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कारोबार

टेस्ला ने रखा भारतीय बाजार में पहला कदम

१३ जनवरी २०२१

इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा पर काम करने वाली कंपनी टेस्ला ने भारत में पंजीकरण करवा लिया है. कंपनी के प्रशंसकों को उम्मीद है कि जल्द ही भारत में टेस्ला की गाड़ियों का इंतजार खत्म होगा.  

China Shanghai | Tesla Model 3, Elon Musk, CEO
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Chinatopix

नियामक संस्थाओं से प्राप्त ताजा जानकारी में पता चला है कि टेस्ला मोटर्स इंडिया एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का आठ जनवरी को भारत में पंजीकरण हुआ. कंपनी का पंजीकृत दफ्तर बेंगलुरु में है. भारतीय इकाई के तीन निदेशक हैं, जिनमें टेस्ला के मौजूदा वरिष्ठ अधिकारी डेविड फाइनस्टाइन शामिल हैं.

भारत के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक स्थानीय अखबार को दिसंबर में बताया था कि कंपनी भारत में शुरुआत अपनी गाड़ियों की बिक्री से करेगी और उसके बाद असेंबली और फिर भारत में ही गाड़ियों को बनाने की तरफ बढ़ेगी.

हाल के वर्षों में टेस्ला के सीईओ ईलॉन मस्क कंपनी के भारत में प्रवेश करने के बारे में कई बार ट्वीट कर चुके हैं. उन्होंने इसी विषय पर एक ट्वीट अक्टूबर 2020 में भी किया था. टेस्ला के भारत में पंजीकरण की खबर ऐसे समय पर आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेल पर देश की निर्भरता और प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन और इस्तेमाल को प्रोत्साहन दे रहे हैं.

टेस्ला की 'मॉडल थ्री' गाड़ी को दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली प्लग-इन इलेक्ट्रिक गाड़ी के रूप में जाना जाता है.तस्वीर: picture-alliance/Sputnik/I. Kalashnikova

लेकिन इन कोशिशों को उत्पादन और चार्जिंग स्टेशन जैसे ढांचों में निवेश की कमी से धक्का लगा है. निवेश को बढ़ाने के लिए भारत सरकार कंपनियों को विकसित बैटरी उत्पादन केंद्र बनाने के लिए 4.6 अरब डॉलर तक के इंसेंटिव देने की योजना बना रही है. टेस्ला का मुख्यालय कैलिफोर्निया के पालो आल्टो में है.

कंपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के अलावा छोटी से लेकर बड़ी बैटरियां, सोलर पैनल जैसे उत्पाद भी बनाती है. इसकी स्थापना जुलाई 2003 में अमेरिकी इंजीनियरों मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टरपेनिंग ने की थी. इसका नाम सर्बियन-अमेरिकी आविष्कारक निकोला टेस्ला के नाम पर रखा गया. मस्क ने ही कंपनी की स्थापना के समय लागत की रकम का अधिकांश हिस्सा दिया था. 2008 से वो कंपनी के सीईओ के रूप में जाने जाते हैं.

2019 में टेस्ला दुनिया में सबसे ज्यादा प्लग-इन और बैटरी इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियां बनाने वाली कंपनी बन गई थी. प्लग-इन श्रेणी में टेस्ला का बाजार के 17 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है और बैटरी इलेक्ट्रिक श्रेणी में 23 प्रतिशत पर.

सीके/एए (रॉयटर्स)

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