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उत्तर कोरिया में मनमर्जी के कपड़े और हेयर स्टाइल पर जेल

यूलियन रयाल
१४ मई २०२२

उत्तर कोरिया के कुछ लोग जिंदगी अपने तरीके से जीने के लिए, सरकार के बनाए फैशन और स्टाइल से जुड़े सख्त नियमों को चुनौती दे रहे हैं. इसकी उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. किसी का देश छूट गया तो किसी को कड़ी सजा मिली.

उत्तर कोरिया के लोगों के कपड़े और हेयस्टाइल कैसे हों यह सरकार तय करती है
उत्तर कोरिया के लोगों के कपड़े और हेयस्टाइल कैसे हों यह सरकार तय करती हैतस्वीर: Cha Song Ho/AP/picture alliance

सियोल स्थित मीडिया हाउस डेली एनके की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया ‘पूंजीवादी' शैली के कपड़े पहनने वाले या विदेशी हेयर स्टाइल की नकल करने वाले लोगों के खिलाफ अपने अभियान को तेज कर रहा है. ऐसा विदेशी पॉप कल्चर के खिलाफ सख्त कार्रवाई के तौर पर किया जा रहा है. 

उत्तर कोरिया में पुरुषों और महिलाओं के लिए बाल कटाने और कपड़े पहनने को लेकर नियम बने हुए हैं. स्थानीय सरकार का कहना है कि इससे लोगों के बीच समानता बढ़ती है. सरकार अपनी इस समाजवादी जीवनशैली को प्रभावित करने वाले बाहरी कारकों के खिलाफ लंबे समय से कार्रवाई कर रही है. 

उत्तर कोरिया में मौजूद अपने सूत्रों के हवाले से डेली एनके ने कहा कि सोशलिस्ट पैट्रियटिक यूथ लीग के अधिकारी कहते हैं कि स्पॉर्टी कपड़े और "उत्तर कोरियाई हेयर स्टाइल" समाजवादी जीवन शैली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.

उत्तर कोरिया में रहने वाले जो लोग फैशन से जुड़े इन नियमों की अनदेखी करते हैं उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है, उनसे पूछताछ की जा सकती है, उनकी पिटाई की जा सकती है, और कुछ मामलों में सजा के तौर पर जेल भी भेजा जा सकता है.

डेली एनके ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि अधिकारी फैशन से जुड़े सरकारी नियमों का पालन नहीं करने वाली महिलाओं को सड़कों पर रोककर उनका वीडियो बना रहे हैं. इन वीडियो का इस्तेमाल राज्य-विरोधी गतिविधियों के बारे में दिए जाने वाले लेक्चर के दौरान किया जा रहा है. 

किम जोंग उन तय करते हैं कि लोग कैसे कपड़े पहनें और क्या नहीं इस्तेमाल करेंतस्वीर: YNA/picture alliance

डेली एनके के अनुसार, एक वीडियो में करीब 20 और 30 साल की उम्र की कई महिलाएं दिख रही हैं. इन सभी को अपने बाल को रंगने या टाइट लेगिंग पहनने की वजह से हिरासत में लिया गया था. इस वीडियो फुटेज में इन महिलाओं को "अश्लील कपड़े” और अशुद्ध विचारधारा” वाले "पूंजीवादी अपराधी” की तरह पेश किया जा रहा है.

अपने ही शरीर पर नियंत्रण नहीं

उत्तर कोरिया से भाग कर दक्षिण कोरिया पहुंची यूनहीं पार्क ने डॉयचे वेले को बताया कि स्थानीय सरकार व्यक्तिवाद पर मुहर लगाना चाहती है, क्योंकि अगर लोगों को उनकी इच्छा के मुताबिक जीने की आजादी दी जाएगी, तो मौजूदा सरकार का विरोध होने लगेगा. 

पार्क 2012 में ही उत्तर कोरिया को छोड़ कर दक्षिण कोरिया चली गई थीं. यहां वे फ्रीडम स्पीकर्स इंटरनेशनल की मुख्य प्रवक्ता हैं. 31 वर्षीय पार्क ने डॉयचे वेले को बताया, "16 साल की उम्र में पहली बार मैंने एक विदेशी टीवी शो देखा था. वह मुझे काफी अच्छा लगा था, क्योंकि शो में जिस तरीके से लोगों का जीने का तरीका दिखाया गया था वह उत्तर कोरिया में हमारे आस-पास के लोगों से काफी अलग था. वह जिंदगी मुझे काफी पसंद आयी.”

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उन्होंने आगे कहा, "हमें बताया गया था कि तानाशाह किम हमारे पिता हैं और वे जो कहते हैं हमें वही करना चाहिए, लेकिन अचानक मैंने देखा कि लोग आजादी से अपनी जिंदगी जी रहे हैं.”

पार्क ने कहा कि पसंद के कपड़े पहनने को लेकर ‘काफी सारे प्रतिबंध' थे और ‘लोग सिर्फ आदेशों का पालन करते थे.' हालांकि, मेरा मानना है कि फैशन हर व्यक्ति के चरित्र को दिखाता है. मैं वही बनना चाहती थी जो मैं थी, लेकिन अपने शरीर पर मेरा नियंत्रण नहीं था.

