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ईरान- इस्लाम और गणतंत्र

७ जून २०१३
तस्वीर: Mehr

14 जून को ईरान में आम चुनाव होने जा रहे हैं. सत्ता में दो बार आने के बाद राष्ट्रपति अहमदीनेजाद का उत्तराधिकारी कौन होगा, इस सवाल पर पूरी दुनिया बहस कर रही है.

ईरान में ही राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार ईरानी समाज में अलग अलग तबकों और मुद्दों पर बहस कर रहे हैं. कुछ नेता इस बार महिला मुद्दों को प्राथमिकता देना चाहते हैं तो देश के प्रमुख परमाणु प्रवक्ता सईद जलीली का मानना है कि महिलाओं को घर पर रहना चाहिए.

ईरान की अंतरराष्ट्रीय समुदाय में पूछ भी चुनावों में अहम मुद्दा है. आयातोल्लाह खामेनेई के विदेश सलाहकार अली अकबर विलायती ईरान और पश्चिमी जगत के बीच मतभेद को कम करने की वकालत कर रहे हैं, जबकि आयातोल्लाह खुद कहते हैं कि ईरान का अस्तित्व ही दूसरों के लिए परेशानी है.

जहां तक अर्थव्यवस्था की बात है, खामेनेई कहते हैं कि देशवासियों को कम खर्च करना चाहिए और अपनी जरूरतों को लगाम देना चाहिए. कई रिपोर्टों के मुताबिक ईरान के लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. क्या नई सरकार देश की हालत बदल सकेगी?

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