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इस्लामिक स्टेट से जुड़ते जर्मन

१८ सितम्बर २०१४

कम से कम नौ जर्मनों पर इस्लामिक स्टेट के लिए आत्मघाती हमले का आरोप है. सरकार को डर है कि यह संख्या बढ़ सकती है. जर्मन रिसर्च टीम का अनुमान है कि जर्मनी के 400 लोग इस्लामिक स्टेट से जुड़ चुके हैं.

Propagandabild IS-Kämpfer
तस्वीर: picture-alliance/abaca

जर्मनी के लोगों का सीरिया और इराक में जा कर आतंकवादी संगठन आईएस में शामिल हो जाना सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है. जर्मन अखबार ज्यूडडॉयचे साइटुंग और टीवी चैनल एनडीआर और डब्ल्यूडीआर के पत्रकारों ने मिल कर एक शोध किया जिसका मकसद इस्लामिक स्टेट से जुड़ रहे जर्मनों के बारे में पता लगाना था. रिपोर्ट टीम ने कहा कि वह पांच अलग अलग हमलों में जर्मनों का हाथ होने की पुष्टि करती है और चार अन्य मामलों में जांच कर रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि पांचों आत्मघाती हमले इसी साल इराक के उत्तरी क्षेत्र और बगदाद के आस पास हुए.

अन्य पश्चिमी सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्टों के अनुसार इस साल मार्च से यूरोपीय लोगों द्वारा किए गए आत्मघाती हमलों की संख्या चार गुना हो चुकी है. जर्मनी के गृह मंत्री थोमास दे मेजियेर ने चिंता जताते हुए कहा है कि देश मौत के फरिश्तों को इराक नहीं भेजना चाहता, "आतंकवाद अनुचित है और इसे रोकना ही होगा."

शहादत के नाम पर

आत्मघाती हमलावरों में से एक की पहचान 21 वर्षीय अहमद के रूप में हुई है. अहमद सी. का परिवार तुर्क मूल का है. रिपोर्ट के अनुसार वह जर्मनी में मौजूद सलाफियों से जा मिला और फिर पिछले साल जून में अचानक तुर्की चला गया, जहां वह इस्लामिक स्टेट का हिस्सा बन गया. जर्मन कानून के मुताबिक इस तरह के आरोपियों के उपनाम सार्वजनिक नहीं किए जाते हैं.

19 जुलाई 2014 को बगदाद में एक गाड़ी में आत्मघाती हमला हुआ. इस हमले में 54 लोगों की जान गयी. मारे गए लोगों में अधिकतर स्कूली छात्र थे जो पास में खड़ी एक स्कूल बस में सवार थे. इस हमले के कुछ देर बाद किसी अनजान व्यक्ति ने अहमद के परिवार को फोन कर बताया कि उनके बेटे की इराक में मौत हो गयी है. आईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि हमले में अबु अल काका अल अलमानी शहीद हुआ है. 'अल अलमानी' यानि जर्मनी का रहने वाला.

नागरिकता पर सवाल

अहमद जर्मनी के उन 400 लोगों में था जिन पर इस्लामिक स्टेट से जुड़े होने का शक है. इस बीच जर्मनी में सुरक्षा के नजरिए से नए कानूनों पर बहस चल रही है. विदेश में आतंकवादी हमले करने वाले जर्मनों पर देश में मुकदमा तो चल सकता है लेकिन मौजूदा कानून के तहत उनसे नागरिकता नहीं ली जा सकती. गृह मंत्रालय के हंस गेऑर्ग मासेन ने एक बयान में कहा, "इनमें से बहुत से लोग लौटेंगे और यहां आ कर हमले करेंगे." स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा, "हम फिलहाल जर्मनी में सुरक्षा पुख्ता करने की ओर ध्यान दे रहे हैं, लेकिन सीरिया और इराक के लोगों की तरफ भी हमारी जिम्मेदारी बनती है."

हालांकि इस्लामिक स्टेट ने अब तक जर्मनी में कोई हमला नहीं किया है लेकिन सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि उन्होंने मुस्लिम कट्टरपंथ से जुड़ी कई हमलों की योजनाओं को विफल किया है. दिसंबर 2012 में जर्मनी की पूर्व राजधानी बॉन के रेलवे स्टेशन पर हमले को नाकाम किया गया. इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया. इससे पहले जुलाई 2006 में बॉन से सटे शहर कोलोन में एक लोकल ट्रेन में विस्फोटकों से भरा बैग बरामद हुआ. उस समय दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था.

रिपोर्ट: ग्रेग वीजर/आईबी

संपादन: ए जमाल

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