एकीकरण के 30 साल बाद भी जर्मनी पुरानी समस्याओं से जूझ रहा है
मार्सेल फुर्स्टेनाउ
२ अक्टूबर २०२०
जर्मन एकीकरण को तीन दशक हो चुके हैं. लेकिन एकीकरण के तीन दशक बाद भी जर्मनी विभाजित देश है. पूर्व और पश्चिम के बीच के अंतर केवल अर्थव्यवस्था के बारे में नहीं हैं.
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जर्मनी में यदि आप आज तीस साल के हैं, तो आप अभी भी तुलनात्मक रूप से युवा हैं. आखिरकार, देश में औसत आयु 45 से कम है. आंकड़े बताते हैं कि पूरे जर्मनी में पहला बच्चा होते होते मांएं लगभग तीस वर्ष की हो जाती हैं. इस मामले में अब पश्चिम और पूर्व के बीच कोई अंतर नहीं रह गया है. 3 अक्टूबर, 1990 को एकीकरण होने से पहले ऐसी चीजें अलग थीं. एकीकरण के पहले पश्चिमी जर्मनी में महिलाएं पहली बार लगभग 27 वर्ष की उम्र में मां बनती थीं. जबकि पूर्वी जर्मनी में यह उम्र 24 साल थी. तो कहा जा सकता है कि परिवार नियोजन एक ऐसा क्षेत्र है जहां चीजें एक जैसी हो गई हैं.
जर्मनी के पूर्वी प्रदेशों के प्रभारी मंत्री मार्को वांडरवित्स कहते हैं, "1990 के बाद से, दोनों जर्मन कई मायनों में एक जैसे हो गए हैं." वह कहते हैं, "बहुत सी चीजें हैं जो हमें जोड़ती हैं, उन चीजों की तुलना में जो हमें विभाजित करती हैं." लेकिन क्या वाकई ऐसा है? जर्मन एकीकरण की स्थिति पर सितंबर में प्रकाशित वार्षिक रिपोर्ट एक अलग कहानी बताती है.
आर्थिक स्थिति को ही लें. पूर्वी हिस्से का आर्थिक उत्पादन पूरे जर्मनी की तुलना में लगभग एक तिहाई कम है. पूर्वी हिस्से में आय 10% कम है और बेरोजगारी दर अधिक है. वांडरवित्स मानते हैं कि ये अंतर मौजूद हैं. लेकिन वह आशा करते हैं कि पूर्व में इलेक्ट्रिक कारों जैसी अगली पीढ़ी की तकनीकों को आकर्षित कर चीजें बदल सकती हैं. बर्लिन के बाहरी इलाके में बनने वाला टेस्ला कंपनी का नया कारखाना एक मॉडल हो सकता है. मोबिलिटी, हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी और कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकास के दूसरे क्षेत्र हो सकते हैं.
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बर्लिन, दीवार गिरने से पहले और बाद में
जर्मन राजधानी बर्लिन कई दशकों तक बंटी रही. 32 साल पहले, 3 अक्टूबर 1990 को पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के एकीकरण के बाद से वहां बहुत कुछ बदल गया है. आज जर्मन एकता दिवस पर देखिए- बर्लिन, कैसा था तब और अब कैसा है!
ब्रांडेनबुर्ग गेट
1791 में बना ब्रांडेनबुर्ग गेट यकीनन बर्लिन की सबसे प्रसिद्ध निशानी है. यह विभाजन के समय पूर्व और पश्चिम के बीच की सीमा का चिह्न था. पूर्वी क्षेत्र में खड़ा ये स्मारक पश्चिमी जनता के लिए पहुंच के बाहर था. लेकिन जब 1989 में बर्लिन की दीवार गिर गई तो सब कुछ बदल गया और बाधाएं नहीं रहीं. अब शहर के इस प्रतीक को देखने के लिए जर्मनी और विदेशों से लाखों लोग आते हैं.
