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उड़ान से पहले हर्क्यूलस की टेस्टिंग

६ अक्टूबर २०१०

भारत भेजे जाने वाले छह सी-130 जे सुपर हर्क्यूलस विमान का पहला परीक्षण सफल रहा है. इस विमान को बनाने वाली कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने इस बारे में जानकारी दी. अमेरिका के ये विमान अत्याधुनिक युद्धक जहाज माने जाते हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

बुधवार को इस बारे घोषणा करते हुए कंपनी ने कहा, "एयरक्राफ्ट अब कंपनी और यात्री विमान का उड़ान परीक्षण दिसंबर से पहले पूरा कर लेगा. इस सीरीज की दूसरी और तीसरी टेस्ट उड़ानें अगले दिनों में की जाएंगी."

सी-130 जे दुनिया के सबसे आधुनिक विमान माने जाते हैं. भारत ने छह विमान बनाने का ऑर्डर दिया था. सुपर हर्क्यूलस सबसे आधुनिक एरोस्पेस तकनीक के साथ बना है और इसकी मजबूत डिजाइन के कारण क्षमता बहुत जबरदस्त है.

अमेरिकी सरकार के कई अरब के पैकेज के तहत एयरक्रू, तकनीकी जनाकारों, ग्राउंड तकनीक, परीक्षण के उपकरण सहित कई और विषयों पर ट्रेनिंग भी दी जाएगी. साथ ही एक विशेषज्ञ टीम शुरुआती तीन साल के लिए भारत में रहेगी. भारत विशेष संस्करण में विशेष अभियान के लिए उपकरण लगाए गए हैं जो ऑपरेशन की क्षमता बढ़ाते हैं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

सी-130 जे सुपर हर्क्यूलस भारतीय वायु सेना को राष्ट्रीय जरूरत के लिए आधुनिक और प्रभावी एयरलिफ्ट भी देगा. भारत की जरूरतों को देखते हुए अमेरिका ने स्पेशल मिशन के लिए खास तकनीक है. इन्फ्रारेड डिटेक्शन सेट (आईडीएस) इन विमानों में है साथ ही ये नए विमान नीचे उड़ान भर सकेंगे और ब्लैकआउट की स्थिति में लैंडिंग कर सकेंगे. इन विमानों में हवा से हवा में ईंधन भरने वाला रिसीवर भी होगा.

इस साल दिसंबर में भारत को ये विमान दिए जाएंगे. इसके साथ भारत अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, डेनमार्क, इटली, नॉर्वे और ब्रिटेन के साथ इन विमानों को रखने वाले देशों की सूची में शामिल हो जाएगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः ए जमाल

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