बीते साल में दुनिया बेहतर नहीं हुई, इसका विपरीत ही हुआ. डॉयचे वेले के मुख्य संपादक अलेक्जांडर कुदाशेफ का कहना है कि यूक्रेन संकट, गजा युद्ध और इस्लामिक स्टेट के उद्भव की वजह से निराशा बढ़ी.
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बीते साल में दुनिया बेहतर नहीं हुई, इसका विपरीत ही हुआ. डॉयचे वेले के मुख्य संपादक एलेक्जांडर कुदाशेफ का कहना है कि यूक्रेन संकट, गजा युद्ध और इस्लामिक स्टेट के उद्भव की वजह से निराशा बढ़ी.
दुनिया 2014 में अव्यवस्था का शिकार हो गई. अफ्रीका में इबोला, यूक्रेन में युद्ध, हत्यारे इस्लामिक स्टेट का उत्थान, पाकिस्तान में निर्दोष बच्चों की नरसंहार, मध्यपूर्व में गजा युद्ध, यूरोप में उग्र दक्षिणपंथियों की चुनावी जीत और मेक्सिको में अपराधी गिरोहों का अघोषित युद्ध. जहां कहीं भी देखें हर महाद्वीप पर राजनीतिक और सामाजिक स्थिति कठिन और अस्पष्ट दिखती है. यूरोप में युद्ध हो रहा है. रूस और मध्य यूरोप की सीमा पर स्थिति यूक्रेन में गृहयुद्ध छिड़ा है. और पश्चिमी देश तथा रूस कूटनीतिक संघर्ष में फंसे हैं, एक नया विदेशनैतिक हिमयुग, नया शीत युद्ध.
चुनौतीपुतिन
व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया पर कब्जा कर और पूर्वी यूक्रेन में हस्तक्षेप कर पश्चिम और यूक्रेन की सरकार को चुनौती दी और प्रतिबंधों के बाद खुद आर्थिक मुश्किलों का शिकार हो गए. नवसाम्राज्यवादी पुतिन साल के अंत में रूसी मुद्रा रूबल के पतन में घिरे हैं. और पश्चिमी देश, मुख्य रूप से यूरोप और खासकर जर्मनी सवाल पूछ रहे हैं, क्या हमें पुतिन को रियायत नहीं देनी चाहिए? स्थिति से बाहर निकलने का क्या रास्ता है? यूरोप में फिर से शांति कैसे बहाल की जा सकती है? और इस सब में यूक्रेन का भविष्य दरकिनार हो रहा है. और यह सवाल कि पुतिन क्या कर सकते हैं?
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पुतिन से पेश आने के मामले में अधिकांश यूरोपीय नेताओं के मुकाबले दृढ़ता दिखा रहे हैं. वे सख्ती की हिमायत कर रहे हैं. लेकिन ओबामा अपनी घरेलू नीति के बंदी हैं. वे बहुमत खो चुके हैं. राष्ट्रपति चुनावों से दो साल पहले वे लेम डक बन गए हैं. कमजोर और अपनी बात मनवाने में अक्षम ओबामा पीछे हट रही महाशक्ति का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. एक महाशक्ति जो कम ही मामलों में हस्तक्षेप करना चाहती है. और जो गुआंतानामो और दूसरी जगहों पर इस्लामी कट्टरपंथी बंदियों की व्यवस्थित यातना के कारण बदनाम हो चुकी है.
साल 2014 की खास बातें
साल 2014 अपने अंतिम दिनों में पहुंच गया. विश्व में क्या कुछ खास हुआ. किन चीजों से दुनिया प्रभावित हुई. देखते हैं कुछ बेहद महत्वपूर्ण घटनाओं को तस्वीरों में.