होहेनशोएनहाउजेन जेल
1989 तक होहेनशोएनहाउजेन जेल पूर्वी जर्मनी की खुफिया पुलिस स्टाजी की मुख्य जेल थी. यहां राजनीतिक कैदियों को रखा जाता था और उन्हें मनोवैज्ञानिक और शारीरिक यातना दी जाती थी. इमारत को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था. शहर के किसी नक्शे में यह नहीं दिखता था. जर्मन एकीकरण के बाद इसे बंद कर दिया गया और कुछ साल बाद यहां स्मारक बन गया. यहां आने वाले खुफिया पुलिस स्टाजी के काले अतीत के बारे में जान सकते हैं.
बर्लिन की दीवार
बर्लिन की दीवार ने शहर को 28 सालों तक पूर्व और पश्चिम में विभाजित कर रखा था. पूर्वी जर्मनी से भागने के लिए इस 155 किलोमीटर लंबे (96 मील), अत्यधिक संरक्षित किलेबंदी को पार करने की कोशिश में कई लोग मारे गए. हताहतों की सही संख्या अभी तक पता नहीं है. ईस्ट साइड गैलरी, बर्लिन दीवार का अब सबसे लंबा बचा हुआ टुकड़ा है जिसे एकीकरण के साल जर्मनी और विदेशी कलाकारों ने पेंट किया.
पूर्वी बर्लिन के फ्रीडरिषहाइन इलाके में 1970 से 1991 तक सोवियत नेता व्लादिमीर लेनिन की लाल ग्रेनाइट की 19 मीटर ऊंची मूर्ति खड़ी थी. यह वामपंथी नेता को समर्पित इलाका था. बर्लिन दीवार के गिरने के बाद एकीकृत शहर के प्रशासन ने प्रतिमा को हटाने का फैसला लिया. आज, लेनिन स्क्वायरका नाम बहल कर यूनाइटेड नेशन स्क्वायर कर दिया गया है.
पैलेस ऑफ रिपब्लिक से बर्लिन पैलेस
साम्यवादी पूर्वी जर्मनी में पैलेस ऑफ रिपब्लिक सत्ता का शोरूम था. 1976 में इस इमारत के बनने के बाद यहां जीडीआर की संसद पीपुल्स चैंबर का मुख्यालय था. इसके विशाल हॉल में विभिन्न राजनीतिक सम्मेलनों का आयोजन होता था. 2006 में इसे एस्बेस्टस से दूषित होने के कारण गिरा दिया गया. जीडीआर की संसद की इमारत की जगह अब बर्लिन पैलेस बनाया जा रहा है.
जीडीआर के इन्टरशॉप
"इंटरशॉप" जीडीआर का एक प्रमुख रिटेल चेन था, एक ऐसा स्टोर जहां जीडीआर के पैसे से सामान खरीदना संभव नहीं था. वहां सिर्फ विदेशी मुद्रा में सामान खरीदा जा सकता था. पूर्वी हिस्से में रहने वाले बहुत से सामान्य लोगों के लिए यहां मिलने वाला सामान पहुंच से बाहर था. पहला इंटरशॉप पूर्वी बर्लिन के फ्रीडरिषश्ट्रासे स्टेशन में था. आज वहां कैफे और फैशन शोरूम वाला व्यस्त बाजार है.
खेल के मैदान
लापरवाह बचपन का खेल के मैदान से बड़ा प्रतीक नहीं हो सकता. पूर्वी बर्लिन के हर इलाके में इस तरह के खेल के मैदान और ढांचे देखे जा सकते थे. आज, वे धातु के नहीं आम तौर पर रस्सी से बने होते हैं. इसलिए जब बच्चे खेलते समय उनके अंदर दौड़ते हैं तो नुकसान का खतरा नहीं होता. और तस्वीरें #GermanyThenNow और #BerlinThenNow फेसबुक पेज पर देखी जा सकती हैं.
