इस्राएल के जीवाश्म कहते मानवीय अस्तित्व की नई कहानी
२६ जनवरी २०१८
इस्राएल की एक गुफा में वैज्ञानिकों को एक इंसानी जबड़ा और पत्थरों से बने हुए कुछ औजार मिले हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक इन जीवाश्मों का अध्ययन आधुनिक मानव के अस्तित्व में आने की नई संभावना व्यक्त करता है.
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इस्राएल में कुछ जीवाश्म मिले हैं जिनके आधार पर माना जा सकता है कि आधुनिक मानव ने अफ्रीकी महाद्वीप को दस हजार साल पहले छोड़ दिया था. इसके पहले वैज्ञानिक जिस समय-सीमा का अनुमान लगा रहे थे यह उससे कहीं अधिक है. इस्राएल की एक गुफा में वैज्ञानिकों को इंसान के जबड़े की हड्डी और कुछ सख्त पत्थर वाले औजार मिले. "साइंस" पत्रिका में छपे इस अध्ययन में रिसर्चरों के हवाले से कहा गया है कि जो जबड़ा गुफा से मिला है उसमें काफी दांत हैं और यह लगभग 1.77 लाख से 1.94 लाख साल पुराना हो सकता है. यह अनुमान बताता है कि पहला होमो सेपियंस (मानव का वैज्ञानिक नाम) अफ्रीका से करीब 2.20 लाख साल पहले बाहर गया होगा. हालांकि पिछले अध्ययन इस समय को 50 हजार से लेकर 1 लाख साल कहते आए हैं.
मिला 5,60,000 साल पुराना दांत
फ्रांस में पुरातत्व विज्ञान के दो छात्रों ने एक ऐसा इंसानी दांत खोज निकाला है जिसकी उम्र पांच लाख साठ हजार साल बताई जा रही है. यह फ्रांस में मिला अब तक का सबसे पुराना मानव अवशेष है.
तस्वीर: Fotolia/Andreas Wolf
खोजने वाले चेहरे
फ्रांस के दक्षिण पश्चिम इलाके में स्थित तूतावेल में पिछले पचास सालों से खुदाई का काम चल रहा है. यह यूरोप के सबसे अहम पुरातात्विक स्थलों में से एक है. इस जगह पर जीवाश्म विशेषज्ञों की निगरानी में करीब 40 वॉलंटियर काम कर रहे हैं. बीते सप्ताह इन में से दो वैलेंटीन लोएशर (बाएं) और कैमील जाकी ने यह दांत खोज निकाला.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/D. Dainat
मिसिंग लिंक
जीवाश्मविज्ञानी टोनी शेवालिएर ने इसे एक बड़ी खोज बताते हुए कहा है कि इस दांत के जरिए "मिसिंग लिंक" का पता लगाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि स्पेन और जर्मनी में मिले मानव अवशेषों से इसकी तुलना की जाएगी. पिछले एक हफ्ते से दांत पर कई तरह के टेस्ट कर उसकी उम्र निर्धारित की गयी है. इसे होमो हाइडलबेरगेनसिस का दांत बताया जा रहा है.
तस्वीर: Denis Daina/Epcc-Cerp Tauvate
कैसे रहते थे
शेवालिएर बताते हैं, "हमारा मानना है कि इस इलाके में रहने वाले इंसानों ने ज्यादा समय गुफाओं में ही बिताया. वे बाहर जाते भी थे, तो दोबारा गुफा में लौट आते थे क्योंकि यह इलाका बहुत ठंडा हुआ करता था, यहां खुला मैदान था, कोई पेड़ नहीं थे, लंबे समय तक बर्फ भी रहती थी." तस्वीर में करीब तीन लाख साल पहले धरती पर रहने वाले निएंडरथाल का एक मॉडल.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
साढ़े चार लाख साल पुरानी
तूतावेल पुरातत्व के लिहाज से अहम जगह है क्योंकि यहां आदिमानव समेत कई पुराने जानवरों के भी अवशेष मिलते रहे हैं, जिसमें घोड़े, भैंस और बारहसिंगे शामिल हैं. 70 के दशक में यहां 4,50,000 साल पुरानी इंसानी खोपड़ी मिली, जिसे तूतावेल मैन का नाम दिया गया. तस्वीर में ब्रेमेन के म्यूजियम में रखी निएंडरथाल की खोपड़ी (बाएं).
तस्वीर: picture-alliance/dpa
जगह जगह खुदाई
तूतावेल में चल रही खुदाई के प्रमुख क्रिस्टियान पेरेनू ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि उनकी टीम और भी मानव अवशेष ढूंढ निकालेगी. उन्होंने कहा, "हमारा काम है यह पता लगाना कि 5,60,000 साल पहले जीवन कैसा था." जर्मनी और इंग्लैंड में भी इस तरह की खुदाई चल रही है. तस्वीर में जर्मनी के पोट्सडम में खुदाई करती एवेलिन श्टेफेंस.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
क्या खाते थे
फिलहाल यह नहीं कहा जा सकता कि यह दांत महिला का है या पुरुष का. लेकिन दांत के मैल की जांच कर पता लगाया जाएगा कि उस जमाने में इंसानों का आहार क्या था. तूतावेल में इससे पहले आदिमानव द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले कई तरह के औजार भी मिले हैं. इससे उनके शिकार करने के तरीकों पर जानकारी मिल सकती है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Kalaene
डायनासोर भी
इस तरह की खुदाई के दौरान केवल इंसानों के ही नहीं, डायनासोर जैसे विशालकाय जानवरों के भी जीवाश्म मिलते हैं, जैसा कि 2005 में अर्जेंटीना में हुआ. यह तस्वीर टायटैनोसोरस की है, जिसका आकार दस मीटर और वजन बारह टन आंका गया है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Gonzalez Riga
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इस अध्ययन के प्रमुख लेखक इजराइल हर्स्कोविच के अनुसार यह नया अध्ययन आधुनिक मानव के विकास की कहानी को पीछे ले जाता है. तेल अवीव यूनिवर्सिटी के मानवविज्ञानियों का कहना है, "अगर आधुनिक मानव ने अफ्रीका से यात्रा दो लाख साल पहले शुरू की थी तो इसका मतलब है कि अफ्रीका में मानव अस्तित्व लगभग तीन से पांच लाख साल पहले प्रकाश में आया होगा." दरअसल अब तक वैज्ञानिकों का एक बड़ा वर्ग यह मानता आया है कि होमो सेपियंस सबसे पहले अफ्रीका में ही उत्पन्न हुए. अब तक सबसे पुराना मानवीय जीवाश्म 3 लाख साल पुराना माना जाता है. हर्स्कोविच की टीम के मुताबिक, "जो जबड़ा मिला है वह किसी युवा वयस्क का हो सकता है लेकिन अब तक इसका लिंग पता नहीं चल सका है."
स्टडी की सह-लेखिका मीना वाइनस्टाइन-एवरोन के मुताबिक, "इस्राएल की गुफा में मिले 60 हजार सख्त पत्थर वाले औजार भी 2.5 लाख साल पुराने हो सकते हैं." रिसर्च में कहा गया है कि जिस भी व्यक्ति का जबड़ा रहा होगा उसने अकेले यह सारे औजार नहीं बनाए होंगे. वाइनस्टाइन कहती हैं, "यह व्यक्ति पुरूष या महिला जो भी होगा, बेहद ही व्यस्त रहता होगा. उसके पास ये सब करने के लिए समय नहीं रहता होगा. हो सकता है उसके कुछ मित्र भी रहे होंगे."
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