उत्तर कोरिया से खतरे की आशंका को देखते हुए लंबे समय के बाद जापान हथियारों की खरीदारी में शामिल होगा और यह जापान की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल होगी.
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रक्षा मंत्री इत्सुनोरी ओनोदेरा ने जब इस योजना का एलान किया तब उन्होंने उत्तर कोरिया का नाम नहीं लिया. उन्होंने कहा कि नई मिसाइल देश की रक्षा के लिए होगी, जिसमें जापान अभी भी किसी दुश्मन देश के ठिकाने पर हमला करने के लिए अमेरिका पर निर्भर है. रक्षा मंत्री ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "हम ज्वाइंट स्ट्राइक मिसाइल जेएसएम को लाने की योजना बना रहे हैं जो एफ 35ए लड़ाकू विमानों पर लगाये जाएंगे. इन्हें दुश्मन के खतरे की सीमा में आये बगैर दागा जा सकता है."
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इसके साथ ही जापान एफ 15 लड़ाकू विमान पर लगाने के लिए लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशंस की उन्नत श्रेणी की ज्वाइंट एयर टू सर्फेस स्टैंट ऑफ मिसाइल (जेएसएसएम ईआर) को भी देख परख रहा है. नॉर्वे की कोन्ग्सबर्ग डिफेंस एंड एयरोस्पेस कंपनी की बनाई जेएसण मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर है जबकि जेएसएम ईआर 1000 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है.
हथियारों की खरीदारी की इस योजना को विपक्षी पार्टियों की आलोचना सहनी पड़ सकती है. जिन नेताओं को यह डर सताता है कि कहीं जापान के संविधान में शामिल युद्ध नहीं छेड़ने का अधिकार कमजोर ना पड़ जाए, वो इसकी जरूर आलोचना करेंगे. दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान के संविधान में यह अधिकार शामिल किया गया.
जापान में क्यों धड़ाधड़ बिक रहे हैं अंडरग्राउंड बंकर
उत्तर कोरिया के परमाणु हमले के डर से जापान में लोगों ने अपने घरों के नीचे सुरक्षित अंडरग्राउंड कमरे बनाने लगे हैं. अचानक बंकर के कारोबार ने जोर पकड़ लिया है. देखिए.
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कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव का असर
इस इलाके में बढ़ती तनातनी का असर सभी पड़ोसी देशों पर पड़ रहा है. उत्तर कोरिया के परमाणु हमसे के डर से तो जापानी नागरिकों ने अपने घरों में उससे बचने की व्यवस्था करना भी शुरू कर दिया है.
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अगर जहरीली गैस का हमला हो
जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने अप्रैल में संसद में बोलते हुए अंदेशा जताया था कि उत्तर कोरिया जापान पर जहरीली गैस सारीन का हमला भी कर सकता है. इससे भी लोगों को बंकर की सख्त जरूरत महसूस हुई.
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चिंतित खरीदारों का दोहन करती कंपनियां
कई जापानी कंपनियां नागरिकों के मन में बैठ गये हमले के डर का भरपूर लाभ ले रही हैं. वे तरह तरह की बंकर वाली इमारतें बना रही हैं. जैसे कि इस तस्वीर में दिख रहा एंटी-न्युक्लियर बंकर का प्रोटोटाइप.
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ऑर्डरों की भरमार
शेल्टर कंपनी लिमिटेड के निर्माण निदेशक निशिमोटो अपने घर में बने इस बंकर को दिखाते हुए बताते हैं कि बंकर जैसे विशेष शेल्टर उत्पादों की मांग में पहले के मुकाबले 10 गुना से अधिक उछाल आया है.
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बंकर में क्या है
रोजमर्रा के इस्तेमाल की जरूरी चीजें, खाने और पीने के पर्याप्त सामान के अलावा एक खास तरह का सील करने वाला पदार्थ भी रखा जाता है. ताकि अगर कहीं से कोई रेडियोऐक्टिव गैस लीक हो तो उसे तुरंत सील किया जा सके.
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कुछ खास मशीनें भी
आपातकाल में काम आने वाले कई तरह से उत्पाद भी बंकर में तैयार रखे जाते हैं. जैसे रेडिएशन के स्तर को नापने वाला गेज, गैस मास्क और ऐसी ही अन्य जीवन रक्षक चीजें.
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लोहे के ठोस दरवाजे
बंकर के बाहरी दरवाजे ठोस लोहे की चौड़ी दीवार जैसे होते हैं. यह परमाणु धमाके को भी झेल सकते हैं. वहीं निर्माता भीतर से बंकर को जितना संभव हो उतना आरामदायक बनाने की कोशिश करते हैं.
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दरवाजे ही नहीं दीवारें भी खास
अगर कभी लोगों को लंबे समय बंकर में रहना पड़ जाए तो जाहिर है कि वे बाहर का नजारा देखने को तरस जाएंगे. इसके लिए बंकर की दीवारों को लोगों की पसंद के अनुसार किसी खास नजारे से सजाया जा सकता है.
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बंकर में जीने का अभ्यास
केवल बंकर होना काफी नहीं, बल्कि वहां की हर चीज इस्तेमाल करने का अभ्यास भी होना जरूरी है. निशिमोटो कहते हैं कि वे खुद समय समय पर एयर फिल्टर की सफाई और ऐसे कामों का अभ्यास करते हैं. (आयु पुर्वासिंघा/ आरपी)
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हालांकि उत्तर कोरिया की बैलिस्टिक मिसाइलों से उभरे खतरे ने राजनेताओं की ओर से देश के लिए एक ज्यादा मजबूत सेना की मांग भी पैदा कर दी है ताकि उत्तर कोरिया को हमला करने से रोका जा सके. जापान के पास फिलहाज जो मिसाइल हैं उनमें केवल एंटी एयरक्राफ्ट और एंटी शिप मिसाइलें हैं जिनकी रेंज 300 किलोमीटर से कम है.
जापान की नीति में इस बदलाव से यह आशंका उभर रही है कि उत्तर कोरिया के खतरे ने उसके प्रतिद्वंद्वियों की सैन्य योजना में मारक क्षमता बढ़ाने का मौका दे दिया है. उत्तर कोरिया ने हाल ही में कई बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया जिसमें एक नई तरह की आईसीबीएम भी है जो जापान के ऊपर से उड़ कर 4000 किलोमीटर की ऊंचाई तक गयी.