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ईरान में विमान हादसा, 72 की मौत

१० जनवरी २०११

ईरान की सरकारी एयरलाइन का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. बर्फ और घने कोहरे में फंसकर विमान लैंडिंग से कुछ ही देर पहले क्रैश हो गया. हादसे में 72 लोगों की मौत, 33 भाग्यशाली बचे. दोनों ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिए गए.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ईरान एयर का बोईंग 727 विमान राजधानी तेहरान से ओरुमया शहर के लिए निकला. विमान में 95 यात्री और चालक दल के 10 सदस्य सवार थे. लैंडिंग के दौरान विमान ओरुमया के पास क्रैश हो गया. अधिकारियों के अनुसार स्थानीय समय से शाम 7:45 पर विमान से पूरी तरह संपर्क टूट गया. ईरान की न्यूज एजेंसी फार्स ने मृतकों की संख्या 72 बताई है, 33 लोग घायल हैं.

अधिकारियों के मुताबिक ओरुमया में मौसम काफी खराब था. जिसकी वजह से विमान तेहरान से ही एक घंटा देर से उड़ा. ईरानी प्रांत पश्चिमी अजरबैजान के गवर्नर जनरल वाहिद जलालजादेह के मुताबिक दुर्घटना से ठीक पहले पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल का संपर्क टूट गया. इसके बाद विमान अचानक रडार से गायब हो गया. जलालजादेह ने कहा, ''गांव वालों ने हादसे की जानकारी दी. कुछ यात्री विमान के मलबे से निकलने में कामयाब रहे. सभी घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है.''

तस्वीर: picture-alliance/dpa

ईरानी टेलीविजन पर आ रही तस्वीरों में दिखाया जा रहा है कि विमान टूट कर तीन हिस्सों में बंट गया. दुर्घटना जिस जगह पर हुई वहां घना कोहरा और बर्फ की पतली चादर जमी हुई है. अधिकारियों के मुताबिक विमान अपनी उड़ान करीबन पूरी कर चुका था इस वजह से हादसे में कुछ लोग बच गए. विमान में तेल लगभग खत्म हो चुका था, इस वजह से इसमें आग नहीं लगी.

हादसे की जांच की जा रही है. परिवहन विभाग को विमान के दोनों ब्लैक बॉक्स मिल गए हैं. ईरान एयर के प्रवक्ता शाहरुख नौशादबादी के मुताबिक पहली नजर में लगता है कि खराब मौसम की वजह से हादसा हुआ. ईरान एयर के क्रैश से पहले रविवार को ही तेहरान से ओरुमया जाने वाली दो फ्लाइट्स रद्द कर दी गईं थीं. घटनास्थल पर बर्फबारी अब भी जारी है. अधिकारियों के मुताबिक हादसे के बाद से अब तक दो फुट से ज्यादा बर्फ गिर चुकी है, इस वजह से जांच में खासी दिक्कत आ रही है.

ईरान में बीते एक दशक में कई विमान हादसे हुए हैं. 2005,2006 और 2009 में तेहरान के पास ही तीन बड़े हादसे हो चुके हैं, जिनमें 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. विशेषज्ञों के मुताबिक ईरान के ज्यादातर यात्री विमान बेहद पुराने पड़ चुके हैं. प्रतिबंधों और पश्चिमी देशों से तकरार के चलते कई विमानों की मरम्मत तक ठीक से नहीं हो पा रही हैं.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

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