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उपवास कीजिए तंदुरुस्त रहिए

२८ फ़रवरी २०१२

आज की भागदौड़ भरी जीवन शैली में खाने पीने का असंतुलन और पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाने की समस्या से हर कोई परेशान है. कुछ जल्दी जल्दी और बहुत ज्यादा खाते हैं. जबकि काफी लोग संतुलित आहार भी नहीं ले पाते हैं.

खाने की बजाए पानी और हरी चाय

कुछ लोगों ने पानी और पीने की दूसरी चीजों में कमी कर दी है, जबकि चर्बी वाला खाना खाने का चलन बढ़ गया है. चीनी और नमक तो खाने में कब बढ़ गया, पता ही नहीं चला. कहीं न कहीं हर कोई खाने पीने की समस्याओं का सामना कर रहा है.

लगातार इस असंतुलन के बीच हमे अपनी खान पान की आदतों और जीवन शैली का खयाल कुछ वर्षों में आने लगता है. और फिर शुरू होता है उनमें बदलाव और परिवर्तन का प्रयास. ठोस आहार के बजाय संतुलित आहार शुरू कर दिया जाता है. हर्बल चाय, मिनिरल वाटर, फलों का रस और सब्जियों के साथ उपवास शुरू कर दिया जाता है.

शरीर का सही इस्तेमाल

जर्मन मेडिकल एसोसिएशन की उपवास को बढ़ावा देने वाली संस्था के सदस्य आंद्रेस बुचिंगर के अनुसार, "ज्यादा खाने से बचना, कॉफी, शराब और तंबाकू से दूरी अस्थायी रूप से खाने पीने की समस्याओं से राहत दिला सकते हैं." वे कहते हैं कि हमारा शरीर खराब पदार्थों को बाहर निकाल कर खुद को फिर से युवा करने में सक्षम है. शरीर के अंगों और लीवर को स्वस्थ रखने के लिए तेलों का इस्तेमाल कारगर साबित हो सकता है.

संतुलित आहार जरूरीतस्वीर: picture-alliance/dpa

आंतों को साफ और स्वस्थ रखना इसका सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. खान पान विशेषज्ञ और उपवास की खास जानकारी रखने वाले क्रिस्टा क्लिंग के अनुसार, "इस प्रक्रिया में रेचक नमक का तेजी से इस्तेमाल शुरू किया जाता है. हानिकारक तत्वों को शरीर से निकालने के लिए हर दो दिन में एनिमा दिया जाता है."

ध्यान रखें इलाज का

हालांकि एसोसिएशन ऑफ जर्मन इंटरेस्ट ने हाल के दिनों में चेतावनी जारी कर कहा है कि एनिमा का प्रयोग नुकसानदेह हो सकता है. अमेरिका में एक सर्वे के हवाले से कहा गया है कि बाजार में उपलब्ध एनिमा प्रणाली को सुरक्षित नहीं माना जा सकता. उल्टी, दस्त और घबराहट जैसे साइड इफेक्ट हो सकते हैं.

इसके कई सकारात्मक नतीजे भी आए हैं. यह शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बढाता है और शूगर जैसी बीमारियों की स्थिति में शरीर को लड़ने के लिए तैयार करता है. क्लिंग के अनुसार उपवास से वजन कम करने में भी सहायता मिलती है. इससे हर दिन 500 ग्राम तक वजन कम किया जा सकता है.

आहार विशेषज्ञ सिल्की रेस्टमेयर के अनुसार, "वे लोग जो वजन कम करना चाहते हैं उन्हें अपनी खान पान की आदतों को ठीक करने के साथ नियमित कसरत भी करना होगी." उपवास का एक लाभ भी होता है कि व्यक्ति एक नियंत्रित और स्वस्थ जीवन शैली के बारे में सीखना और सोचना शुरू कर देता है.

उपवास करें, कुछ खा कर

रेस्टमेयर बगैर कुछ खाए पीए किए जाने वाले उपावास का विरोध करते हैं. वह कहते हैं यदि आप दिन भर में केवल एक बार थोड़ा सा पानी पीते हैं तो शरीर में प्रोटीन का स्तर कम जाता है. खून में यूरिक एसिड बढ़ जाता है. इससे गठिया होने की संभावना बढ़ जाती है. इसके बुरे असर के रूप में हृदय और गुर्दे पर भी प्रभाव देखा जा सकता है. रेस्टमेयर के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति को भी लगातार पांच दिन से ज्यादा उपवास नहीं करना चाहिए.

वह सलाह देती हैं कि पहली बार उपवास करने वाले लोगों को पहले डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिये. किसी भी तरह की बीमारी का सामना कर रहे लोगों को उपवास से बचना चाहिए. बुचिंगर के अनुसार उपवास करने वालों का मानना है कि वे संतुलित उपवास कर कई लाभ ले सकती हैं. हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज में भी इससे लाभ हो सकता है. पर वह सलाह देते हैं कि स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त लोगों को बगैर डॉक्टरों की देख रेख के उपवास नहीं करना चाहिए. उपवास के पहले उन्हें डॉक्टरी जांच भी करवा लेना चाहिए.

रिपोर्ट: डीपीए / जे.व्यास

संपादन : ए जमाल

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