इस्राएल ने मांगे पुख़्ता सबूत
२३ फ़रवरी २०१०इस्राएली विदेश मंत्री लिबरमान ने अपने एक बयान में कहा कि इस बात के सबूत नहीं है कि इस्राएल इस हत्या में शामिल है. अगर मीडिया रिपोर्टों के बजाय कुछ सबूत सामने आते हैं तो फिर इस्राएल अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करेगा. पुख़्ता सबूतों के अभाव में अभी सफ़ाई देने की ज़रुरत नहीं है.
इससे पहले यूरोपीय संघ ने हमास नेता महमूद अल मबहूह की हत्या और यूरोपीय संघ के चार देशों के फ़र्ज़ी पासपोर्ट के इस्तेमाल पर क्षोभ व्यक्त किया. इस हत्या के लिए इस्राएली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद को ज़िम्मेदार ठहराया जा रहा है. एक साझा वक्तव्य में यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने कहा कि महमूद अल मबहूह की दुबई में हत्या कई विचलित करने वाले सवाल उठाती है.
यूरोपीय देशों के जाली पासपोर्ट और क्रेडिट कार्ड के इस्तेमाल की यूरोपीय संघ ने कड़ी निंदा की है. इस्राएली विदेश मंत्री एविगदोर लिबरमान ने यूरोपीय अधिकारियों के साथ बैठक में भरोसा दिलाने की कोशिश की है कि इस हत्या के लिए इस्राएल ज़िम्मेदार नहीं है. लिबरमान ने कहा कि अरब देश हर घटना के लिए इस्राएल पर ही उंगुली उठाते हैं.
ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड मिलिबैंड ने कहा है कि इस मामले की जांच में इस्राएल को सहयोग देना चाहिए. मिलिबैंड के मुताबिक़ वह इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं. वहीं फ़्रांस के राष्ट्रपति निकोला सारकोज़ी ने निंदा करते हुए दोहराया है कि इस तरह की हत्याओं से कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकलेगा.
हमास नेता की हत्या में ब्रिटेन, फ़्रांस, जर्मनी और आयरलैंड के जाली पासपोर्टों का इस्तेमाल किया गया. ये चार देश ही देश इस्राएली राजनयिकों को बुला कर पहले ही स्पष्टीकरण मांग चुके हैं. हमास चरमपंथी मबहूह की दुबई में 20 जनवरी को हत्या कर दी गई थी. मबहूह ने माना था कि 1989 में दो इस्राएली सैनिकों की हत्या उसने की थी. साथ ही उस पर ग़ज़ा में हथियारों की तस्करी का भी संदेह था. दुबई के पुलिस प्रमुख ने कहा है कि उन्हें 99 फ़ीसदी विश्वास है कि यह हत्या ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद का ही काम है.
रिपोर्टः एजेंसियां/एस गौड़
संपादनः ए कुमार