इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली और पर्यावरण-अनुकूल ऊर्जा पर काम करने वाली कंपनी टेस्ला ने भारत में पंजीकरण करवा लिया है. कंपनी के प्रशंसकों को उम्मीद है कि जल्द ही भारत में टेस्ला की गाड़ियों का इंतजार खत्म होगा.
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नियामक संस्थाओं से प्राप्त ताजा जानकारी में पता चला है कि टेस्ला मोटर्स इंडिया एंड एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड का आठ जनवरी को भारत में पंजीकरण हुआ. कंपनी का पंजीकृत दफ्तर बेंगलुरु में है. भारतीय इकाई के तीन निदेशक हैं, जिनमें टेस्ला के मौजूदा वरिष्ठ अधिकारी डेविड फाइनस्टाइन शामिल हैं.
भारत के सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक स्थानीय अखबार को दिसंबर में बताया था कि कंपनी भारत में शुरुआत अपनी गाड़ियों की बिक्री से करेगी और उसके बाद असेंबली और फिर भारत में ही गाड़ियों को बनाने की तरफ बढ़ेगी.
हाल के वर्षों में टेस्ला के सीईओ ईलॉन मस्क कंपनी के भारत में प्रवेश करने के बारे में कई बार ट्वीट कर चुके हैं. उन्होंने इसी विषय पर एक ट्वीट अक्टूबर 2020 में भी किया था. टेस्ला के भारत में पंजीकरण की खबर ऐसे समय पर आई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेल पर देश की निर्भरता और प्रदूषण को कम करने के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों के उत्पादन और इस्तेमाल को प्रोत्साहन दे रहे हैं.
टेस्ला की 'मॉडल थ्री' गाड़ी को दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने वाली प्लग-इन इलेक्ट्रिक गाड़ी के रूप में जाना जाता है.तस्वीर: picture-alliance/Sputnik/I. Kalashnikova
लेकिन इन कोशिशों को उत्पादन और चार्जिंग स्टेशन जैसे ढांचों में निवेश की कमी से धक्का लगा है. निवेश को बढ़ाने के लिए भारत सरकार कंपनियों को विकसित बैटरी उत्पादन केंद्र बनाने के लिए 4.6 अरब डॉलर तक के इंसेंटिव देने की योजना बना रही है. टेस्ला का मुख्यालय कैलिफोर्निया के पालो आल्टो में है.
कंपनी इलेक्ट्रिक गाड़ियों के अलावा छोटी से लेकर बड़ी बैटरियां, सोलर पैनल जैसे उत्पाद भी बनाती है. इसकी स्थापना जुलाई 2003 में अमेरिकी इंजीनियरों मार्टिन एबरहार्ड और मार्क टरपेनिंग ने की थी. इसका नाम सर्बियन-अमेरिकी आविष्कारक निकोला टेस्ला के नाम पर रखा गया. मस्क ने ही कंपनी की स्थापना के समय लागत की रकम का अधिकांश हिस्सा दिया था. 2008 से वो कंपनी के सीईओ के रूप में जाने जाते हैं.
2019 में टेस्ला दुनिया में सबसे ज्यादा प्लग-इन और बैटरी इलेक्ट्रिक पैसेंजर गाड़ियां बनाने वाली कंपनी बन गई थी. प्लग-इन श्रेणी में टेस्ला का बाजार के 17 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है और बैटरी इलेक्ट्रिक श्रेणी में 23 प्रतिशत पर.
टेस्ला कंपनी के मालिक ईलॉन मस्क दुनिया के सबसे रईस व्यक्ति बन गए हैं. कोरोना दौर में जहां कंपनियां घाटे से गुजर रही हैं, वहीं मस्क लगातार मुनाफा दर्ज करते रहे हैं.
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ईलॉन मस्क
1971 में दक्षिण अफ्रीका में जन्मे ईलॉन रीव मस्क तीन देशों के नागरिक हैं: दक्षिण अफ्रीका, कनाडा और अमेरिका. स्पेस एक्स और टेस्ला मोटर्स के मालिक मस्क के पास 188.5 अरब डॉलर की सपत्ति है. कहा जाता है कि वे हफ्ते में 80 घंटे काम करते हैं और दूसरों से भी यही उम्मीद करते हैं.
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जेफ बेजोस
मस्क से पहले तक दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस थे. उनकी संपदा 185 अरब डॉलर की है. अमेजन कंपनी के निर्माता और सीईओ बेजोस ग्राहकों की संतुष्टि को सबसे अहम मानते हैं. वे अक्सर ग्राहकों के ईमेल का खुद ही जवाब देते हैं. अगर उन्हें लगता है कि किसी बात पर खास ध्यान दिए जाने की जरूरत है तो वे अमेजन के संबंधित विभाग को सिर्फ एक छोटी सी टिप्पणी ''?'' जोड़कर मेल बढ़ा देते हैं.
