1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

एक चूक ने तोड़ दिया जर्मनी का सपना

१० फ़रवरी २०११

जर्मनी की फुटबॉल टीम पिछले 15 साल से एक बोझ ढो रही है. इटली को न हरा पाने का बोझ. बुधवार को उसके पास इस बोझ को उतार फेंकने का मौका था लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाई. मैच ड्रॉ हो गया.

तस्वीर: AP

पिछली बार जर्मनी ने इटली को 1995 में ज्यूरिख में हराया था. स्विस फुटबॉल फेडरेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर खेला गया वह मैच जर्मनी ने 2-0 से जीता था. उसके बाद से दोनों के बीच चार मैच खेले गए हैं और चारों में इटली ने जीत हासिल की. बुधवार को जर्मनी के डोर्टमुंड शहर में खेले गए मैच में मीरोस्लाव क्लोजे ने पहले हाफ में गोल करके इटली का विजय रथ थामने की उम्मीदें जगा दी थीं. लेकिन इटली के 24 साल के रोसी ने क्लोजे के गोल को खेल खत्म होने से बस नौ मिनट पहले उतारकर उम्मीदों को चूर चूर कर दिया.

तस्वीर: AP

इस मैच में जर्मनी का हासिल बस क्लोजे का एक गोल ही रहा. बायर्न म्यूनिख के फॉर्वर्ड खिलाड़ी क्लोजे का अपने 106वें मैच में यह 59वां गोल था. अब वह गर्ड म्यूलर के जर्मनी के लिए सबसे ज्यादा 68 गोल बनाने के रिकॉर्ड के और करीब पहुंच गए हैं.

वैसे इटली और जर्मनी के बीच रिकॉर्ड की बात की जाए तो इटली काफी भारी है. उसने 14 मैच जीते हैं जबकि जर्मनी सिर्फ 7 मैच जीत पाया है. और बुधवार के मैच के बाद ड्रॉ होने वाले मैचों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है.

मैच के बाद जर्मनी के उप कप्तान बास्टियान श्वाइनश्टाइगर ने कहा, "बहुत शर्म की बात है कि हम एक और गोल नहीं कर सके. मैदान पर काम आसान नहीं था. हमारी टीम अपने तकनीकी पक्ष के जरिए खेल पर हावी होने की कोशिश करती है. लेकिन बात बनी नहीं. फिर भी मुझे यकीन है कि हम भविष्य में इटली को हराने में जरूर कामयाब होंगे."

तस्वीर: AP

इटली के लिए इस मैच की खासी अहमियत है क्योंकि पिछले साल वर्ल्ड कप में उसका प्रदर्शन काफी खराब रहा था. उसके बाद से टीम दोबारा अपनी लय पाने के लिए काम कर रही है. और इस मैच के बाद कोच गियानलुइगी बुफोन निराश नहीं हुए होंगे. क्योंकि अपने मैदान पर खेल रही जर्मनी वर्ल्ड कप में अच्छे प्रदर्शन के बाद आत्मविश्वास से भरी हुई थी.

इसी आत्मविश्वास से जर्मनी ने खेल की शुरुआत की और 16 मिनट बाद वह 1-0 से आगे थे. उसके बाद इटली ने पूरा मैच लगातार इस गोल को उतारने की कोशिश में ही खेला. और जैसे जैसे वक्त गुजरता गया जर्मनी की उम्मीदें खुशी में तब्दील होती गईं. उसके खिलाड़ी 81वें मिनट से पहले कहीं नहीं चूके. लेकिन एक चूक सब कुछ बर्बाद कर गई. रोसी के गोल ने जर्मनी को दोबारा उसी नाउम्मीदी के घेरे में भेज दिया जहां से उसे फिर शुरुआत करनी होगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें