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ईरान से तेल आयात घटाएगा भारत

१५ मई २०१२

भारत ने ईरान से तेल के आयात में करीब 11प्रतिशत की कमी लाने की बात कही है. तेल के आयात में कमी लाने के पीछे कारण अमेरिका का लगातार बनाया गया दबाव है. हालांकि अमेरिका अब भी इस से खुश नहीं दिख रहा.

तस्वीर: Fotolia/kebox

तेल राज्य मंत्री आरपीएन सिंह ने मंगलवार को इस बात की पुष्टि की. सिंह ने कहा कि भारत 2012/13 में 1.55 करोड़ टन का आयात करेगा जो कि पिछले साल से 1.74 करोड़ टन से कम है. सिंह का कहना है कि 2111/12 में आयात की गई यह मात्रा उसके पहले से 5.7 प्रतिशत कम है.

अमेरिका भारत और अन्य देशों पर दबाव बना रहा है कि वे ईरान से तेल का आयात बंद करें. ऐसा कर वह तेहरान पर परमाणु कार्यक्रम से हटने का दबाव बनाना चाहता है. अमेरिका का मानना है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम हथियार बनाने के लिए चलाया जा रहा है जबकि ईरान इस से इनकार करता आया है. अमेरिका के दबाव के चलते जापान भी इस साल ईरान से तेल आयात में 15 से 22 फीसदी की कमी ला चुका है.

अमेरिका के विशेष दूत कार्लोस पास्कल ने मंगलवार को भारत में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की और आयात में कमी लाने पर चर्चा की. अपना नाम न बताने की शर्त पर एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि भारत ने भविष्य में आयात कम करते रहने की बात मानी है लेकिन इसके लिए कोई सीमा तय नहीं की गई है. अधिकारी के अनुसार इस बैठक में ईरान से खाद के आयात पर भी चर्चा की गई लेकिन उस पर भी कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया.

पिछले सप्ताह ही अमेरिकी विदेश मंत्री हिलरी क्लिंटन ने भारत यात्रा की जिस दौरान ईरान से तेल आयात का मुद्दा अहम रहा. अमेरिका अगले महीने से उन देशों के खिलाफ कदम उठाने की तैयारी में है जो अब भी ईरान के साथ व्यापार कर रहे हैं. हालांकि अमेरिका ने देशों के लिए कोई सीमा तय नहीं की है लेकिन वह व्यापार में कमी चाहता है.

तस्वीर: Reuters

अमेरिका की नाराजगी

आरपीएन सिंह ने इस बारे में कहा, "भारत लम्बे समय से कोशिश करता आया है कि देश में ही तेल के नए स्रोत खोजता रहे ताकि दुनिया के कुछ हिस्सों पर उसे निर्भर ना रहना पड़े." दिल्ली में अमेरिकी दूतावास ने कहा कि वह अभी इस बात पर टिप्पणी नहीं कर सकता कि वह भारत द्वारा की गई कमी से संतुष्ट है या नहीं. लेकिन उच्च अमेरिकी राजदूत कारलोस पास्कल ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा कि अमेरिका भारत से खुश नहीं है और इस बात को सुनिश्चित नहीं कर सकता कि क्या जून के अंत की जो समय सीमा देशों को दी गई है उसमें भारत को कोई छूट मिलेगी, "हम आज बहुत प्रभावित नहीं हुए हैं. हमें ऊर्जा के मुद्दों पर और बात करने की जरूरत है और देखना है कि हम इन पर किस तरह से मिल कर काम करते हैं. यह एक महत्वपूर्ण रिश्ता है."

क्लिंटन की यात्रा के दौरान उन्होंने भारत की तारीफ की कि वह ईरान से दूरी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. क्लिंटन के दौरे के समय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने सुनिश्चित किया की तेल का आयात "दोनों देशों के बीच मतभेद का कारण नहीं है."

हालांकि भारत अमेरिका के दबाव में ईरान से आयात में कमी ला रहा है लेकिन साथ ही उसने यह भी साफ किया है कि यह उसके लिए आवश्यक है और वह इस पर पूरी तरह रोक लगाने की स्थिति में नहीं है. भारत के तेल आयात का कुल अस्सी फीसदी ईरान से आता है.

आईबी,एएम (एएफपी, रॉयटर्स, पीटीआई)

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