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ईरान में सरकार समर्थकों की रैली

२५ नवम्बर २०१९

ईरान की सरकार के हजारों समर्थकों ने सोमवार को सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया. इन लोगों ने देश में बीते दशकों के सबसे हिंसक प्रदर्शनों के लिए अमेरिका और इस्राएल को जिम्मेदार ठहराया.

Iran Teheran | Pro-Regierungsdemonstrastion
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Kenare

हजारों युवा और कामकाजी जमात के लोग 15 नवंबर को गैसोलीन की कीमतें बढ़ने के बाद सड़कों पर उतर आए थे. इन लोगों ने अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से पहले से ही मुश्किलों में घिरी जिंदगी पर और दबाव बढ़ने की शिकायत की. प्रदर्शनकारियों ने जल्दी ही इन शिकायतों में देश के गैरजिम्मेदार और भ्रष्ट नेताओं को पद से हटाने की मांग भी शामिल कर ली. देखते ही देखते हिंसा भड़क उठी और 100 से ज्यादा बैंकों और कई इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया.

2009 में चुनाव में धांधली की शिकायतों के बाद उठे विरोध प्रदर्शनों के बाद पहली बार ईरानी जनता इतनी नाराज नजर आई. इन प्रदर्शनों में दर्जन भर लोग सुरक्षाबलों की कार्रवाई में मारे गए हैं.

तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Kenare

सोमवार को ईरान के सरकारी टेलीविजन ने सरकार समर्थक प्रदर्शनों का लाइव कवरेज दिखाया. इसमें लोगों को "अमेरिका मुर्दाबाद" और "इस्राएल मुर्दाबाद" के नारे लगाते तेहरान के रिवॉल्यूशन चौक की और बढ़ते देखा जा सकता है. चौक पर ईरान की एलीट रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर ने भाषण भी दिया.

सरकारी टीवी और विदेश मंत्रालय सरकार समर्थित इन रैलियों का रविवार से ही प्रचार कर रहे हैं. ये रैलियां गैसोलीन की बढ़ी कीमत का विरोध करने वालों को जवाब देने के लिए बुलाई गई हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्बास मुसावी का कहना है, "मैं उनसे कहूंगा कि वे (बाहरी देश) आज के मार्चों को देखें, ताकि वो ईरान के सच्चे लोगों को देख सकें और वो क्या कह रहे हैं यह सुन सकें."

इस्लामी रिपब्लिक ईरान ने आरोप लगाया है कि निर्वासित लोगों और अमेरिका, इस्राएल और सऊदी अरब जैसे विदेशी दुश्मनों से जुड़े "बदमाश" सड़कों पर अशांति फैला रहा हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक इन प्रदर्शनों में अब तक 115 प्रदर्शनकारियों की जान गई है.

तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Kenare

ईरान से सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए प्रदर्शनों के वीडियो में लोगों को "तानाशाही मुर्दाबाद, अब तुम्हारे जाने का वक्त आ गया है" जैसे नारे लगाते लोग देखे जा सकते हैं. हालांकि इन वीडियो की  स्वतंत्र रूप से पुष्ट नहीं की जा सकी है.

सरकारी अधिकारी "दंगाइयों" को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर अशांति जारी रही तो उन्हें कड़ी सजा मिलेगी. पिछले हफ्ते उन्होंने कहा था कि गड़बड़ी शांत हो गई इसके बाद इंटरनेट पर से पाबंदी आंशिक रूप से हटा ली गई लेकिन उसके बाद भी देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन जारी रहे.

अमेरिका ईरान के प्रदर्शनकारियों के साथ आ गया है जबकि फ्रांस और जर्मनी ने प्रदर्शनों के दौरान हुई मौतों पर चिंता जताई है. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने पिछले हफ्ते कहा था कि सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों की भीड़ पर छतों से गोलियां चलाई है. एक मामले में हैलिकॉप्टर से भी गोली चलाने की बात एमनेस्टी ने कही है.

सोशल मीडिया में आ रही तस्वीरों में मोटरबाइक पर सवार दर्जनों पुलिस वालों को भीड़ में घुसते और डंडों से प्रदर्शनकारियों पर हमले करते देखा जा सकता है. कुछ वीडियो में पुलिस वाले गोली चलाते भी दिख रहे हैं.

तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Kenare

ईरान ने एमनेस्टी के मौत के आंकड़ों को खारिज किया है. सरकार का कहना है कि सुरक्षा बलों के जवानों समेत कई लोगों की मौत हुई है और 1,000 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं. अपुष्ट खबरों में चार हजार लोगों के गिरफ्तार होने की बात कही जा रही है.

तेहरान में एक युवा प्रदर्शनकारी ने कहा, "मेरा चचेरा भाई गिरफ्तार हो गया है, हमें नहीं पता कि वह जिंदा है भी या नहीं."

एनआर/आरपी(रॉयटर्स)

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