यूरोपीय संघ ने मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मानकों में खामियों के कारण तुर्की की कड़ी आलोचना की है. ईयू की सदस्यता चाह रहे तुर्की ने कानूनी राज्य और मानवाधिकारों पर यूरोपीय संघ की रिपोर्ट को अनुचित बताया है.
विज्ञापन
तुर्की के साथ सदस्यता वार्ता की प्रक्रिया में प्रगति पर हर साल प्रकाशित होने वाली रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब यूरोपीय संघ शरणार्थियों की समस्या के हल के लिए तुर्की की मदद चाह रहा है. तुर्की को संभावित सदस्यता के लिए तैयार करने में प्रगति पर इस रिपोर्ट में ईयू ने कहा है कि राजनीतिक मसलों पर सुधारों की गति धीमी पड़ी है. रिपोर्ट में लिखा है कि कुछ अहम कानून ईयू के मानकों के अनुरूप नहीं हैं. मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रताओं के मामले में भारी कमियां मौजूद हैं.
पिछले हफ्ते तुर्की में हुए संसदीय चुनावों के कारण इस रिपोर्ट के प्रकाशन को स्थगित कर दिया गया था. यूरोपीय संसद के लिए अपने पहले आकलन में संघ के विस्तार के लिए जिम्मेदार कमिश्नर यौहानेस हान ने कहा कि पिछले साल गंभीर खामियों ने न्यायपालिका की स्वतंत्रता के अलावा सभा करने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को भी प्रभावित किया.
उन्होंने खासकर इंटरनेट रिपोर्टिंग पर नियंत्रण के अलावा पत्रकारों और मीडिया पर बढ़ते दबाव और धमकी की चर्चा की. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तुर्की में व्यापक भ्रष्टाचार है और सरकार के उसके खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रही है.
सदस्यता वार्ता शुरु होने के बाद के दस वर्षों में यूरोपीय संघ की स्थिति बातचीत में मजबूत रही है, लेकिन अब उसे तुर्की से होकर आने वाले शरणार्थियों की संख्या से निबटने के लिए उसके साथ समझौते की जरूरत है. यूरोपीय संघ सीरिया शरणार्थी संकट के निबटारे के लिए तुर्की के साथ बातचीत कर रहा है, जिसमें तुर्की के लिए 3 अरब यूरो का सहायता पैकेज भी शामिल है.
ईयू की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की ने सीरिया से आए 20 लाख शरणार्थियों पर अब तक 6.7 अरब यूरो खर्च किया है. तुर्की अगर शरणार्थियों को अपने यहां रोक पाता है तो यूरोपीय देशों को राहत मिलेगी, लेकिन इसके बावजूद रिपोर्ट में अंकारा की आलोचना से परहेज नहीं किया गया है.
ईयू मामलों के लिए जिम्मेदार तुर्की के मंत्रालय ने विधिसम्मत राज्य, मानवाधिकारों और मीडिया स्वतंत्रता की स्थिति पर यूरोपीय संघ की रिपोर्ट की आलोचना की है और उसे अनुचित बताया है. मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "रिपोर्ट की कुछ टिप्पणियां अनुचित और आंशिक रूप से असंगत और लोकतांत्रिक देश में स्वतंत्रता और सुरक्षा के संतुलन को नजरअंदाज करने वाली हैं."
एमजे/आरआर (एपी)
तुर्की की 10 दिलचस्प बातें
रिपब्लिक ऑफ तुर्की, जी हां, 1923 से तुर्की का यही असली नाम है और इसकी राजधानी विश्वप्रसिद्ध इस्तांबुल नहीं, बल्कि अंकारा है. समुद्री किनारों और चहल पहल भरे बाजारों के अलावा समृद्ध इतिहास वाले तुर्की के कुछ मजेदार तथ्य.
तस्वीर: picture-alliance/AA/Sezgin Pancar
कल्पना का घोड़ा: ट्रोजन हॉर्स
ट्रॉय के पुरातात्विक स्थल के प्रवेश द्वार पर रखी लकड़ी के घोड़े की एक शानदार प्रतिकृति. तुर्की के कुछ पुरातत्व विज्ञानियों ने दावा किया था कि उन्हें ऐतिहासिक ट्रॉय शहर में खुदाई के दौरान बड़ी लकड़ी की संरचना मिली जो ट्रोजन हॉर्स हो सकता है. कई इतिहासकार इसे केवल एक मिथक का हिस्सा मानते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/ZB/F.Baumgart
दो विश्व अजूबे
दुनिया के 7 प्राचीन अजूबों में शामिल इफेसस और हेलिकार्नासुस तुर्की में ही हैं. माना जाता है कि इफेसस के दक्षिण में स्थित एक घर में खुद वर्जिन मेरी रही थीं. प्राचीन शहर हेलिकार्नासुस में राजा मुसोलस का मकबरा विश्व अजूबा माना गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
असली सांता क्लॉज
दुनिया भर में सांता क्लॉज के नाम से मशहूर संत का असली नाम सेंट निकोलस था. उनका जन्म तुर्की के पटारा में हुआ माना जाता है. बाद में वे तुर्की में भूमध्यसागर के तट पर बसे शहर डेमरी के बिशप बने.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
दो महाद्वीपों की कड़ी
दुनिया भर में केवल इस्तांबुल ही एक ऐसा शहर है जो दो महाद्वीपों में बसा है. वैसे तुर्की का केवल 3 प्रतिशत हिस्सा ही यूरोप में और बाकी एशिया में है. 2010 में यूरोपीय संघ ने इस्तांबुल को यूरोपियन कैपिटल ऑफ कल्चर घोषित किया था.
तस्वीर: MUSTAFA OZER/AFP/Getty Images
नीदरलैंड्स के नहीं थे ट्यूलिप
इतिहासकारों ने पाया है कि 16वीं सदी में तुर्की के व्यापारियों ने ही सबसे पहले डच लोगों को ट्यूलिप के फूलों से परिचित करवाया. आधुनिक समय में ट्यूलिप का पर्याय बन चुके नीदरलैंड्स के मशहूर कोएकेनहोफ बागीचे में ईरान, तुर्की, बुल्गारिया के ट्यूलिप पहली बार 1954 में बोए गए.
तस्वीर: BR
कॉफी का यूरोप से परिचय
15वीं सदी में तुर्की के रास्ते ही यूरोप में कॉफी आई. तुर्की के तत्कालीन ओटोमन साम्राज्य ने सबसे पहले कॉफी के बीजों से इतावली लोगों को परिचित कराया. फिर इटली से इसकी लोकप्रियता दूसरे यूरोपीय देशों में फैली.
तस्वीर: DW
हेजलनट का दबदबा
आज तमाम चॉकलेट, केक और मिठाइयों में इस्तेमाल होने वाले मेवे हेजलनट का करीब 80 फीसदी केवल तुर्की से ही निर्यात होता है. मेवों से बनने वाली बकलावा जैसी कई तुर्क मिठाइयां आज विश्व भर में पसंद की जाती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
नाम के अनुरूप- ग्रैंड
इस मशहूर बाजार में 64 गलियां, करीब 4,000 दुकाने और 25,000 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं. ग्रैंड बाजार दुनिया के सबसे विशाल और सबसे पुराने ढके हुए बाजारों में एक है. हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक इन बाजारों का रूख करते हैं.
तस्वीर: Julian Finney/Getty Images
धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक
तुर्की मुस्लिम बहुल होकर भी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर चलता है. 1923 में आजादी की लड़ाई के बाद से यह रिपब्लिक ऑफ तुर्की बना और साथ ही देश में इन सेकुलर और डेमोक्रेटिक प्रक्रियाएं लागू हुईं.
तस्वीर: picture alliance/AA/V. Furuncu
महिला अधिकारों में अव्वल
जून 2015 में 25वें आम चुनावों में अपना वोट देती तुर्क महिला. 1750 ईसा पूर्व से 1190 के बीच तुर्की में प्रभावशाली हितितीज ने शासन किया, जो महिला और पुरुष अधिकारों में समानता के पक्षधर थे. आधुनिक काल में भी, अमेरिका या किसी भी यूरोपीय देश से पहले तुर्की में ही महिलाओं को मत का अधिकार मिला था.