तस्वीर: AFP/Getty Images
अमेरिका की भीषण सर्दी
कनाडा और अमेरिका में साल 2014 की जनवरी में जबरदस्त शीतलहर चली. करीब 18 करोड़ लोग प्रभावित हुए. कम से कम 20 लोगों की मौत हुई. तापमान माइनस 50 डिग्री तक गिर गया, जो एक रिकॉर्ड है. नियाग्रा फॉल के हिस्से जम गए. मौसम विज्ञानियों के लिए पिछले 20 साल का सबसे बुरा मौसम. मिशिगन जैसे कुछ अमेरिकी प्रांतों में इमरजेंसी का एलान कर दिया गया.
तस्वीर: Getty Images/S. Platt
काले सागर के किनारे ओलंपिक
सात फरवरी को 22वां शीतकालीन ओलंपिक रूस के सोची शहर में शुरू हुआ. पदकों की दौड़ में 2900 एथलीट शामिल हुए. यह अब तक का सबसे महंगा और सबसे गर्म शीतकालीन ओलंपिक रहा. रूस 33 पदकों के साथ शीर्ष पर रहा, जबकि नॉर्वे और कनाडा दूसरे और तीसरे नंबर पर रहे. इस खेल पर 50 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है.
तस्वीर: Reuters/Alexander Demianchuk
यूक्रेन का संकट
राजधानी कीव में भयानक संकट. 20 फरवरी को मैदान में 80 लोगों की मौत. इसके फौरन बाद राष्ट्रपति यानुकोविच फरार हो गए. यूक्रेन में गृहयुद्ध शुरू हो गया. रूस इस देश पर अपना प्रभाव बनाए रखना चाहता था और इसके लिए किसी हद तक जाने के लिए तैयार था. क्रीमिया को रूस में मिलाने और पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद लोग दूसरे शीत युद्ध की चर्चा करने लगे.
तस्वीर: Reuters
एमएच 370 का रहस्य
आठ मार्च को क्वालालंपुर से बीजिंग जाते हुए मलेशिया का एमएच 370 विमान अचानक लापता हो गया. इस पर 239 लोग सवार थे. जांच से पता लगा कि विमान ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ मोड़ ले लिया था. इस विमान के साथ क्या हुआ, अब तक पता नहीं लग पाया है. हालांकि इसे खोजने के लिए अब तक का सबसे महंगा अभियान चलाया गया.
तस्वीर: Reuters
इबोला का खौफ
गिनी में मार्च में इबोला का पहला मामला सामने आया. मानव इतिहास में यह इबोला का सबसे बड़ा मामला साबित हुआ. मार्च में ही सियेरा लियोन और लाइबीरिया में लोग इसके वायरस से बीमार होने लगे. बाद में दूसरे देशों में भी संक्रमण के मामले सामने आए. दिसंबर में पता चला कि करीब 17000 लोग इससे प्रभावित हुए, जिनमें से 6000 लोगों की जान चली गई.
तस्वीर: AFP/Getty Images/K. Tribouillard
बोको हराम का आतंक
चौदह अप्रैल को आतंकवादी समूह बोको हराम ने नाइजीरिया के चिबोक में 200 से ज्यादा लड़कियों को अगवा कर लिया. आतंकवादियों ने लड़कियों को गुलाम बना कर बेचने की बात कही. बोको हराम नाइजीरिया का आतंकवादी समूह है, जो शरीया लागू करने के लिए संघर्ष कर रहा है. साल 2011 के बाद से यह हर हफ्ते चर्चों, थानों, स्कूलों, विश्वविद्यालयों और दूसरे संस्थानों पर हमले करता आया है.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo
कोंचिता का जादू
मई में कोपेनहैगेन के यूरोविजन सॉन्ग कॉन्टेस्ट में 25 साल के थोमास नॉयविर्थ ने खिताब जीत लिया. गे कलाकार खुद को कोंचिता वुर्स्ट कहलाना पसंद करते हैं. यह ऑस्ट्रिया के लिए 1996 के बाद पहला खिताब है. उस वक्त उडो युर्गेन्स ने खिताब जीता था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/J. Carstensen
स्पेन का नया राजा
स्पेन के राजा खुआन कार्लोस (76) ने जून में एलान किया कि वह अगली पीढ़ी के लिए रास्ता साफ करना चाहते हैं. 19 जून को राजकुमार फिलिप को राजा फिलिप चतुर्थ के तौर पर गद्दी दे दी गई. उन्हें पत्नी लेटिशिया के साथ दो बेटियां हैं - लियोनोर और सोफिया. युवा दंपत्ति स्पेन की राजशाही का नया चेहरा हैं और नई पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करने की बात करते हैं.
