मुश्किल हालात में ही नेतृत्व की असली परीक्षा होती है. राम रहीम का मामला भी ऐसा ही था. और जिस तरह की हिंसा हुई, उससे साफ पता चलता है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री एक नाकाम प्रशासक हैं.
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सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ बलात्कार का एक आरोपी अदालत में पेश होने के लिए निकला. वो भी ऐसे, जैसे कोई गर्व से भरी शोभा यात्रा निकल रही हो. राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली पुलिस ने सैकड़ों गाड़ियों को सिरसा से पंचकुला तक जाने दिया. लाखों की तादाद में समर्थकों को जमा होने दिया.
यानि बारूद जमा हो चुका था. अब बस चिंगारी की देर थी. सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद चिंगारी भी मिल गई. फिर जो हुआ वह सबके सामने है. थाने, सरकारी दफ्तर और गाड़ियां फूंक दी गई. पंचकुला में भीड़ को रास्ता देते हुए पुलिस पीछे हटने लगी. इसके बाद तो जैसे जंगलराज सा पसर गया. जिस व्यक्ति के ऊपर हालात काबू में करने की जिम्मेदारी थी वो शांति बनाये रखने के लिए गिड़गिड़ाता दिखाई दिया.
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर में नेतृत्व की कितनी क्षमता है. न तो वह हालात को भांप सके और न ही हिंसा को रोक सके. शाम को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के ट्वीट के बाद खट्टर हरकत में आए. ऐसा लगा जैसे किसी लताड़ से उन्हें मामले की गंभीरता समझ में आई हो. फिर उन्होंने माना कि प्रशासन से चूक हुई है. लेकिन वह भूल गए कि प्रशासन के मुखिया वह खुद हैं.
बलात्कार का एक आरोपी अगर 200 से ज्यादा ट्रेनें रद्द करवा दे, कई जिलों में कर्फ्यू लगवा दे, तो राज्य को समझना चाहिए कि वह कितना पंगु हो चुका है. और फिलहाल इस पंगुता का सबसे बड़ा चेहरा मनोहर लाल खट्टर हैं.
राम रहीम के समर्थकों का उपद्रव
गुरमीत राम रहीम के समर्थक हिंसा पर उतरे. कई जगहों पर आगजनी के साथ भारी हिंसा हो रही है. मृतकों की संख्या बढ़ती जा रही है.
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फैसले के बाद हिंसा
सीबीआई कोर्ट के फैसले के बाद पंचकुला, चंडीगढ़, दिल्ली और सिरसा में राम रहीम के समर्थकों ने उत्पात मचाया. हिंसा की शुरुआत पंचकुला से हुई. वहां 1,00,000 से ज्यादा समर्थक जुटे थे.
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कई लोगों की मौत
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हिंसा के कुछ ही घंटों के भीतर अलग अलग जगहों पर कम से कम 28 लोग मारे गए. हालात काबू में करने के लिए अतिरिक्त सशस्त्र बल भेजे जा रहे हैं.
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बड़ी प्रशासनिक नाकामी
हरियाणा और पंजाब की सरकारों को पता था कि राम रहीम को दोषी करार दिये जाने पर हिंसा होगी, लेकिन इसके बावजूद दोनों राज्यों ने बड़ी संख्या में राम रहीम के समर्थकों के काफिलों को पंचकुला पहुंचने दिया.
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संपत्ति का भारी नुकसान
विकराल होती हिंसा के बीच चंडीगढ़ की ओर जाने वाली सैकड़ों बसें रोक दी गई हैं. भारतीय रेलवे की भी 200 से ज्यादा ट्रेनें प्रभावित हुई हैं.
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कई इलाकों में कर्फ्यू
पंचकुला, सिरसा, संगरूर और मोगा जिले में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है. दिल्ली में भी एक ट्रेन की कुछ बोगियों में उपद्रवियों ने आग लगाई.
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अदालत सख्त
हिंसा के बीच पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है. कोर्ट ने कहा है कि जितनी संपत्ति का नुकसान होगा, उसकी भरपाई राम रहीम को करनी होगी. राम रहीम की संपत्ति जब्त कर पैसा जुटाया जाएगा.