इंटर होटल मेट्रोपोल
सीमा पर स्थित मुख्य रेलवे स्टेशन फ्रीडरिषश्ट्रासे के पास 13-मंजिला इंटर होटल मेट्रोपोल 1977 में खोला गया था. यह एक लक्जरी होटल था, जो जीडीआर आने वाले कारोबारियों, राजनयिकों और मशहूर हस्तियों में अत्ंयत लोकप्रिय था. जीडीआर के नागरिकों के पास विदेशी मुद्रा तो होती नहीं थी, वे इसे केवल बाहर से ही निहार सकते थे. आज यहां मैरिटिम चेन का होटल है. यहां हर कोई जा सकता है.
KaDeWe डिपार्टमेंटल स्टोर
Kaufhaus des Westens या संक्षेप में KaDeWe, जर्मनी का सबसे प्रसिद्ध डिपार्टमेंटल स्टोर है. यह लंदन के हैरोड्स के बाद यूरोप में दूसरा सबसे बड़ा स्टोर है. 1907 में खोला गया लक्जरी स्टोर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विनाश से बच गया और राजधानी के बंट जाने के वर्षों में पश्चिम बर्लिन की शान रहा. आज यह पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच समान रूप से लोकप्रिय है
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वोल्क्सकमरसेबुंडेसटागतक
वांडरवित्स चांसलर अंगेला मैर्केल की रूढ़िवादी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक पार्टी (सीडीयू) के सदस्य हैं. इसके बावजूद वो वामपंथी पार्टी की डागमार एंकेलमन के साथ सहमति के मुद्दे देखते हैं, इसलिए भी कि वे दोनों पुराने पूर्वी जर्मनी से हैं. एंकेलमन प्रसिद्ध क्रांतिकारी रोजा लक्जमबर्ग के नाम पर बनी वामपंथी फाउंडेशन की प्रमुख हैं. और वह मौजूदा पूर्व और पश्चिम के बीच आर्थिक अंतरों पर जोर देती हैं. वे डीडब्ल्यू से बताती हैं, "इसका मतलब है कि पूर्व को गति देने की आवश्यकता है." डागमार एंकेलमन को लगता है, "क्षेत्रीय विकास और आर्थिक संरचनाओं को बढ़ावा देने जैसे क्षेत्रों में रुझानों को बदलने के लिए बहुत काम करना होगा." वह कम्युनिस्ट काल में जीडीआर की संसद वोल्क्सकामर और जर्मनी की वर्तमान संसद बुंडेस्टाग दोनों की सदस्य रही हैं.
शुरू में वे जर्मन एकीकरण की प्रशंसक नहीं थी, तब से लेकिन उनका हृदय परिवर्तन हो चुका है.
और वह अपने लिए चीजों को देखने और अपने स्वयं के निष्कर्ष निकालने की स्वतंत्रता का आनंद लेती है. वे बताती हैं कि पूर्वी जर्मनी के नागरिकों को वास्तव में पश्चिम के बारे में सिर्फ वही पता होता था जो वे अपने टेलीविजन स्क्रीन पर देखते थे. 1990 के बाद से वे दुनिया भर की यात्रा कर सकते हैं. वे कहती हैं, "उस समय से मैंने बहुत कुछ देखा है."
वापसलाओ'पुनर्मिलनकीसमाप्ति'
वह उन अन्यायों की आलोचक हैं जो उनकी राय में अभी भी मौजूद हैं. लेकिन कुल मिलाकर वे एकीकरण के व्यापक असर के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखती हैं. वह कहती हैं, "यह जर्मनी के अधिकांश लोगों के लिए सही रास्ता था." जब वह 3 अक्टूबर 1990 की तस्वीरें देखती है तो उनके रौंगटे खड़े हो जाते हैं. वह कहती हैं कि एकीकरण का जोश अभी भी मौजूद है. यह जोश है या जैसा कि वांडरवित्स कहते हैं, "एकीकरण का उत्साह," कुछ ऐसा है जिसकी उन्हें उम्मीद है कि इसे फिर से जिंदा किया जा सकता है. इसके लिए आबादी के बड़े हिस्से और नीति निर्माताओं से समर्थन की आवश्यकता होगी.
