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परमाणु समझौते पर ईरान का बड़ा फैसला

८ मई २०१९

ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर निकलने के एक साल बाद ईरान ने भी संधि से आंशिक रूप बाहर निकलने की घोषणा की है. ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने संधि के बाकी देशों को इसकी सूचना दी है.

Hassan Rohani
तस्वीर: welayatnet

राष्ट्रपति हसन रोहानी ने ईरान का फैसला ऐतिहासिक समझौते में शामिल सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस के अलावा जर्मनी को एक पत्र लिख कर इसकी सूचना दी. रोहानी ने अपने पत्र में कहा, "हम अकेले एक अंतरराष्ट्रीय समझौते को लागू नहीं कर सकते, यदि विरोधी पक्ष ऐसा भी नहीं करे." समाचार एजेंसी इसना के अनुसार राष्ट्रपति रोहानी शाम में एक साक्षात्कार में इसके बारे में और जानकारी देंगे. ईरान में इस समय रमजान चल रहा है और इंटरव्यू का प्रसारण रोजे खुलने के बाद सरकारी चैनल इरीब पर होगा.

सरकारी समाचार एजेंसी इरना ने मंगलवार को ही रिपोर्ट दी थी कि ईरान 2015 में हुए परमाणु समझौते के तहत स्वीकार की गई अपनी जिम्मेदारियों में धीरे धीरे कमी करना चाहता है. परमाणु समझौते सालों की बातचीत के बाद सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्य देशों और जर्मनी के साथ किया गया था. इसका लक्ष्य ईरान के परमाणु सत्ता बनने की क्षमता को रोकना था. समझौते के तहत ईरान ने अपनी परमाणु गतिविधियों में धीरे धीरे कटौती की थी.

अमेरिका का विरोध

इस समझौते के बाद पश्चिमी देशों ने ईरान पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देनी शुरू की थी, लेकिन अमेरिका में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका 2018 में इस समझौते से बाहर निकल गया और पिछले सालों में उसने प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया. इस बीच अमेरिका ने ईरान से तेल के आयात पर भी रोक लगा दी है. साथ ही दुनिया के सभी देशों पर ईरान से तेल आयात नहीं करने पर दबाव डाल रहा है.

ट्रंप का दबावतस्वीर: picture-alliance/AP/S. Walsh

ईरान ने हालांकि संधि से आंशिक रूप से बाहर निकलने की घोषणा की है लेकिन उसने सुलह के दरवाजे खुले रखे हैं. पहले चरण में ईरान इस शर्त का पालन नहीं करेगा कि वह सिर्फ 300 किलो संवर्धित यूरेनियम खुद रख सकता है जबकि बाकी को उसे किसी तीसरे देश को भेजना या बेचना होगा. रोहानी ने कहा है कि ईरान फिर से शर्तों का पालन करने लगेगा यदि संधि में शामिल दूसरे देश दो महीने के अंदर बैंक और तेल प्रतिबंध हटा लें.

ईरान की धमकी

ऐसा नहीं होने पर ईरान ने 60 दिन बाद यूरेनियम के संवर्धन से जुड़े सिर्फ 3.5 डिग्री तक संवर्धित करने की शर्त पर पुनर्विचार करेगा. रोहानी ने कहा कि यूरेनियम का असीमित संवर्धन किया जाएगा. ईरान के साथ 2015 में परमाणु संधि की गई थी. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के अनुसार जनवरी 2016 से ईरान ने संधि की सभी शर्तों का पालन किया है और कोई भी उल्लंघन दर्ज नहीं किया गया है.

यूरोपीय संघ, रूस और चीन संधि में शामिल हैं. यूरोपीय संघ ईरान के साथ कारोबार के लिए खास तौर पर बनाए गए इंसटेक्स कंपनी के साथ अमेरिकी प्रतिबंधों से बचने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यह पहल अब तक ज्यादा सफल नहीं रही है. खासकर बड़े बैंक अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से ईरान के साथ किसी कारोबार में शामिल नहीं होना चाहते हैं. भारत ईरान से तेल का आयात करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है. अमेरिका ने उस पर भी तेल आयात पूरी तरह रोकने के लिए दबाव डाला है.

एमजे/एए (डीपीए)

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