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उम्र नहीं सताती: सचिन तेंदुलकर

२८ अक्टूबर २०१०

धुआंधार फॉर्म में खेल रहे मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने कहा कि उन्हें उम्र परेशान नहीं करती. सचिन को लंदन में पीपल्स च्वाइस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया. आठ साल बाद सचिन टेस्ट रैकिंग की चोटी पर.

तस्वीर: AP

सचिन तेंदुलकर शतकों का शतक जड़ने के मूड में हैं. लंदन में उन्होंने इसके संकेत भी दे दिए. पीपल्स च्वाइस अवॉर्ड और आउटस्टैंडिंग एचीवमेंट इन स्पोटर्स अवॉर्ड लेने पहुंचे 37 साल के तेंदुलकर ने कहा, ''फिलहाल मैं अपने खेल का आनंद उठा रहा हूं. मुझे नहीं पता कि मैं कब खेलता रहूंगा, हां लेकिन आनंद की इस अनुभूति के साथ मैं खेलते रहना चाहता हूं. उम्र मुझे चिंतित नहीं करती है.''

इस मौके पर ब्रिटेन की प्रेस ने भी तेंदुलकर की खूब प्रंशसा की. ज्यादातर अखबारों का स्पोर्ट्स पेज मास्टर ब्लास्टर के रंग से तर रहा. ईवनिंग स्टैंडर्ड अखबार ने लिखा, ''उनके बल्ले ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया को रौंद कर रख दिया. तेंदुलकर की बदौलत 22 साल बाद ऐसा मौका आया जब ऑस्ट्रेलिया लगातार तीन टेस्ट मैच हारा.''

तस्वीर: picture-alliance / dpa/dpaweb

लेकिन अब टीम इंडिया के सामने दक्षिण अफ्रीका दौरे की चुनौती है. तेंदुलकर भी मानते हैं कि ग्रैम स्मिथ की टीम से पार पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी. उन्होंने कहा, ''अगर टेस्ट में अभी किसी को हराना बाकी है तो वह है दक्षिण अफ्रीका. दक्षिण अफ्रीका को दक्षिण अफ्रीका में हराना कठिन चुनौती है. वह टीम कड़ी टक्कर देती है और इस बार उनके पास अपने माहौल का फायदा उठाने का मौका भी है.''

वैसे तेंदुलकर की एक एक बात ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के मीडिया में गंभीरता के साथ छपती है. तेंदुलकर ने इंग्लैंड के इओन मोर्गन की तारीफ की. तब से इंग्लैंड के मीडिया में मोर्गन को गंभीरता से लिया जाता है. बुधवार को ब्रिटिश प्रेस ने एक बार फिर उनसे इंग्लैंड के क्रिकेट के बारे में चर्चा की. इस बार सचिन के साथ बातचीत की लाइम लाइट में खराब फॉ़र्म से जूझ रहे केविन पीटरसन रहे.

पीटरसन को सलाह देते हुए तेंदुलकर ने कहा, ''मैं उनसे यही कह सकता हूं कि वह चिंतामुक्त रहें और गेंद को बेहद बारीकी से देखने की कोशिश करें. ऐसा करना बल्लेबाज का काम है. अगर वह ठंडे दिमाग से यह सोचकर मैदान में उतरें कि ऑस्ट्रेलिया को हराना अब कोई बड़ी बात नहीं है तो रन अपने आप बनने लगेंगे. अगर आप का दिमाग शांत है तो शरीर बेहतरीन ढंग से काम करने लगता है. अगर पीटरसन ऐसा करते हैं तो मुझे विश्वास है कि उनका खेल बेहतर होगा.''

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा एम

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