उत्तराखंड के चमोली जिले में अचानक आई बाढ़ से हुई तबाही की पूरी तस्वीर धीरे-धीरे सामने आ रही है. अभी तक 26 लाशें बरामद की जा चुकी हैं, लेकिन कम से कम 170 लापता लोगों को जीवित बचा लेने का समय खत्म होता जा रहा है.
विज्ञापन
बाढ़ को आए लगभग दो दिन बीत चुके हैं लेकिन सेना, अर्धसैनिक बल और आपदा प्रबंधन बल के जवान अभी भी लापता लोगों को खोजने में लगे हुए हैं. 170 लापता लोगों में अधिकतर श्रमिक हैं जो इलाके की दो बिजली परियोजनाओं में काम कर रहे थे. इनमें तपोवन विष्णुगढ़ परियोजना एनटीपीसी की है और ऋषिगंगा परियोजना निजी है.
राज्य के इमरजेंसी कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के मुताबिक दोनों स्थलों से अभी तक 26 लाशें मिली हैं. आगे का बचाव कार्य एनटीपीसी की परियोजना के आस पास केंद्रित है, जहां 1900 मीटर लंबी एक सुरंग में कम से कम 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है. बाढ़ का पानी सुरंग के अंदर घुस गया था और फिर बाढ़ के साथ आए मलबे ने सुरंगे के मुंह को बंद कर दिया था.
परियोजना पर काम कर रहे लोगों के अलावा वहां बसे रैनी गांव के कई निवासी भी बाढ़ में बह गए थे. वो भी अभी तक लापता हैं. संभव है कि उनमें से भी कुछ लोग इसी सुरंग में फंसे हों. बाढ़ में इलाके के कई पुल भी टूट गए थे जिसकी वजह से कुछ गांवों से संपर्क टूट गया था. प्रशासन उन गांवों तक राहत सामग्री पहुंचाने में लगा हुआ है. वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी ने इलाके से एक वीडियो ट्वीट कर बताया कि ऐसे इलाकों में सेना और एजेंसियों के जवान मौजूद हैं.
बाढ़ का कारण कुछ और भी हो सकता है
इसी के साथ बाढ़ के अचानक आने के कारणों के बारे में भी अध्ययन चल रहा है. वैज्ञानिकों की टीमें घटना स्थल भेजी जा चुकी हैं लेकिन उनके निष्कर्ष गहन अध्ययन के बाद ही सामने आएंगे. तब तक अलग अलग सैटलाइटों से प्राप्त तस्वीरों के आधार पर स्थिति को समझने की कोशिश की जा रही है.
पहले अनुमान लगाया जा रहा है था कि बाढ़ नंदा देवी ग्लेशियर में किसी बड़ी झील के प्राकृतिक बांध के टूटने की वजह से आई होगी, जिसे ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लो (जीएलओएफ) कहा जाता है. लेकिन ताजा सैटलाइट तस्वीरें दिखा रही हैं कि घटना के दिन ही रैनी गांव के पास एक पहाड़ से ताजा बर्फ पिघल कर नीचे की तरफ गिरी थी.
अनुमान लगाया जा रहा है कि यही गिरती हुई बर्फ अवलांच यानी बर्फ एक बड़े ढेर में बदल गई हो और 30-40 लाख क्यूबिक मीटर पानी लिए नीचे की नदियों में गिर गई हो. सही नतीजा वैज्ञानिक अध्ययन पूरा होने के बाद ही सामने आएगा.
भारत में बाढ़ की वजह से लाखों की आबादी प्रभावित हुई है. बिहार,असम के बाद केरल, गुजरात और महाराष्ट्र में भी जान-माल की भारी क्षति हुई है. स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम ने हजारों लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.
तस्वीर: Getty Images/AFP
सुरक्षित ठिकानों पर शरण ले रहे लोग
महाराष्ट्र, उत्तराखंड, कर्नाटक, गुजरात, केरल और तमिलनाडु के कई जिलों में नदियां अपने किनारों को तोड़कर बह रही हैं, जलाशय खतरे के निशान को पार कर गए हैं और भूस्खलन हो रहे हैं. लोग अपने-अपने घरों को छोड़ सुरक्षित ठिकानों पर शरण ले रहे हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/M. Kiran
केरल में हालात बेहद खराब
केरल में पिछले कुछ दिनों में भारी बारिश हुई और इसके कारण कई इलाकों में बाढ़ आ गई. दर्जनों लोग इस वजह से असमय काल के गाल में समा गए. लाखों लोगों को राहत शिविरों में विस्थापित होना पड़ा है.
तस्वीर: Getty Images/AFP
फीका रहा ईद का जश्न
केरल में बारिश और बाढ़ की मार झेल रहे राज्य के विभिन्न हिस्सों में लोगों के लिए सोमवार को ईद का जश्न कोई खास नहीं रहा. 1,25 लाख से अधिक लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं. इसलिए, ईद का मतलब उनके लिए सिर्फ नियमित सुबह की नमाज रही.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Indian Navy
बाढ़ पीड़ितों की मदद का आग्रह
केरल की 3.34 करोड़ आबादी में से मुस्लिमों की संख्या 88.73 लाख है. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित मल्लपुरम, कोझीकोड, कन्नूर और कासरगोड जैसे जिलों में बड़ी संख्या में मुसलमान रहते हैं. राज्यभर के मौलवियों ने बाढ़ पीड़ितों की मदद करने का आग्रह किया.
तस्वीर: Reuters/Sivaram V
गुजरात में भी बाढ़ का कहर
गुजरात में भी बाढ़ का कहर जारी है. भारतीय वायु सेना के जवान बचाव कार्य में जुटे हैं. जामनगर के जोडिया इलाके से 42 लोगों को वायु सेना सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया. सूरत की सूरत बिगड़ गई है. नर्मदा नदी में उफान की वजह से कई इलाकों में पानी भर गया है.
तस्वीर: picture-alliance/AP
महाराष्ट्र के कई जिले प्रभावित
महाराष्ट्र के पांच जिले बाढ़ से सबसे ज्याद प्रभावित हैं जिनमें कोल्हापुर और सांगली शामिल है. राज्य में बाढ़ से घिरे चार लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है. हजारों परिवार अपना घर छोड़ने को विवश हो गए हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/U. Deolekar
कर्नाटक में भी चारो ओर पानी
कर्नाटक का बेलगावी और इसके आसपास का इलाका बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित है. लोगों को वायु सेना सुरक्षित जगहों पर पहुंचा रही है. वित्त मन्त्री निर्मला सीतारमण ने इस इलाके का दौरा किया है.
तस्वीर: picture-alliance/AP
बचाव में जुटी भारतीय सेना
भारतीय सेना और नौसेना की आपातकालीन टीमों ने पिछले सप्ताह भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से प्रभावित महाराष्ट्र तथा दक्षिण भारतीय राज्यों में फंसे हजारों लोगों को बचाने के लिए अपने बचाव अभियान को और तेज कर दिया है.
तस्वीर: Reuters
हर प्रकार की सहायता कर रहे सेना के जवान
सेना ने चार राज्यों के बाढ़ प्रभावित 17 जिलों में बाढ़ राहत अभियानों में 3,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है. इन आपातकालीन टीमों ने फंसे हुए लोगों को पेयजल की बोतलें, डब्बाबंद खाना, दूध के पैकेट और दवाईयों की आपूर्ति भी की है.