1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

'ईमान' के लिए लड़ रही जायरा वसीम के नाम पर दंगल क्यों?

१ जुलाई २०१९

भारत की फिल्म इंडस्ट्री 3 खानों पर टिकी है - आमिर, सलमान और शाह रुख. कितनी बार ऐसा हुआ कि इन तीनों को "गैर इस्लामी" काम करने के लिए ट्रोल किया गया हो? लेकिन 18 साल की जायरा वसीम बार बार ट्रोलिंग का शिकार हुई हैं.

Schauspielerin Zaira Wasim Khan
तस्वीर: IANS

इंटरनेट पर ट्रोल किए जाने के कुछ अनकहे नियम हैं. अगर आप लड़की हैं, आपकी उम्र 25 या उससे कम है और पेशे से आप लेखक, पत्रकार या फिर कलाकार हैं, तो आप ट्रोल करने वालों के सबसे पसंदीदा व्यक्ति हैं. हाल ही में जायरा वसीम एक बार फिर ट्रोल हुईं. और एक बार फिर इंटरनेट के ये अनकहे नियम सच साबित हो गए. आमिर खान की फिल्म दंगल से अपनी पहचान बनाने वाली जायरा वसीम ने बॉलीवुड को अलविदा कहने का फैसला किया, तो इंटरनेट पर बहस छिड़ गई. सवाल उठने लगे कि क्या ये वाकई उन्हीं का फैसला है.

अपनी बेहद लंबी और भावुक पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि वे लगातार अपने "ईमान" के साथ लड़ रही थीं, उनका पेशा लगातार उन्हें अल्लाह से दूर कर रहा है. ऐसे में ये सवाल उठ रहे हैं कि 18 साल की जायरा ने क्या यह फैसला खुद लिया या फिर उन्हें इसके लिए उकसाया गया. क्या उन पर समाज का इतना दबाव था कि इतनी सफलता मिल जाने के बाद भी उन्हें मजबूरन अपने सपनों को छोड़ना पड़ा.

ईशा भाटिया सानन

एक तरफ ट्रोल आर्मी अपना काम कर रही थी, तो दूसरी ओर कुछ बुद्धिजीवी भी इस बहस में उतर पड़े. भारत में निर्वासन में रह रहीं बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन जायरा के इस फैसले से काफी नाराज दिखीं. उन्होंने ट्वीट किया, "लोग कह रहे हैं कि अदाकारा जायरा वसीम के धर्म के कारण अभिनय छोड़ने के फैसले का सम्मान करना चाहिए. क्या वाकई?" नसरीन ने धर्म पर वार करते हुए लिखा, "औरतों को पितृसत्तात्मक समाज द्वारा ब्रेनवॉश किया जाता है, उन्हें सिखाया जाता है कि वे विनम्र बनें, दूसरों पर निर्भर करें, अनपढ़ रहें, गुलाम, हवस की वस्तु और बच्चा पैदा करने की मशीन बन कर रहें." नसरीन ये यह भी लिखा कि महिलाओं के पास ना तो आजादी होती है और ना ही कोई विकल्प और धर्म उन्हें दबा कर रखता है. 

वहीं रवीना टंडन ने भी अपना गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा, "इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता अगर दो फिल्में कर चुके लोग उस इंडस्ट्री के प्रति एहसान फरामोश हों जिसने उन्हें सब कुछ दिया है. काश कि वह विनम्र तरीके से इसे छोड़ती और अपने दकियानूसी ख्यालों को अपने ही पास रखती."

वैसे जायरा के समर्थन में उतरने वालों की संख्या भी कम नहीं है. द वायर की आरफा खानम शेरवानी ने ट्वीट किया, "जायरा वसीम के फिल्में छोड़ने के फैसले को वैसे ही समझा जाना चाहिए जैसे नुसरत जहान की बिंदी और सिंदूर को. ना तो उससे नुसरत अनैतिक हो गईं और ना ही इससे जायरा नैतिक. अपना फैसला लेने की आजादी सबसे अहम है."

जायरा के हक में आने वालों में समाजवादी पार्टी के एसटी हसन, फिल्ममेकर विवेक अग्निहोत्री, जम्मू कश्मीर के पुलिस अधिकारी इम्तियाज हुसैन और जैनब सिकंदर शामिल हैं. यह पहली बार नहीं है जब जायरा ट्रोल का शिकार हुई हैं. 2016 में जब लोगों ने पहली बार उन्हें छोटे बालों के साथ दंगल के पोस्टर पर देखा तब भी उन्हें "गैर इस्लामी" काम करने के लिए इंटरनेट पर खूब सताया गया.

इसके बाद 2017 में जब जायरा जम्मू की मुख्यमंत्री पद संभाल रहीं महबूबा मुफ्ती से मिलने पहुंचीं, तो ट्रोलिंग के साथ साथ जान से मार देने की धमकियां भी आने लगीं. जायरा इससे इतना डर गईं कि उन्होंने सोशल मीडिया पर एक माफीनामा भी डाल दिया. हालांकि इसके फौरन बाद उन्हें इसके लिए भी ट्रोल किया जाने लगा. नतीजतन उन्होंने अपनी पोस्ट डिलीट कर दी. पिछले साल जब उन्होंने रोते हुए अपना एक वीडियो पोस्ट किया और बताया कि कैसे हवाई जहाज में एक व्यक्ति ने उन्हें छूने की कोशिश की, तब भी पब्लिसिटी के लिए नाटक करने की बात कहते हुए उन्हें खूब ट्रोल किया गया था.

18 साल की उम्र, दो सुपरहिट फिल्में, एक नेशनल अवॉर्ड. आप ऐसे कितने कश्मीरी युवाओं के बारे में जानते हैं जो इस तरह की पहचान बनाने में सफल रहे हों? कश्मीर में दशकों से जिस तरह की स्थिति है, ऐसा कम ही होता है कि वहां से युवाओं को मेनस्ट्रीम में आ कर सफलता पाते हुए देखा जा सके. जायरा को कश्मीरी युवा के लिए एक मिसाल के रूप में देखा जाने लगा था. लेकिन जायरा के शब्दों में कहें तो यही उनके लिए बोझ सा बन गया था.

18 साल की उम्र में आप अपने भविष्य के लिए अलग अलग विकल्प खोज रहे होते हैं. आसपास वालों का समर्थन और दबाव दोनों ही इस खोज में अपना योगदान देते हैं. आज जायरा ने एक नए रास्ते पर चलना तय किया है. हो सकता है कि वे यहां से कहीं और पहुंच जाएं. यह भी हो सकता है कि वे कुछ सालों बाद फिर से लौट कर यहीं आ जाएं. उनका भविष्य उन्हें कहां ले जाएगा, यह तो पता नहीं है, पर इतना तय है कि कामयाबी की राह पर ट्रोल भी साथ रहेंगे.

_______________

हमसे जुड़ें: WhatsApp | Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

 

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें