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इराक युद्ध समाप्त, अब अर्थव्यवस्था प्राथमिकता

१ सितम्बर २०१०

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इराक युद्ध की औपचारिक समाप्ति की घोषणा की है और कहा है कि अब अर्थव्यवस्था की बहाली उनकी प्राथमिकता है. अफगानिस्तान से भी सैनिकों की वापसी के इरादे पर अडिग हैं ओबामा.

तस्वीर: AP

ओबामा ने टेलीविजन में प्रसारित अपने भाषण में कहा, "ऑपरेशन इराकी फ्रीडम समाप्त हो गया है और अब इराकी जनता अपने देश में सुरक्षा के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार है." इसके साथ उन्होंने अपना एक चुनावी वायदा पूरा किया है. अपने 18 मिनट के भाषण में राष्ट्रपति ओबामा ने अमेरिकी सैनिकों की उपलब्धियों और कुर्बानियों पर जोर दिया.

तस्वीर: AP

अमेरिका के लगभग 50,000 सैनिक अभी भी इराक में तैनात हैं जो अब इराकी सैनिकों के प्रशिक्षण पर अपना ध्यान लगाएंगे. ओबामा प्रशासन की 2011 में सभी सैनिकों को इराक से वापस बुलाने की योजना है. साथ ही ओबामा ने इस पर जोर दिया कि वे अफगानिस्तान से सेना बुलाने की तिथि पर भी अडिग हैं. वहां से जुलाई 2011 से सैनिकों को वापस बुलाने की योजना है.

ओबामा ने विश्व में अमेरिका के नेतृत्व के दावे पर जोर दिया. मध्यपूर्व में शांति प्रयासों की चर्चा करते हुए राष्ट्रपति ने कहा बुधवार को वाशिंगटन में शांति के लिए नया कदम उठाया जा रहा है. बुधवार से फलीस्तीनियों और इस्राएलियों के बीच वार्ता का नया दौर शुरू हो रहा है.

लेकिन अमेरिका में इस साल हो रहे संसदीय और गवर्नर चुनावों के कुछ सप्ताह पहले चुनावी मुद्दा अफगानिस्तान या इराक नहीं है बल्कि मुश्किल आर्थिक स्थिति है. इसलिए ओबामा ने अपने भाषण में कहा कि अब अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना सर्वोच्च प्राथमिकता है. ओबामा ने कहा, यह "जनता के रूप में हमारा केंद्रीय कर्तव्य" और "राष्ट्रपति के रूप में मेरी केंद्रीय जिम्मेदारी" है. राष्ट्रपति ने कहा कि मंदी के बाद भी बहुत से अमेरिकी पूरी तरह असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकी नेतृत्व तभी स्थायी हो सकता है जब अमेरिका की आर्थिक हालत अच्छी हो.

उधर इराक के प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी ने अमेरिका की युद्धक कार्रवाई की समाप्ति का स्वागत करते हुए कहा है कि इराक अब स्वतंत्र देश है. उन्होंने कहा, "इराक अब संप्रभु और स्वतंत्र है. सैन्य वापसी संधि के पालन के जरिए अमेरिका के साथ हमारा संबंध दो समान और संप्रभु राष्ट्रों के बीच नए चरण में पहुंचा है."

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ओ सिंह

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