तुर्की के सबसे बड़े शहर इस्तांबुल में एक शक्तिशाली बम धमाका हुआ है. शहर के बीचोंबीच हुए धमाके में पुलिस को निशाना बनाया गया. धमाके में 11 लोग मारे गए और दर्जनों घायल हुए हैं.
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तुर्की के सरकारी टीवी चैनल टीआरटी के मुताबिक रिमोट कंट्रोल के जरिये किये गये धमाके में पुलिस के काफिले को निशाना बनाया गया. पुलिस की दंगारोधी यूनिट को ले जा रही बसें जैसे ही शहर के बीचोंबीच बेयाजित जिले में पहुंचीं, वैसे ही धमाका हुआ. सात पुलिस अधिकारियों समेत 11 लोगों की मौत हुई. इस्तांबुल के गवर्नर वासिप साहिन के मुताबिक 36 लोग घायल हुए हैं. कुछ की हालत नाजुक है.
तस्वीरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि धमाका बेहद शक्तिशाली था. एक बस और आस पास मौजूद कार के परखच्चे उड़ गए. दूसरी बस को भी काफी नुकसान पहुंचा. आस पास की इमारतों और दुकानों के शीशे भी चकनाचूर हो गए. धमाके के पास ही इस्तांबुल यूनिवर्सिटी है, जहां परीक्षाएं हो रही थीं. धमाके के बाद परीक्षाओं को अगले नोटिस तक टाल दिया गया है.
फिलहाल हमले की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली है. आम तौर पर शांत रहने वाला तुर्की साल भर से हिंसा की चपेट में हैं. एक तरफ इस्लामिक स्टेट है और दूसरी तरफ कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी या पीकेके के विद्रोही. जुलाई में सरकार के साथ शांति वार्ता भंग होने के बाद से पीकेके विद्रोही तुर्क सेना और पुलिस को निशाना बना रहे हैं. वहीं इस्लामिक स्टेट भी देश में कई बम धमाके कर चुका है.
तुर्की और उत्तरी इराक में कुर्द विद्रोहियों के खिलाफ तुर्की की सैन्य कार्रवाई के बाद से हिंसा में तेजी आई है. एक अनुमान के मुताबिक अब तक 4,900 पीकेके उग्रवादी और 500 तुर्क सुरक्षाकर्मी मारे जा चुके हैं. कुर्द विद्रोहियों का आरोप है कि तुर्की इस्लामिक स्टेट की मदद कर रहा है. अंकारा इन आरोपों से इनकार करता रहा है.
परेशानी में कुर्द
इस्लामिक स्टेट से लड़ने में अब अमेरिका ने कुर्दों के लिए हथियार देने शुरू किए हैं. लेकिन कोबानी में आईएस से लड़ाई खत्म होती नजर नहीं आ रही. हजारों लाखों लोग बेघर भटक रहे हैं.
तस्वीर: Christopher Johnson
शहीद
कोबानी से भागे सीरियाई कुर्द तुर्की के सुरुच में अस्पताल के सामने रोज जमा होते हैं. वह एक ऐसे व्यक्ति को दफ्न करने जा रहे हैं जिसने आईएस के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान दे दी.
तस्वीर: Christopher Johnson
स्वर्ग में
मृतकों को एक सामूहिक कब्र में दफनाया जाता है. कोबानी से थोड़ी ही दूरी पर ऐसी कब्र बनाते हुए सीरियाई कुर्द.
तस्वीर: Christopher Johnson
राहत का इंतजार
तुर्की के गांव बागजा में गैर सरकारी संगठन बिहर राहत संगठन कोबानी में शरणार्थियों को जरूरी चीजें पहुंचाता है. कार्यकर्ताओं के मुताबिक मानवीय स्थिति बहुत खराब है.
तस्वीर: Christopher Johnson
सिर्फ जरूरत का
सोने के लिए कंबल, कुछ दूध पावडर, ठंड से निपटने का सामान, टेंट, पानी और दवाइयां कोबानी से भागे लोगों को मुहैया करवाई जा रही हैं.
तस्वीर: DW/K. Sheikho
पहचान
ऐसे दस्तावेज जिनमें व्यक्ति पहचान हो, वह कितने जरूरी हैं यह इन छोटे बच्चों को भी पता है. यह बच्चा अपने पारिवारिक दस्तावेजों में खुद का नाम ढूंढ रहा है.
तस्वीर: DW/K. Sheikho
अंतहीन यात्रा
शरणार्थी कोबानी में लड़ नहीं सकते और संघर्ष में बाकी लोगों का साथ नहीं दे सकते. इसलिए कई सीरियाई लोग अपना सब कुछ छोड़कर रेगिस्तान की ओर चले गए हैं.
तस्वीर: Christopher Johnson
स्कूल बंद
लोगों के सामान, घर, खाने पीने के साथ ही अहम है बच्चों की पढ़ाई. स्कूल वो जा नहीं सकते और अधिकतर किसी भी तरह पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं.
तस्वीर: Christopher Johnson
कहीं भी नहीं
कोबानी के आस पास रेगिस्तान में कहीं सोने की जगह ढूंढता यह परिवार.