तस्वीर: Reuters
मध्यपूर्व में आईएस
इस्लामी आतंकवादी संगठन आईएस ने 29 जून को इराक और सीरिया के कुछ हिस्सों में खिलाफत का एलान कर दिया. इसके सदस्यों ने क्रूरता और बर्बरता से लोगों की हत्याएं करनी शुरू कर दीं. उन्होंने कई विदेशी नागरिकों को भी मार डाला. उनके खौफ से गर्मियों में इराक के उत्तरी हिस्से से हजारों यजीदी भाग खड़े हुए. अगस्त से अमेरिका ने आईएस के खिलाफ हवाई हमले शुरू किए हैं.
तस्वीर: picture alliance/abaca
जर्मनी बना विश्वविजेता
तेरह जुलाई को जर्मनी की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम ने ब्राजील में खेले गए फुटबॉल विश्व कप के फाइनल में अर्जेंटीना को 1-0 से हरा दिया. इस तरह जर्मनी की टीम 24 साल बाद फुटबॉल विश्व चैंपियन बन गई. खेल के अतिरिक्त समय में 113वें मिनट में मारियो गोएत्से ने गोल करके इतिहास बना दिया. जर्मनी के लिए यह चौथा विश्व खिताब है.
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एमएच 17 का हादसा
संभवतः एक रॉकेट हमले में मलेशिया का एमएच 17 विमान यूक्रेनी सीमा में मार गिराया गया. इस विमान में 298 लोग सवार थे, जिनमें से 193 नीदरलैंड्स के नागरिक थे. सारे लोग मारे गए. यूक्रेनी सरकार और रूसी समर्थक सेनाओं ने एक दूसरे पर आरोप लगाए.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/M. Pochuyev
फर्गुसन में नस्ली भेदभाव
नौ अगस्त को अमेरिकी पुलिस अधिकारी डैरेन विल्सन ने माइकल ब्राउन नाम के किशोर की हत्या कर दी. विल्सन श्वेत हैं, जबकि ब्राउन अश्वेत थे. इस घटना के बाद अमेरिका में एक बार फिर से श्वेत और अश्वेत के बीच गहरी खाई पैदा हो गई. इसके बाद फर्गुसन इलाके में काफी दिनों तक तनाव रहा. जब जूरी ने अधिकारी विल्सन के खिलाफ मुकदमा खारिज कर दिया, तो अमेरिका के 170 शहरों में प्रदर्शन किए गए.
तस्वीर: Reuters
सुपर मून की झलक
11 अगस्त की रात, विश्व को चंद्रमा सबसे बड़े रूप में देखने को मिला. अपनी क्षैतिज अवस्था की वजह से यह अपनी सामान्य स्थिति से धरती के 50,000 किलोमीटर निकट आ गया था. यह अपने आकार से बड़ा और ज्यादा चमकीला दिख रहा था. इस अद्भुत खगोलीय घटना के साक्षी पूरे विश्व के लोग बने.
तस्वीर: Getty Images
पिस्टोरियस का केस
सितंबर में दक्षिण अफ्रीका के विकलांग एथलीट ऑस्कर पिस्टोरियस का मामला दोबारा खुला. उनकी गर्लफ्रेंड रीवा स्टीनकैंप फरवरी 2013 में उनकी गोलियों से मारी गई थीं और इस मामले में पिस्टोरियस पर हत्या का मामला चला. उन्हें पांच साल जेल में बिताने की सजा सुनाई गई. इस मुकदमे में पूरी दुनिया के लोगों की दिलचस्पी थी.
तस्वीर: Reuters
अलीबाबा का जिन्न
चीनी आईटी कंपनी अलीबाबा ने 19 सितंबर को अपने शेयर जारी किए और आईपीओ इतिहास में विश्व की सबसे बड़ी कंपनी बन गई. जैक मा ने इस कंपनी को 15 साल पहले शुरू किया था और आज यह 200 अरब डॉलर की हो गई. अलीबाबा इसके बाद भी तेजी से बढ़ रही है. मा को चीन का सबसे अमीर आदमी समझा जा रहा है.
तस्वीर: Reuters/Brendan McDermid
दीवार गिरने के 25 साल
बर्लिन में दीवार गिरने के 25 साल के मौके पर जश्न का आयोजन किया गया. इस उपलक्ष्य में नौ नवंबर को बर्लिन में रोशनी का भव्य समारोह हुआ. जर्मनी को दो हिस्सों में बांटने वाली यह दीवार 13 अगस्त 1961 को बनी थी और 28 साल तक खड़ी रही. चांसलर मैर्केल ने दीवार गिरने के 25 साल बाद कहा, "दीवार गिरने की घटना ने हमें दिखा दिया कि सपने सच हो सकते हैं."
तस्वीर: AFP/Getty Images/Odd Andersen
मलाला को नोबेल सम्मान
दस दिसंबर को 17 साल की मलाला यूसुफजई और भारत के कैलाश सत्यार्थी को नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया. मलाला यह पुरस्कार पाने वाली दुनिया की सबसे कम उम्र की शख्सियत बन गई. वह कई सालों से पाकिस्तान में महिलाओं की शिक्षा के लिए संघर्ष कर रही है. दो साल पहले तालिबान ने उसे उस वक्त निशाना बनाया था, जब वह स्कूल से घर लौट रही थी.
तस्वीर: picture-alliance/epa/C. Poppe
पेशावर स्कूल कांड
साल जाते जाते 16 दिसंबर को पाकिस्तान में पेशावर के एक स्कूल में तालिबान ने हमला बोला, जिसमें 140 लोग मारे गए. मरने वालों में ज्यादातर स्कूली बच्चे थे.
तस्वीर: Reuters/K. Parvez
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असरहीनअमेरिका
खोया प्रभाव और राजनीतिक बदलाव में नेतृत्व की गिरती इच्छा खासकर मध्यपूर्व में दिख रही है. गजा युद्ध में अमेरिका ने कोई भूमिका नहीं निभाई, या नहीं निभा पाया. न इस्राएल और न फलीस्तीनी ओबामा की बात मानने को तैयार थे. और गजा युद्ध के बाद भी राजनीतिक स्थिति पहले की ही तरह निराशाजनक है. कम से कम अमेरिका इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ रहा है, हवा से. पश्चिम, जर्मनी भी कुर्द पेशमेर्गा लड़ाकों को प्रशिक्षण दे रहा है और उन्हें हत्यारे इस्लामिक स्टेट के खिलाफ लड़ने दे रहा है, फिलहाल कामयाबी से.
लेकिन आईएस ने मध्यपूर्व की सांस्कृतिक, धार्मिक और राजनीतिक बहुलता को नष्ट कर दिया है. हर कहीं ईसाई, यजीदी और यहां तक कि मुसलमान भी पलायन कर रहे हैं. सीरिया और इराक में राज्य सामाजिक व्यवस्था के केंद्र में नहीं रह गया है. पश्चिम एशिया के अलावा अफ्रीका में भी तथाकथित "असली" इस्लाम की ओर वापसी का कट्टरपंथी आंदोलन बौद्धिक चुनौती दे रहा है. और चूंकि वह क्रूर और आतंकवादी है, ये देश गृहयुद्ध का शिकार हो रहे हैं. और लाखों लोगों को भागना पड़ रहा है. एक दुःस्वप्न.
2014- उथल पुथल का साल. दहशत का साल. राजनीतिक भूचाल. जटिलता और कुव्यवस्था का साल. एक साल, जिसमें कूटनीति राष्ट्रवाद के उत्थान और धार्मिक छलावे का मुकाबला करने में विफल रही. एक नाउम्मीदी वाला साल.