उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग इल का निधन
१९ दिसम्बर २०११ कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी कीसीएनए के मुताबिक किम जोंग इल की मौत शारीरिक और मानसिक तनाव से हुई. वह रेल यात्रा कर रहे थे. किम जोंग इल की उम्र 69 साल थी. वह 1994 से उत्तर कोरिया के शासक थे. उन्होंने अपने पिता किम इल सुंग की मौत के बाद सत्ता संभाली थी. सरकारी टीवी ने उनके बेटे किम जोंग उन को उनका उत्तराधिकारी घोषित किया है. किम जोंग उन की उम्र केवल 28 साल है. राजनीति में कोई तजुर्बा ना होते हुए भी पिछले साल उन्हें जनरल का दर्जा और पार्टी में उच्च पद दिया गया. सरकारी टीवी पर काले कपड़े पहने टीवी अनाउंसर ने रोते हुए कहा, "पार्टी के सभी सदस्यों, सेना और जनता को पूरी ईमानदारी के साथ कॉमरेड किम जोंग उन के नेतृत्व का सम्मान करना चाहिए."
सरकारी समाचार एजेंसी अनुसार रविवार को शव का परीक्षण किया गया. इससे पहले अगस्त 2008 में भी किम को दिल का दौरा पड़ा था, जिसके करण उनके बाएं हाथ और पैर पर असर पड़ा. किम का अंतिम संस्कार 28 दिसंबर को राजधानी प्योंगयांग में किया जाएगा. केसीएनए के मुताबिक किसी विदेशी मेहमान को इस रस्म के लिए नहीं बुलाया जाएगा. उत्तर कोरिया में 17 से 29 दिसंबर तक शोक घोषित कर दिया गया है.
इस खबर के आते ही पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई और सेना और सुरक्षाबलों को इमरजेंसी अलर्ट पर कर दिया. राष्ट्रपति ली मिउंग बाक ने मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक बुलाई है. सेना प्रमुख ने कहा कि सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है लेकिन अब तक वहां कोई असामान्य गतिविधि नहीं देखी गई है.
उत्तर और दक्षिण कोरिया के बीच 1953 से तनाव चल रहा है. अमेरिका ने कहा है कि वह इस पर नजर रखे हुए है. दक्षिण कोरिया में अमेरिका के 28,500 सैनिक तैनात हैं. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कारने ने कहा, "राष्ट्रपति को सूचित किया जा चुका है और हम दक्षिण कोरिया और जापान के साथ संपर्क में हैं."
जापान ने भी किम जोंग इल की मौत पर शोक जताया है. खबर मिलने के कुछ ही मिनटों बाद प्रधानमंत्री योशिको नोडा ने अपना भाषण रद्द कर दिया और मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई. चीन ने भी किम की मौत पर गहरा दुख जताया है.
किम की मौत के साथ ही उनके 28 साल के बेटे किम जोंग उन को उत्तर कोरिया की बागडोर दे दी गई है. वह राष्ट्र के नए शासक होंगे. जानकारों का मानना है कि उत्तर कोरिया के मुश्किल राजनीतिक हालात को समझने और उसे आगे बढ़ाने में किम जोंग उन को भारी मुश्किलों को सामना करना पड़ सकता है.
किम जोंग उन ने यूरोप में पढ़ाई की है. वह आम तौर पर मीडिया के सामने नहीं आते. उनके सामने दूसरी मुश्किलों के साथ पड़ोसी देशों दक्षिण कोरिया और चीन तथा जापान के साथ अच्छे रिश्ते बनाने की चुनौती होगी. साथ ही उत्तर कोरिया के भारी भरकम परमाणु जखीरे को भी संभालना होगा.
रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स, एपी/ईशा भाटिया
संपादनः ए जमाल