उत्तर कोरिया में जींस पहनना, बाल रंगना और सुंदरता बढ़ाने के साधन का इस्तेमाल करने पर पाबंदी है. जो लोग इन नियमों को मानते हैं उन्हें समाज का वफादार ‘रेड' मेंबर कहा जाता है. हालांकि, पार्क ने इन नियमों को मानने से इनकार कर दिया और उन्हें ‘ग्रे' यानी देशद्रोही के तौर पर चिह्नित किया गया. 

हिरासत और प्रताड़ना

धीरे-धीरे पार्क ने इस बात की जांच करनी शुरू की कि आखिर उत्तर कोरियाई समाज में क्या-क्या स्वीकार किया जा सकता है. छुट्टियों के दौरान, जब सड़क पर काफी कम संख्या में पुलिस होते थे, तब वह सावधानी से मेकअप करती और चीन से आने वाले प्लास्टिक के सस्ते झुमके पहनकर घूमती थीं.

वह कहती हैं, "कई बार पुलिस ने मुझे देख लिया और झुमके पहनने के लिए मुझे पीटा गया. तीन दिनों के लिए मुझे पुलिस स्टेशन में हिरासत में रखा गया. मुझे बार-बार मजबूर किया गया कि मैंने जो अपराध किए हैं उन्हें लिखित तौर पर स्वीकार करूं.”

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पार्क ने बताया कि उन्हें एक बार आधी रात तक खड़ा रखा गया और खाने के लिए भी कुछ नहीं दिया गया. एक बार एक पुलिस अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से बाल काटने की धमकी भी दी. हालांकि, हर बार वह रिश्वत देकर बच निकलती थीं.

उन्होंने बताया कि उनकी एक सहेली उनकी तरह भाग्यशाली नहीं थी. बिना अनुमति वाले कपड़े पहने पकड़े जाने पर वह रिश्वत नहीं दे पाई. उसे एक महीने के लिए कड़ी सजा सुनाई गई और पहाड़ी सड़क के निर्माण में काम करने के लिए मजबूर किया गया.

नियमों के पालन पर केंद्रित है किम की विचारधारा

उत्तर कोरिया में मानवाधिकार समिति के कार्यकारी निदेशक ग्रेग स्कारलाटोयू का कहना है कि मौजूदा शासन की विचारधारा को बनाए रखने के लिए नियमों का पालन जरूरी है. वह कहते हैं, "ऐसे हेयर स्टाइल और कपड़े जो सरकारी आदेशों के मुताबिक नहीं हैं, वे निजी पसंद को दिखाते हैं. किम परिवार के शासन की विचारधारा व्यक्तिवाद या व्यक्तिगत अभिव्यक्ति पर नहीं, बल्कि नियमों के पालन पर केंद्रित है.” 

उत्तर कोरिया में 2020 के अंत में "प्रतिक्रियावादी विचार और संस्कृति” को खत्म करने के लिए एक कानून बनाया गया था. इसके बाद, पिछले साल जुलाई महीने में युवा शिक्षा से जुड़ा कानून बनाया गया, ताकि युवाओं को "पूंजीवादी संस्कृति” के करीब जाने से रोका जा सके.

उत्तर कोरिया में नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों की तादाद बढ़ रही हैतस्वीर: Kim Won Jin/AFP/Getty Images

स्कारलाटोयू विस्तार से बताते हैं, "किम जोंग-उन की सरकार विदेशी टीवी कार्यक्रमों और फिल्मों को देश में किसी भी तरह से प्रसारित होने से रोकने का प्रयास करती है, क्योंकि इससे देश के लोगों को बाहरी जीवन-शैली और वहां से जुड़ी अन्य सूचनाएं मिल सकती है. जबकि, सरकार ने देश में सूचनाओं के आदान-प्रदान को सीमित कर दिया है. सूचनाओं पर एकाधिकार की वजह से उत्तर कोरियाई लोगों को प्रेरित करने और उन्हें अपने कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है. साथ ही, सत्ता पर मजबूत पकड़ बनी रहती है.”

स्कारलाटोयू ने यह भी कहा कि देश की जेलों और लेबर कैंप में रहने वाले लोगों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है उससे पता चलता है कि काफी लोग सरकार के बनाए मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं.

उज्ज्वल है उत्तर कोरिया का भविष्य

उत्तर कोरिया के अंदरूनी हिस्से से मिले सैटेलाइट फुटेज और रिपोर्ट से यह संकेत मिलता है कि 2021 के आखिरी तीन महीनों और 2022 के शुरुआती तीन महीनों में जेलों में रहने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसका मतलब यह है कि काफी ज्यादा लोग अब सरकारी आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं.

फिलहाल, पार्क अपनी मातृभूमि के लोगों के नए दृष्टिकोण को लेकर उत्साहित हैं. वह कहती हैं, "उत्तर कोरिया में चीजें बेहतर हो रही हैं. नई पीढ़ी अपने माता-पिता की पीढ़ी से काफी अलग है. वे ब्लैक मार्केट को देखते हुए बड़े हुए हैं जो पूंजीवाद का एक हिस्सा है. जब लोगों की कमाई बढ़ती है, तब वे नई चीजें खरीदना चाहते हैं. यह स्वाभाविक भी है.”

वह आगे कहती हैं, "बाजार प्रणाली से लोगों को यह पता करने में मदद मिलती है कि किस काम को करना संभव है. लोग अब विदेशी टीवी देख रहे हैं. वे अपना और अपनी सरकार का विश्लेषण कर रहे हैं. इसमें समय लगेगा, लेकिन मुझे विश्वास है कि देश का भविष्य उज्ज्वल है.”

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