ईरान के चलते फिरते डिस्कोथेक
१४ सितम्बर २०१२कई युवा ईरानियों के लिए डिस्को शब्द के साथ अगर कुछ सामने आता है तो वह ये कि वहां बहुत तेज म्यूजिक पर उल जुलूल डांस किया जाता है और खूब शराब पी जाती है. इन लोगों ने खुद कभी डिस्को नहीं देखा है. 1979 में इस्लामिक गणतंत्र बनने के साथ ही डिस्को पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया गया था और शराब पर भी.
ईरान में रहने वाले लोगों का जीवन ऐसे कई प्रतिबंधों के बीच चलता है. जिसमें महिलाओं का बुरका पहनना है और घर से बाहर पराए पुरुषों के साथ जाना मना है. इस बीच आर्थिक मुश्किलें, मुद्रा संकट भी ईरान पर हावी हो रहा है लेकिन बंद राहों में रास्ता तलाशने वाले और जीवन का आनंद उठाने वाले यहां भी हैं. सारे नियम कायदों के बावजूद वह कहीं न कहीं से अपना मतलब साध ही लेते हैं.
चलते चलते
प्रतिबंधों से पार पाने की ऐसी ही कोशिश है बस की यात्रा. फिर इस यात्रा के दौरान बसों को चलते फिरते डिस्कोथेक में बदल देना. युवा हों या बूढ़े जो दोस्तों के साथ आनंद उठाना चाहते हैं या दूसरे यात्रियों के साथ जान पहचान बढ़ाना चाहते हैं वह सप्ताहांत में एक यात्रा बस से करते हैं. हामिदरेजा हाशेमी गाइड हैं. वह बताते हैं, "ईरानी खुशमिजाज लोग है और बड़े ग्रुपों में उन्हें अच्छा लगता है. पार्टी करना भी. प्रकृति में जाना भी उन्हें पसंद है. चलते फिरते डिस्कोथेक खूब पसंद किए जाते हैं क्योंकि इसमें संगीत, डांस, बढ़िया माहौल और प्रकृति में घूमना सब शामिल होता है."
परिवार में ही
26 साल की याल्दा छात्रा हैं. वह कई बार इस तरह के टूर पर गई हैं और इनसे खूब प्रभावित हैं. एक बार वह डबल डेकर बस में भी गईं. वह बताती हैं, "यादगार सफर था. पूरे समय हम लोगों ने खूब मस्ती की, डबल डेकर मस्ती. इस तरह के टूर पर आप ऊर्जा से भर जाते हैं और कुछ दिन तक यह ऊर्जा आप को आगे बढ़ाती रहती है."
बस की खिड़कियों को ढंक दिया गया था ताकि पुलिस को किसी तरह की शंका न हो. पार्टी शुरू होने पर सीटों और बीच की जगह में डांस लिया जाता है, हाशेमी कहते हैं,"लोग इससे रोज के तनाव को भूल जाते हैं. वह बस की इस यात्रा को एक टूर की तरह लेते हैं जहां वे बिना किसी नियम कानून के बस मजे उठा सकें. कई लोग कहते हैं कि वह रोज की दुनिया में तब लौटते हैं जब बस से उतरते हैं."
मोरल पुलिस का कंट्रोल
बस टूर आयोजक हमेशा यात्रियों के पार्टी मूड से खुश नहीं रहते. क्योंकि कंपनी को अपने गाइडों के बारे में अक्सर मोरल पुलिस को जवाब देना पड़ता है. एक टूर एजेंसी के मालिक अली अलीपोर कहते हैं, "कई बार हमें यात्रियों के कपड़ों के बारे में या उनके व्यवहार के बारे में जवाब देने पड़ते हैं. इस साल एक टूर के दौरान हमारे सभी यात्रियों को एक पर्यटन स्थल पर नहीं जाने दिया गया और उन्हें पुलिस थाने ले जाया गया. यात्री बिलकुल निश्चिंत नहीं रह सकते. मस्ती का अंत भी जल्दी ही हो जाता है."
रिपोर्टः फारानाक सोलेमानजादेह/आभा मोंढे
संपादनः एन रंजन