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बिल गेट्स
फोर्ब्स की इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं विलियम हेनरी बिल गेट्स. उनके पास 113.1 अरब डॉलर के करीब संपत्ति है. हर कोई जानता है कि उन्होंने दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण टेक कंपनी माइक्रोसॉफ्ट की शुरूआत की थी. लेकिन क्या आपको यह भी मालूम है कि उनकी अपनी हर संतान को अपनी पूरी संपत्ति में से केवल एक करोड़ डॉलर ही देने की योजना है. उनका कहना है कि बच्चों को बेतहाशा पैसा देना उनके हित में नहीं है.
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बेर्नार्ड आरनॉल्ट
लुई वितौं कंपनी के मालिक बेर्नार्ड आरनॉल्ट दुनिया के सबसे रईस लोगों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं. जनवरी 2020 में वे पहले पायदान पर थे. जुलाई आते आते बिल गेट्स और जेफ बेजोस ने उन्हें पछाड़ दिया. लेकिन फैशन की दुनिया में उन्हें टक्कर देने वाला और कोई भी नहीं है. उनके पास कुल 112 अरब डॉलर की संपदा है.
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मार्क जकरबर्ग
इस सूचि में चौथे नंबर पर हैं मार्क जकरबर्ग. उनके पास 89 अरब डॉलर की संपत्ति है. अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा वे दान कर चुके हैं. अधिकतर उन्हें एक ग्रे रंग की टीशर्ट में ही पाया जाता है. जकरबर्ग का कहना है कि वे वही टीशर्ट बार बार नहीं पहनते, बल्कि उनके सब कपड़े एक से दिखते हैं.
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मुकेश अंबानी
75 अरब डॉलर की संपदा के साथ मुकेश अंबानी इस सूची में पांचवें नंबर पर पहुंच गए हैं. अंबानी ने हाल ही में कहा था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज इस वक्त अपने "सुनहरे काल" में हैं. रिलायंस के डिजिटल प्लेटफॉर्म जियो में गूगल ने हाल ही में भारी निवेश किया है.
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वॉरेन बफेट
बफेट 11 साल की उम्र से ही स्टॉक मार्केट में दांव खेलते रहे हैं. आज उनके दाव लगाने से बाजार का रुख बदल जाता है. 89 साल के हो चले इस इंवेस्टिंग गुरू के पास तकरीबन 73 अरब डॉलर होने का अनुमान है. अपनी युवावस्था में बफेट ने अखबार बांटने, पुरानी गोल्फ की गेंद बेचने और कारों की सफाई करने जैसे कई काम किए हैं. हावर्ड बिजनेस स्कूल में प्रवेश के लिए भेजे उनके आवेदन पत्र को खारिज कर दिया गया था.
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लैरी एलिसन
ओरेकल के संस्थापक और पूर्व सीईओ लैरी एलिसन ने सीआईए के लिए डाटाबेस तैयार करने का काम भी किया है. इलिनोइस और शिकागो यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई अधूरी ही छोड़ने के बाद उन्होंने डाटाबेस उपलब्ध कराने वाली कंपनी ओरेकल की शुरूआत की. उनके पास अभी तकरीबन 72.5 अरब डॉलर की संपत्ति है. वे दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूचि में 7वें नंबर पर हैं.
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स्टीव बालमर
जनवरी 2000 से फरवरी 2014 तक माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ रहे स्टीव बालमर की कुल संपत्ति है 71.4 अरब डॉलर की. 1980 में बिल गेट्स ने बालमर को माइक्रोसॉफ्ट से जुड़ने का प्रस्ताव दिया. इसके लिए वे स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी की अपनी एमबीए डिग्री छोड़ कर आ गए. उनके नेतृत्व में कंपनी ने खूब मुनाफा कमाया.
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लैरी पेज
गूगल के संस्थापक लैरी पेज के पास 67.8 अरब की संपत्ति है. अमीरों में इनका 10वां स्थान है. अपने सर्च इंजन गूगल की शुरूआत इन्होंने स्टेनफोर्ड विश्वविद्यालय में बतौर एक रिसर्च प्रोजेक्ट की थी. इसमें इन्होंने वेब पेजों और वेबसाइटों के बैकलिंक्स को दूसरे पेजों से जोड़ने का रास्ता तलाशा. यहीं से गूगल सर्च इंजन की शुरूआत हुई.