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उत्तर कोरिया के चलते जापान बदलता नीति

१९ दिसम्बर २०१७

जापान ने उत्तर कोरिया से पैदा खतरे का हवाला देते हुए अमेरिका से मिसाइल डिफेंस सिस्टम की खरीद योजना को मंजूरी दी है. लेकिन जापान के नागरिकों को चिंता है कि ये देश को शांतिवादी नीति से अलग कर अन्य विवादों में धकेल सकता है.

Japan Tokio Boden-Luft Rakete PAC-3
तस्वीर: picture alliance/AP/E. Hoshiko

मिसाइल तकनीक में उत्तर कोरिया की हालिया प्रगति ने जापान की परेशानी बढ़ा दी है. इसके चलते जापान ने अमेरिकी निर्मित नवीनतम तकनीकी प्रणाली एजिस एशोर सिस्टम की खरीद योजना को मंजूरी दी है. सरकार ने अपने बयान में कहा, "उत्तर कोरिया के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रम जापान की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करते हैं. इस स्थिति में हमें अपनी बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस क्षमता बढ़ाने की जरूरत है ताकि देश को हर स्थिति में सुरक्षित रखा जा सके." नवंबर में उत्तर कोरिया ने एक बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया था जिसकी ऊंचाई 4000 किमी से भी अधिक थी जो जापान की इंटरसेप्टर मिसाइल से कही अधिक है.

लेकिन देश की रक्षा से जुड़े ये तर्क जापान के बहुत से लोगों को रास नहीं आ रहे हैं. अधिकतर जापानी नागरिकों ने देश के शांतिवादी रुख में आ रहे बदलाव पर चिंता व्यक्त की है. इनका मानना है कि ऐसी नीतियों से जापान अंतरराष्ट्रीय विवादों में पड़ सकता है. हालांकि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे का तर्क है, "ये सारी सैन्य गतिविधियां देश में शांति स्थापित करने में मदद करेंगी, साथ ही उत्तर कोरिया और चीन की ओर से बढ़ रहे खतरे को कम किया जा सकेगा." जापान के रक्षा मंत्री इतसिनेरियो नोडेराने अपने बयान में कहा कि इस सौदे का एक ही मकसद है, उत्तर कोरिया के खिलाफ देश की सुरक्षा को मजबूत करना. रक्षा अधिकारियों के मुताबिक अमेरिका की ये नई एजिस अशोर तकनीक, उन्नत मिसाइल इंटरसेप्टर की मदद से जापान को कवर कर सकती है. अधिकारियों को उम्मीद है कि ये नई तकनीक साल 2023 तक अपना काम शुरू कर सकेगी. हालांकि अधिकारियों ने सौदे से जुड़ी कीमत को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है.

खबरों के मुताबिक जापान अगले वित्त वर्ष में देश का रक्षा बजट बढ़ा कर 46 अरब डॉलर करने की योजना बना रहा है. रक्षा मंत्री इतसिनेरियो नोडेरा के मुताबिक जापान अमेरिकी कंपनियों से उच्च क्षमता वाली क्रूज मिसाइल खरीदने की भी योजना बना रहा है. जापान के ये कदम विवाद खड़े कर सकते हैं, क्योंकि जापान का शांतिवादी संविधान अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने के लिए इस तरह के बल प्रयोग पर प्रतिबंध लगाता है. 

तस्वीर: picture-alliance/Photoshot/L. Huifen

वहीं प्रधानमंत्री आबे ने उत्तर कोरिया के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नीति का समर्थन किया है. अमेरिका ने उत्तर कोरिया के मसले पर बातचीत से लेकर सैन्य कार्रवाई जैसे विकल्पों की संभावनाओं को खुला रखा है. जापान से पहले अमेरिका निर्मित यह सिस्टम रोमानिया और पोलैंड में इंस्टाल किया गया है. इस बीच जापान और दक्षिण कोरिया ने चीन से उत्तर कोरिया पर दबाव डालने की अपील की है. जापान के विदेश मंत्री तारो कोनो ने कहा है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया के मतभेदों ने क्षेत्र में तनाव की स्थिति पैदा कर दी है.

एए/एके (डीपीए, रॉयटर्स)

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