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ईरानी मूल के ब्लॉगर को बीस साल की कैद

२९ सितम्बर २०१०

ईरान में ब्लॉगिंग आंदोलन के अगुवा समझे जाने वाले 35 वर्षीय होसैन दरख्शन को इस्लामी व्यवस्था के खिलाफ प्रचार के लिए साढ़े 19 साल कैद की सजा दी गई है.

अनुदारवादी वेबसाइट मशरगन्यूज ने अदालती सूत्रों के हवाले से खबर दी कि कि दरख्शन को दुश्मन देशों के साथ सहयोग करने और इस्लामी व्यवस्था के खिलाफ प्रचार के लिए सजा जी गई है. अदालत ने उन्हें प्रतिक्रांतिकारी सेल्स को बढ़ावा देने और इस्लामी पवित्रताओं का अपमान करने का दोषी पाया.

होसैन दरख्शन ने 2001 में फारसी में ब्लॉग करने के सही सही तरीके को इंरनेट पर डालकर ईरान में इंटरनेट क्रांति की शुरुआत की. वह 2006 में कनाडा के पासपोर्ट पर ईरान के धुर दुश्मन देश इस्राएल के दौरे पर गए. अपने अनुभवों को उन्होंने फारसी और अंग्रेजी के ब्लॉगों में लिखा और कहा कि वह इस्राएलियों और ईरानियों को एक दूसरे की अलग छवि देना चाहते हैं. नवंबर 2008 में ईरान वापस लौटने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजादतस्वीर: AP

दरख्शन को साढ़े 19 साल की कैद की सजा दी गई है और पांच साल के लिए उनकी मीडिया गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. फार्स समाचार एजेंसी ने दूसरे स्रोत से अदालती फैसले की पुष्टि की है और कहा है कि दरख्शन इस फैसले के खिलाफ अपील करेंगे.

कनाडा की सरकार और पत्रकार संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बोर्डर्स ने फैसले की कड़ी निंदा की है. कनाडा के विदेश मंत्री लावरेंस कैनन ने फैसले के बारे में कहा, "यदि यह सही है तो पूरी तरह अस्वीकार्य और अनुचित है." दरख्शन की रिहाई की मांग करते हुए कैनन ने कहा, "किसी को कहीं भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नैसर्गिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए सजा नहीं दी जानी चाहिए."

पेरिस स्थित पत्रकार संगठन रिपोर्टर्स विदाउट बोर्डर्स ने कहा, "ईरान में किसी ब्लॉगर को कभी इतनी लंबी सजा नहीं दी गई है और इससे पता चलता है कि वहां की सरकार दरख्शन के मामले को मिसाल बनाना चाहती है."

होसैन दरख्शन हाल के बरसों में ईरान में गिरफ्तार किए जाने वाले कनाडा के तीसरे पत्रकार हैं. 2003 में ईरानी मूल की कनाडाई पत्रकार जारा काजमी की जेल में मौत हो गई थी जबकि न्यूजवीक के संवाददाता मजियार बहारी को 2009 में कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था. ईरान दोहरी नागरिकता को स्वीकार नहीं करता है.

विपक्षी वेबसाइट कलाम.नेट ने कहा है कि धार्मिक नेता अयातोल्लाह अली खमेनी का अपमान करने के आरोप में सुधार समर्थक पत्रकार ईसा सहरखीज को पांच साल की कैद दी गई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: ए कुमार

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