1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

उत्तर कोरिया का कोयला जा रहा है दक्षिण कोरिया और जापान

२६ जनवरी २०१८

उत्तर कोरिया-रूस संबंधों की खबरें आती रहीं हैं. लेकिन अब रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि तमाम प्रतिबंधों के बावजूद उत्तर कोरिया के कोयले को रूस के जरिये जापान और दक्षिण कोरिया भेजा गया.

Kohlegrube in Russland
तस्वीर: picture-alliance/dpa

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यूरोप की तीन खुफिया एजेंसियों के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले साल उत्तर कोरिया ने बड़ी मात्रा में रूस को कोयला निर्यात किया. निर्यात किए गए इस कोयले को बाद में दक्षिण कोरिया और जापान भेजा गया, जो सीधे तौर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया से किए जाने वाले कोयला निर्यात पर पिछले साल 5 अगस्त से प्रतिबंध लगा दिया था. कोयला निर्यात, उत्तर कोरियाई अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने का बेहद ही अहम स्रोत है.

तस्वीर: Reuters/KCNA

माना जाता है कि कोयला निर्यात से प्राप्त धनराशि का इस्तेमाल उत्तर कोरिया अपने मिसाइल परीक्षण कार्यक्रम के लिए करता रहा है. लेकिन रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि उत्तर कोरिया प्रतिबंधों के बावजूद अब तक तीन बार कोयला रूस के बंदरगाहों को भेज चुका है. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि वहां से इस कोयले को जहाजों में लादकर दक्षिण कोरिया और जापान भेजा गया.

शिपिंग क्षेत्र से जुड़े एक सूत्र के हवाले से कहा गया कि पिछले साल अक्टूबर में कुछ कार्गो रूस से जापान और दक्षिण कोरिया पहुंचे थे. अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी के एक सूत्र ने कहा कि रूस के जरिए हो रहा उत्तर कोरियाई कोयला व्यापार अब भी जारी है. यूरोपीय सुरक्षा एजेंसी के एक सूत्र ने नाम उजागर न करने की शर्त पर बताया कि रूस का निखोदका बंदरगाह, उत्तर कोरियाई कोयले के व्यापार के लिए एक बड़ा ट्रांसशिपिंग हब है.

वहीं दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को स्वीकार करते हुए रूस ने सुरक्षा परिषद की प्रतिबंधों से जुड़ी समिति को 3 नवंबर में दी गई जानकारी में कहा था कि रूस इन प्रतिबंधों का पालन करेगा. हालांकि इंटरफैक्स समाचार एजेंसी ने रूस के एक अज्ञात अधिकारी के बयान को शामिल करते हुए लिखा, "रूस ने उत्तर कोरिया से कोई कोयला नहीं खरीदा है और न ही किसी अन्य देश को उत्तर कोरियाई कोयले की डिलविरी की है." इंटरफैक्स रूस की एक निजी समाचार एजेंसी है.

ये भी पढ़िए : रूस 'नहीं चाहता', भरभरा कर गिर जाये उत्तर कोरिया

प्रतिबंध कानून के विशेषज्ञ, दो वकीलों ने बताया कि इस तरह का कारोबारी संबंध, संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लघंन करता है. हालांकि रॉयटर्स ने अपनी रिपोर्ट में यह कहने में असमर्थता जताई कि जो कोयला रूस के जरिए दक्षिण कोरिया और जापान भेजा गया है वह उत्तर कोरिया से ही आया था या नहीं. साथ ही अब तक यह साफ नहीं हो सका है कि क्या कार्गो मालिक यह जानते थे कि जो कोयला रूस भेजा जा रहा है वह वास्तव में आया कहां से है. साथ ही अब तक रॉयटर्स ने अब तक यह साफ नहीं किया है कि इस कोयले निर्यात से किन कंपनियों को लाभ हुआ है.

इस शिपमेंट को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "इस मामले से साफ है कि रूस को इस ओर और अधिक काम करने की आवश्यकता है. रूस समेत संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों को अच्छे परिणामों के लिए अच्छी नीयत के साथ इन प्रतिबंधों को लागू करने की आवश्यकता है." हालांकि व्हाइट हाउस की ओर से अब तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की गई है.

एए/एनआर (रॉयटर्स)

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें