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इसरो समझौते में नुकसान नहीं हुआ: पीएमओ

९ फ़रवरी २०११

प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि एस बैंड के स्पेक्ट्रम आवंटन में नुकसान की बात गलत है. प्रधानमंत्री के दफ्तर की तरफ से कहा गया कि इसरो के एक कंपनी के साथ समझौते में दो लाख करोड़ के नुकसान की बात सही हो ही नहीं सकती.

तस्वीर: UNI

पीएमओ के प्रवक्ता की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री कार्यालय ने ऐसी खबरें देखी हैं जिनमें इसरो की व्यवसायिक शाखा एंट्रिक्स और देवास मल्टीमीडिया के बीच हुए समझौते के कारण सरकारी खजाने को नुकसान की बात कही गई है. सीएजी और अंतरिक्ष विभाग ने इस बारे में पहले ही अपनी स्थिति जाहिर कर दी है. फिर भी यह साफ किया जाता है कि अब तक देवास या एंट्रिक्स में किसी को भी स्पेक्ट्रम देने के बारे में फैसला नहीं लिया गया है. इसलिए किसी तरह के नुकसान का सवाल ही पैदा नहीं होता."

मीडिया में इस तरह की खबरें आई थीं कि अंतरिक्ष विभाग ने देवास मल्टीमीडिया को एक हजार करोड़ रुपये में 70 मेगाहर्ट्ज का एसबैंड स्पेक्ट्रम दिया लेकिन असल में इसकी कीमत दो लाख करोड़ रुपये है. इस बारे में विपक्ष ने प्रधानमंत्री कार्यालय से सफाई मांगी क्योंकि अंतरिक्ष विभाग उन्हीं के तहत आता है.

उधर खबरें ऐसी भी हैं कि इसरो ने सरकार को शर्मिंदगी से बचाने के लिए सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली है. मीडिया से बातचीत में मंगलवार को इसरो प्रमुख के राधाकृष्णन ने कहा कि बैंगलोर की कंपनी देवास से ठेका वापस लिया जा रहा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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