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ओलंपिक पदक विजेता का ईरान पर 'पाखंड' का आरोप

१३ जनवरी २०२०

ईरान की ओलंपिक खिलाड़ी ने देश छोड़ने के बाद महिलाओं के साथ होने वाले सुलूक को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. तायक्वोंडो खिलाड़ी किमिया अलीजादेह से पहले भी कुछ खिलाड़ी देश छोड़ चुके हैं.

Iran | Protest gegen die Regierung in Teheran
तस्वीर: hamshahrionline.ir

ईरान की एकमात्र ओलंपिक पदक विजेता किमिया अलीजादेह ने देश छोड़ दिया है. 21 वर्षीय तायक्वोंडो खिलाड़ी अलीजादेह ने इस बारे में एक पोस्ट सोशल मीडिया में लिखा है. उन्होंने देश छोड़ने के फैसले पर लिखा, "मैं ईरान में लाखों प्रताड़ित महिलाओं में से एक हूं."  अलीजादेह ने सरकार पर राजनीतिक हथकंडे के लिए "पाखंड, अन्याय और महिलाओं पर अत्याचार" करने का आरोप लगाया. अलीजादेह ने 2016 में ईरान के लिए ओलंपिक में तायक्वोंडो में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था. फारसी भाषा में उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "मैं ईरान में प्रताड़ित लाखों महिलाओं में से एक हूं जिनके साथ वह सालों से खिलवाड़ करते आए हैं."

अलीजादेह का ऐलान ऐसे वक्त हुआ है जब ईरान और अमेरिका के बीच क्षेत्र में तनाव बढ़ा हुआ है. ईरान के सबसे ताकतवर कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की अमेरिकी हमले में मौत के बाद दोनों देश आक्रामक रवैया अपनाए हुए हैं. कासिम की मौत के बाद 8 जनवरी को यूक्रेन एयरलाइंस का बोइंग 737-800 विमान क्रैश हुआ था, विमान में सवार 176 लोग मारे गए थे. इसके बाद ईरान ने पिछले हफ्ते कबूल किया कि उसकी सेना ने गलती से यूक्रेन के यात्री विमान को निशाना बना दिया था. ईरान सरकार की तरफ से जारी बयान में इसे इंसानी भूल बताया गया था. ईरान ने हादसे के दो दिन बाद तक विमान पर मिसाइल से टकराने की बात से इनकार किया था. इस विमान हादसे में सबसे ज्यादा ईरान के 82 और कनाडा के 63 यात्री मारे गए थे.

किमिया अलीजादेहतस्वीर: picture-alliance/dpa/AP Photo/A. Medichini

ईरान छोड़ने वाले दूसरे खिलाड़ी

हाल के महीनों में देश छोड़ने वाली अलीजादेह अकेली जानी मानी खिलाड़ी नहीं हैं. ओलंपिक खिलाड़ी और 2018 में अंतरराष्ट्रीय जूडो चैंपियनशिप जीतने वाले सैयद मोल्लाई ने ईरान छोड़कर मंगोलिया की नागरिकता पहले ही ले ली थी. दरअसल ईरान नहीं चाहता था कि मोल्लाई टोक्यो में वर्ल्ड जूडो चैंपियनशिप में हिस्सा ले, ईरान को आशंका थी कि उनका सामना इस्राएली खिलाड़ी से हो सकता है. ऐसे में मोल्लाई को चैंपियनशिप में हिस्सा न लेने का आदेश दिया गया था. लेकिन मोल्लाई सरकार के आदेश की फिक्र किए बिना टोक्यो गए और सेमीफाइनल तक पहुंचे. एक और ईरानी पैरा खिलाड़ी जिसने 2020 टोक्यो ओलंपिक में जगह बना ली है, पिछले साल जुलाई में देश छोड़कर नीदरलैंड्स में शरण ले थी.

ईरान की न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक अलीजादेह भी नीदरलैंड्स में ही मौजूद हैं. अलीजादेह का कहना है कि अधिकारियों ने जो उनसे कहा उन्होंने उसका पालन किया, साथ ही हिजाब भी पहना. अलीजादेह ने ईरान के अधिकारियों पर "लैंगिक भेद-भाव और गलत व्यवहार" का भी आरोप लगाया है. ईरान के उप खेल मंत्री महिन फरहादिजाद ने इस्ना न्यूज एजेंसी से कहा कि किसी भी खिलाड़ी को जबरन देश में रोककर नहीं रखा जा सकता. उन्होंने कहा, "हम सिर्फ महिलाओं और महिला खेलों का समर्थन कर सकते हैं."

कनाडा में शोकतस्वीर: Reuters/C. Osorio

अमेरिका से तनाव के बीच ईरान में प्रदर्शन

रविवार देर रात को इराक में अमेरिकी सेना के बेस पर फिर एक बार रॉकेट हमले किए गए. रिपोर्टों के मुताबिक ताजा हमले में इराकी वायु सेना के दो अधिकारी और दो सैनिक घायल हुए हैं. सेना ने अपने बयान में कहा कि बगदाद से लगभग 80 किलोमीटर उत्तर में स्थित अल-बलाड एयरबेस पर आठ रॉकेट गिरे. अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिकी ठिकाने को निशाना बनाकर यह तीसरा हमला किया गया.

उधर ईरान में यूक्रेन एयरलाइंस के विमान हादसे पर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं. विमान हादसे के खिलाफ हजारों लोगों ने सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. ईरान में जनता पिछले दो दिनों से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है. रविवार को सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले भी दागे. अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनकी सरकार ईरान में हो रही गतिविधियों पर करीब से नजर बनाए हुए है. उन्होंने रविवार को ट्वीट किया, "राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने मुझे बताया कि नए प्रतिबंधों से ईरान का दम घुटने लगा है और वह समझौता करने के लिए मजबूर होने वाला है." उन्होंने ईरानी नेताओं से कहा, "अपने प्रदर्शनकारियों को मारे नहीं."

एए/एमजे (डीपीए)

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