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इशरत जहां मामले में गुजरात सरकार की अर्जी खारिज

१२ नवम्बर २०१०

गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है. इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में उसकी अर्जी को सर्वोच्च न्यायालय ने ठुकरा दिया है और झाड़ भी लगाई.

तस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

गुजरात सरकार चाहती थी कि मामले की जांच उसके हाथ में आ जाए. जांच के लिए गुजरात हाई कोर्ट ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है. गुजरात सरकार ने इस एसआईटी के गठन को चुनौती दी थी. राज्य सरकार का कहना था कि मामले की जांच के लिए अलग से एसआईटी के गठन की जरूरत नहीं है और वह खुद ही जांच करा लेगी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी को खारिज करते हुए एसआईटी को जांच जारी रखने को कहा है.

जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी और जस्टिस एसएस निज्जर की एक बेंच ने राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के बाद इसे खारिज कर दिया. राज्य सरकार की दलील थी कि हाई कोर्ट को विशेष जांच दल के गठन का कोई अधिकार नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील को झाड़ लगाई. जजों ने कहा, "राज्य इस तरह की अपील कैसे कर सकता है? कोर्ट को उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया गया है. विशेष परिस्थितियों में अदालत ऐसा (विशेष जांच दल का गठन) कर सकती है. हमें इस मामले में दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती."

2004 में इशरत जहां और तीन अन्य लोगों को गुजरात पुलिस ने एक मुठभेड़ में मार डाला था. पुलिस का कहना है कि ये लोग आतंकवादी थे. लेकिन मानवाधिकार संगठनों और इशरत के परिवार ने इस दावे को गलत बताते हुए मुठभेड़ की जांच की मांग की थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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