भारत के अलग अलग हिस्सों से आ रही हिंसा, धार्मिक द्वेष और जाति आधारित घृणा की खबरें बेहद दुखदायी और देश की तरक्की के रास्ते में सबसे बड़ी बाधाएं हैं. दशहरे के मौके पर वीडियोकॉन कंपनी ने #HindustanKiJeet का नारा देकर इन सब बुराइयों को चुन चुन कर हराने का संदेश दिया है. वीडियो देखिए...
सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करने के साथ ही लोग देश में सभी समुदायों के बीच शांति और सद्भाव बनाए रखने की बात कर रहे हैं. इसके अलावा किसी भी तरह की अतिवादिता या कट्टरपंथ को समर्थन ना देने के संदेश भी प्रमुखता से भेजे जा रहे हैं.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में दशहरे और मुहर्रम के मौके पर सभी समुदायों से सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने की अपील की है. कुमार ने कहा कि समाज के कुछ बुरे तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं "लेकिन आप लोगों को एक दूसरे से प्रेम और अनुराग बनाए रखना है. तनाव पैदा करने वाली ऐसी किसी भी कोशिश से बचें."
दूसरी ओर राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में दशहरे और दिवाली के मौके पर पटाखे जलाने से होने वाले प्रदूषण के बारे में नन्हें बच्चों द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दिल्ली और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड, दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
दुनिया के तमाम धर्मों में भोजन और उपवास से जुड़ी अलग अलग मान्यताएं हैं. हिंदुओं का व्रत, मुसलमानों का रोजा, ईसाइयों और यहूदियों का उपवास तो बौद्ध धर्म में खाने में भी संतुलन का अभ्यास. मकसद एक - शारीरिक और मानसिक शुद्धि.
तस्वीर: S.Kodikara/AFP/Getty Imagesएश वेडनसडे के साथ ही कार्निवाल खत्म होता है और कैथोलिक ईसाइयों के लिए उपवास के समय की शुरुआत होती है. ईस्टर तक कुल 46 दिन. राख का यह क्रॉस नश्वरता की याद दिलाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaकई धर्मों में उपवास का नियम होता है. कोशिश होती है कि स्वादिष्ट खाने से मन हटा कर भगवान में लगाया जाए और उसके नजदीक जाया जाए. ईसाई धर्म में उपवास ईसा मसीह के उपवास की याद दिलाता है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaइस्लाम में रमजान के दौरान उपवास किए जाते हैं. इस दौरान इस्लाम को मानने वाले सूरज निकलने के बाद और डूबने से पहले कुछ नहीं खा, पी सकते. यौन संबंधों पर भी रोक होती है. इस उपवास का उद्देश्य होता है अल्लाह के नजदीक पहुंचना.
तस्वीर: picture-alliance/dpaहिंदू धर्म को मानने वाले लोगों में व्रत की लंबी परंपरा है. यह कोई वार हो सकता है, भगवान हो सकता है या फिर एकादशी या चतुर्थी. लोग अक्सर उपवास के लिए बनाए जाने वाले खास पदार्थ खाते हैं... जैसे साबुदाना, आलू की सब्जी या फिर दही... कड़े उपवास भी नवरात्री के दौरान किए जाते हैं.
तस्वीर: Reutersयहूदी लोग भी उपवास करते हैं. योम किपुर उत्सव के दौरान खाने, पीने और धूम्रपान पर भी रोक है. नहाना भी नहीं और शारीरिक संबंध भी नहीं. काम भी नहीं करना. इसके अलावा यहूदी इतिहास को याद दिलाने वाले उपवास के दिन भी होते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaजर्मनी में उपवास अब लोग बिना धार्मिक कारण से भी करने लगे हैं. वह स्वास्थ्य, फिटनेस के लिए उपवास करते हैं. कुछ अल्कोहल छोड़ते हैं, तो कुछ मिठाई या मांसाहार. जबकि कुछ लोग मोबाइल, टीवी या कंप्यूटर से परहेज करने की कोशिश करते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaकैथोलिक संगठन मिसेरेओर उपवास के दौरान दान का अभियान चलाता है. इस बार अभियान का टाइटल है हम भूख से तंग आ गए हैं. इसके जरिए दुनिया भर में भूखमरी से जूझ रहे 87 लाख लोगों के लिए धन इकट्ठा किया जाएगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpaस्वास्थ्य के लिए उपवास यानी कम से कम कैलोरी वाला भोजन लेना. चाहे उसमें सिर्फ जूस हो, छाछ हो या कुछ और. लेकिन इस तरह के उपवास के लिए काफी किताबें बाजार में हैं
तस्वीर: picture-alliance/dpaउपवास के दौरान तरह तरह के ऑफर होते हैं. कुछ होटलों में खास पोषक भोजन बनाया जाता है तो कहीं योग या पेंटिंग के कोर्स होते हैं. शारीरिक शुद्धि के साथ आत्मा की शुद्धि पर भी जोर.
तस्वीर: Fotolia/Robert Kneschkeबौद्ध धर्म में न तो भूखा रहना चाहिए और न ही बहुत खाना चाहिए. पर कम खाना ध्यान के लिए अच्छा.
तस्वीर: S.Kodikara/AFP/Getty Images ऋतिका राय (यूट्यूब)