'उत्तरबंगा के ड्राइवर की गलती से हुआ सेंथिया हादसा'
२० जुलाई २०१०हादसे की प्रारंभिक जांच के दौरान स्टेशन सिग्नल मास्टर रहमत अली ने कहा, ''मुझे पूरा यकीन है कि सिग्नल लाल था. लेकिन ड्राइवर ने लाल सिग्नल की अनदेखी की और प्लेटफॉर्म पर घुस गया.'' रहमत अली ने ट्रेन में तकनीकी गड़बड़ी की आशंका से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ''पीछे से आने वाली गाड़ी के ड्राइवर या गार्ड किसी ने भी इस बात की सूचना नहीं दी कि ब्रेक काम नहीं कर रहे हैं.''
अली का कहना है कि सेंथिया के स्टेशन मास्टर ने भी उत्तरबंगा एक्सप्रेस के ड्राइवर को आगे खड़ी वनांचल एक्सप्रेस की जानकारी दी थी. ड्राइवर से कहा गया था कि वह फौरन गाड़ी रोके, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया. खतरे की चेतावनी के तीस सेकेंड के भीतर ही दोनों गाड़ियां भीड़ गई.
हादसे में 63 लोगों की मौत हो गई. लेकिन रेलवे के हेल्पलाइन नंबरों के बावजूद अब तक सिर्फ 33 शवों की ही शिनाख्त हो सकी है. भारत में हाल के दिनों में रेल हादसों की बाढ़ सी आ गई है. बीते 14 महीनों में 13 रेल हादसे हुए हैं. इनमें अब तक कम से कम 250 लोगों को अपनी जांन गंवानी पड़ी है. 600 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.
इन हादसों की वजह से अब रेल मंत्री ममता बनर्जी के कामकाज पर भी सवाल उठ रहे हैं. हाल के दिनों में दो बड़ी रेल दुर्घटनाएं सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही हो चुकी हैं. विपक्षी पार्टी बीजेपी का कहना है कि रेल मंत्रालय चलाना ममता बनर्जी के बस की बात नहीं हैं, उन्होंने फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: एस गौड़