलाके की सरकार और इराकी सरकार के बीच तेल और कई अन्य मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं. अमेरिकी सेना के जाने से ठीक पहले देश के सुन्नी नेताओं ने सरकार से हटने की धमकी दी है.

रिपोर्टः रॉयटर्स, एपी, डीपीए, एएफपी/ओ सिंह

संपादनः एन रंजन

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