लेकिन एक बात जो वांडरवित्स और एंकेलमन दोनों को चिंतित करती है, वह है पूर्वी जर्मनी में लोकतंत्र के लिए समर्थन की कमी. पश्चिमी राज्यों में 91% की तुलना में पूर्वी हिस्से में केवल 78% लोग इसे सबसे अच्छी प्रणाली मानते हैं. हाल के वर्षों में पूर्वी जर्मनी ने उग्र दक्षिणपंथी दलों के उदय और कट्टरपंथी दक्षिणपंथी अपराध की अपेक्षाकृत अधिक संख्या देखी है. वांडरवित्स कहते हैं, "यह ठीक करने की जरूरत है." यह एक अहम विषय है और "राजनीतिज्ञों और समाज को इसकी परवाह करनी चाहिए," और सिर्फ आर्थिक कारणों से नहीं. अगर पूर्वी राज्य आर्थिक ताकत बनाए रखना चाहते हैं और इस क्षेत्र में सेवाएं जारी रखना चाहते हैं, तो "वह केवल प्रवासी कामगारों के साथ ही ऐसा कर पाएंगे."
इलाके के बहुत से युवा अभी भी पश्चिम का रुख कर रहे हैं, क्योंकि लगभग सभी बड़े ऑटोमोबिल और रासायनिक उद्योग वहीं स्थित हैं. फिर भी, वांडरवित्स को उम्मीद है कि आने वाले समय में पूर्वी राज्यों में, जो अब तीस वर्षों से जर्मनी का हिस्सा हैं, भविष्य में और अधिक लोग बसने के लिए जाएंगे.
रोमन खंडहरों से आधुनिक इंजीनियरिंग के समय तक जर्मन पुल इतिहास से वर्तमान तक का सफर बयान करते हैं. कई बार टूटने, बिखरने और एकीकरण जैसी घटनाओँ के साक्षी ये पुल इतिहास की कई कहानियां खुद में संजोए हैं.
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कुदरत की गोद में
1851 में बने बास्टेई पुल के कारण यात्री एल्बे नदी के 200 मीटर ऊपर, बड़े बड़े पत्थरों के बीच चल सकते थे. यह पुल बलुआ पत्थर से बनाया गया था. हर साल यहां सैकड़ों सैलानी आते हैं.
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छत वाला पुल
कुछ प्राचीन जर्मन पुलों पर छत भी हुआ करती थी. राइन नदी पर बना होल्जब्रुएके (लकड़ी का पुल) जर्मनी के बाड सैकिंगेन को स्विट्जरलैंड के श्टाइन शहर से जोड़ता है. यह 1272 में बनाया गया था लेकिन मध्यकाल में बाढ़ से बर्बाद हो गया. इसे दोबारा 1700 में बनाया गया. यह यूरोप के छत वाले पुलों में सबसे ज्यादा, 204 मीटर लंबा है.
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खूबसूरत मेहराब
1800 में जर्मनी में रेलवे लाइन के विस्तार के साथ तकनीकी चुनौतियां भी खड़ी हुईं. सेक्सनी राज्य की गोएल्श घाटी का पुल 1851 में जब खोला गया तो अपने मेहराबदार नक्काशी के अलावा सबसे ऊंचा रेल्वे पुल होने के लिए भी इसे जाना गया. यह आज भी दुनिया का सबसे बड़ा ईंट से बना पुल है.
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एरफुर्ट का मध्यकालीन इतिहास
गेरा नदी पर बने इस रौनकदार पुल पर दोनों तरफ अब गैलेरियां और शिल्पकारों की दुकानें हैं. रोमन शासकों के समय जब क्रेमरब्रुके व्यापारिक रास्ता था, तब यहां सब्जी और फल बिका करते थे. यहां के मशहूर क्रेमरब्रुक फेस्टिवल के दौरान हर साल जून में इस पुल पर मध्ययुग की झलक दिखाई देती है.
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डबल डेकर डिवाइडर
1961 में जब बर्लिन की दीवार बनाई गई तब ओबेरबाउम पुल बर्लिन के पूर्व और पश्चिम की सीमा बन गया. पुल पर चेकप्वाइंटों से सैनिक तटों की रक्षा करते थे. फ्रीडरिष्सहाइन और क्रॉएत्सबेर्ग जिलों को जोड़ने वाले इस पुल का डबल डेकर ढांचा 1989 में बर्लिन दीवार गिर जाने के बाद से शहर की एकता की निशानी है.
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रोमन खंडहर
यह रोमन पुल जर्मनी का सबसे पुराना पुल है. शुरुआत में यह लकड़ी से बनाया गया था, जिसे बाद में रोमन शासकों ने पत्थर से बदल दिया. इसके पत्थर के खंबे दूसरी शताब्दी के हैं. पुल के ऊपरी हिस्से की 12वीं और फिर 18वीं सदी में फ्रांसीसी बमबारी के बाद मरम्मत की गई.
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विस्फोटक पुल
1963 में शीत युद्ध के दौरान बनाए गए इस फेहमार्न पुल में चढ़ाई होने की आशंका के कारण विस्फोटक कक्ष बनाए गए थे. बाल्टिक सागर पर बना यह पुल फेहमार्न द्वीप को उत्तर पूर्वी जर्मनी से जोड़ता है. रास्ते के नीचे बने इन छ: कक्षों को पास के कंट्रोल रूम से नियंत्रित किया जाया था.
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रेमागेन के खंडहर
रेमागेन का लुडेनडॉर्फ पुल द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी जर्मनी के लिए कूटनीतिक दृष्टि से अहम रहा. मार्च 1945 में इस पर अमेरिकी सेना ने कब्जा कर लिया. नाजियों की भारी बमबारी में तो यह जैसे तैसे बच गया लेकिन कब्जे के 10 दिन बाद ही पुल ढह गया जिसमें कई सैनिक मारे गए. पुल के बचे हुए हिस्से को शांति स्मारक बना दिया गया.
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प्यार के ताले
द्वितीय विश्व युद्ध में हवाई हमलों के दौरान कोलोन में सिर्फ होहेनजोलेर्न पुल ही बचा था. लेकिन आज यह पुल लोगों के प्यार की दास्तान सुनाता है. प्यार की सलामती के लिए इस पुल पर लटक रहे दसियों हजार तालों का वजन 200 किलो से ज्यादा आंका जाता है.
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जहाजों का पुल
फिर से एकीकरण के बाद जर्मनी में पानी के रास्ते खुलने की मुहिम के दौरान 2003 में माग्डेबुर्ग पुल तैयार हुआ. इसकी मदद से जहाजों को पानी के छोटे रास्ते मिले. एल्बे नदी पर बना 900 मीटर लंबा यह पुल दुनिया का सबसे बड़ा पानी के जहाजों का पुल है.
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तीन देशों के बीच
'थ्री कंट्रीज ब्रिज' स्विट्जरलैंड, जर्मनी और फ्रांस तीनों देशों को एक दूसरे से जोड़ता है. 2007 में राइन नदी पर बना 248 मीटर लंबा यह पुल पैदल चलने वालों और साइकल सवारों के लिए बना दुनिया का सबसे लंबा पुल है. 2008 में इसे जर्मन ब्रिज कंस्ट्रक्शन पुरस्कार दिया गया.
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मेगा लेगोस
वुपरटाल का यह छोटा सा रेल्वे पुल किसी तकनीकी या वास्तुकला खासियत के लिए नहीं बल्कि रंगों के लिए मशहूर है. 2011 में ग्राफिटी कलाकार मार्टिन हॉयवोल्ड ने कुछ बेरोजगार लोगों की मदद से इसके बदरंग हो चुके पत्थरों में नए रंगों के साथ जान फूंक दी.