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इस्राएल ने की यहूदी बस्तियां फैलाने की घोषणा

२ नवम्बर २०११

फलीस्तीन के यूनेस्को में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल होने पर इस्राएल ने तीखी नाराजगी जताते हुए पश्चिमी तट में दो हजार नए यहूदी घर बनाने और फलीस्तीनियों को कर से मिलने वाला राजस्व सील करने का एलान किया.

यूनेस्को में फलीस्तीन के शामिल होने से तिलमिलाए नेतान्याहूतस्वीर: picture alliance / dpa

इस्राएली प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू के मंत्रिमंडल के अहम सदस्यों ने मंगलवार को फैसला किया कि पूर्वी येरुशलम और उसके आसपास की यहूदी बस्तियों में निर्माण तेज किया जाए. यह कदम सोमवार को यूनेस्को में फलीस्तीन को पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल किए जाने के बाद उठाया जा रहा है.

नाम न जाहिर करने की शर्त पर इस्राएली सरकार के वरिष्ठ मंत्री ने एएफपी को बताया, "इन कदमों पर सहमति हो गई है. यूनेस्को में हुए मतदान के बाद यह उनकी सजा है. हम 2,000 घर बनाएंगे जिनमें डेढ़ हजार पूर्वी येरुशलम में बनाए जाएंगे जबकि बाकी निर्माण मालेह अदुमिम और इफरात में होगा." अधिकारी का इशारा पूर्वी येरुशलम और बेथलेहेम व दक्षिण शहर हेब्रोन के बीच बस्तियों के विस्तार की तरफ था. "यह भी फैसला किया गया है कि फलीस्तीनी प्राधिकरण को ट्रांसफर होने वाली टैक्स की रकम भी रोक दी जाए."

हर महीने इस्राएल फलीस्तीनी प्राधिकरण को करोड़ों डॉलर की रकम ट्रांसफर करता है जो फलीस्तीनी बाजार के लिए आने वाले और इस्राएली बंदरगाहों से गुजरने वाले सामान पर लगाए जाने वाले शुल्क से प्राप्त होती है. यह रकम फलीस्तीनी बजट का एक बड़ा हिस्सा है. इस्राएल अपने हितों को नुकसान पहुंचाने वाले राजनयिक और राजनीतिक घटनाक्रमों के जवाब में अकसर इस रकम को रोक देता है.

पूर्वी येरुशलम और पश्चिमी तट में यहूदी बस्तियों का निर्माण हमेशा मध्यपूर्व शांति वार्ता की सबसे बड़ी बाधा रही हैतस्वीर: picture alliance / abaca

फलीस्तीन की नाराजगी

नेतान्याहू के दफ्तर से जारी एक बयान में कहा गया है कि ये फैसले यूनेस्को के मुद्दे पर हुई "पहली चर्चा" के दौरान लिए गए. अगले कदम आठ वरिष्ठ मंत्रियों की फोरम (फॉरम ऑफ ऐट) की अगली बैठक में लिए जाएंगे.

फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबु रुदेइना ने इस्राएली फैसलों पर सख्त नाराजगी जताई है. उन्होंने मध्यपूर्व पर चार पक्षीय समूह और अमेरिका से कहा है कि इस "लापरवाही" पर रोक लगाई जाए इसका पूरे क्षेत्र पर "नकारात्मक" असर होगा. उन्होंने कहा, "दो हजार घरों के साथ यहूदी बस्तियों के निर्माण को तेज करने के इस्राएल के फैसले से हम तेजी से शांति प्रक्रिया के विनाश की तरफ बढ़ेंगे. और हमारे कोष को सील करना फलीस्तीनी लोगों से उनका पैसा चुराना है."

यूनेस्को को चपत

सोमवार को पेरिस में यूनेस्को में हुए मतदान के बाद फलीस्तीन को संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक संस्था में पूर्ण सदस्य के तौर पर शामिल कर लिया गया, हालांकि अमेरिका और इस्राएल ने इसका तीखा विरोध किया. फलीस्तीन को सदस्यता देने की वजह से यूनेस्को को अमेरिका की तरफ से मिलने वाली राशि से भी हाथ धोना पड़ सकता है जो उसके कुल बजट का 22 प्रतिशत होता है. अमेरिका सांसद चाहते हैं कि ऐसे किसी भी संयुक्त राष्ट्र के संगठन को सहायता न दी जाए जो फलीस्तीन को पूर्ण सदस्य के तौर पर मान्यता देता है.

उधर कनाडा ने मंगलवार को घोषणा की कि वह यूनेस्को को कोई अतिरिक्त राशि नहीं देगा ताकि अमेरिकी कटौती की भरपाई की जा सके. विदेश मंत्री जॉन बैर्ड ने कहा, "कनाडा यूनेस्को में लिए गए फैसले से बहुत ही निराश है. इस फैसले की वजह से कनाडा ने यूनेस्को को स्वैच्छिक योगदान रोकने का फैसला किया है." लेकिन उन्होंने कहा कि कनाडा यूनेस्को को दिए जाने वाला अपना सालाना 1 करोड़ डॉलर का योगदान देता रहेगा.

सोमवार को यूनेस्को में हुए मतदान के बाद फलीस्तीन को भारी मतों से पूर्ण सदस्य का दर्जा दे दिया गयातस्वीर: dapd

"चुप नहीं बैठेगा इस्राएल"

इस्राएल उच्च फलस्तीन अधिकारियों को दिए जाने वाले इस विशेष परमिट को भी बंद करने के बारे में सोच रहा है जिसके तहते उन्हें पश्चिमी तट और इस्राएल के बीच आने जाने की इजाजत होती है. मंगलवार को साइबर हमले के बाद पश्चिमी तट और गजा पट्टी में इंटरनेट कनेक्शन भी कटे रहे. फलीस्तीनी संचार मंत्री माशुर अबु दक्का ने बताया कि उन्हें इसमें इस्राएल के शामिल होने का शक है.

नेतान्याहू ने यूनेस्को के फैसले को कड़ी आलोचना की है और इसे "बिना डील के राष्ट्र हासिल करने" की फलीस्तीनियों की एक और कोशिश बताया है. सोमवार को उन्होंने कहा, "इस्राएल को नुकसान पहुंचाने वाले इन कदमों पर हम चुप नहीं बैठेंगे और ये उन बुनियादी वचनबद्धताओं का उल्लंघन है जिनका वादा फलीस्तीनी पक्ष ने शांति प्रक्रिया में किया था. हमारे बीच विवाद को बातचीत से ही हल किया जा सकता है."

यूनेस्को में शामिल होने के बाद फलीस्तीन वैश्विक धरोहर होने के लिए आवेदन कर सकता है. अब तक उसे यूनेस्को में सिर्फ पर्यवेक्षक का दर्जा हासिल था.

रिपोर्ट: एएफपी, रॉयटर्स/ए कुमार

संपादन: आभा एम

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