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ईमेल खोलो संभलकर

९ अप्रैल २००९

माइक्रोसोफ्ट कंपनी की एक सुरक्षा रिपोर्ट के मुताबिक 97 फ़ीसदी से ज़्यादा ई मेल अवांछित होते हैं. यानी वे हमारे मतलब के नहीं होते. ऐसे ईमेल आते हैं जिन्हें स्पैम की श्रेणी में डाल दिया जाता है.

ईमेल में वायरस आने का ख़तरातस्वीर: AP

ऐसे ईमेल में तमाम उत्पादों से लेकर दोस्ती और शादी के विज्ञापन तक शामिल हैं और इनके साथ आमतौर पर वायरस के जुड़े रहने की आशंका भी रहती है. यानी ऐसे प्रोग्राम इन ईमेल्स के साथ अटैच हो सकते हैं जिनसे आपके कम्प्यूटर पर बुरा असर पड़ सकता है. वो काम करना बंद कर सकता है उसके कुछ सोफ्टवेयर प्रभावित हो सकते हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के शातिर दिमाग अपराधी साइबर दुनिया में सक्रिय हैं जो लोगों की आशंकाओं और डर का फ़ायदा उठा लेते हैं. ऐसे संदिग्ध मेल भेजे जाते हैं कि ये एक सुरक्षित सोफ्टवेयर है इसे डाउनलोड करें या कम्प्यूटर की सुरक्षा से जुड़े ऐसे फ़र्ज़ी प्रोग्राम रिलीज़ किए जाते हैं कि लोग अनचाहे ही उन्हें खोल देते हैं.

रिपोर्ट में बताया गया है कि ऑफिस डोक्युमेंट अटैचमेंट और पीडीएफ फाइलें हैकरों के सबसे ज़्यादा निशाने पर हैं. माइक्रोसोफ्ट के मुताबिक लोगों को अवांछित ईमेल्स की बाढ़ से घबराने की ज़रूरत नहीं. इनमें से ज़्यादातर मेल बॉक्स में नहीं आते.

माइक्रोसोफ्ट के विशेषज्ञों का कहना है कि स्पैम में ये उभार उस पारंपरिक संगठित अपराध तबके से आ रहा है जो सोफ्टवेयर की संवेदनशीलताओं पर हमला करने के बजाय अब और भी कमज़ोर कड़ियों यानी आपको और हमें निशाना बना रहा है.

माइक्रोसोफ्ट की चिंतातस्वीर: AP

शक्तिशाली ब्रॉडबैंड और बेहतर ऑपरेटिंग सिस्टम आ गए हैं तो स्पैम भी अरबों की संख्या में यहां वहां घुस रहे हैं. चार से पांच साल पहले हालात ऐसे नहीं थे. रिपोर्ट में उन देशों का भी ज़िक्र किया गया है जो घातक किस्म के सोफ्टवेयर के हमलों से परेशान हैं. इनमें रूस और ब्राज़ील पहले नंबर पर हैं. उसके बाद तुर्की और सर्बिया और मोंटेनीग्रो हैं.

स्पैम मेलों के ज़रिए आने वाला मालवेयर यानी नुकसानदेह सोफ्टवेयर हर देश में अलग अलग किस्म का है. रिपोर्ट में सलाह दी गयी है कि कम्प्युटर वेब ब्राउज़र और एप्लीकेश्नस को ताज़ातरीन वरजन के साथ अपडेट करते रहना चाहिए. एडोब के पुराने वरजनों पर मालवेयर की ज़्यादा गाज गिरी लिहाज़ा एडोब लगातार अपडेट करते रहने को विवश है.

रिपोर्ट- एजेंसियां

संपादन-एस जोशी

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